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नई दिल्ली। नीरव मोदी की तर्ज पर ही हरियाणा की लकड़ी की एक कंपनी पर ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) के साथ 155 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई ने जो एफआईआर दर्ज किया है उसके अनुसार कंपनी ने कथित तौर पर बैंक बुक में उल्लेख किए बिना फंड ट्रांसफर के लिए इंटरनेशनल बैंकिंग मैसेज का इस्तेमाल करके सिंगापुर में अपनी सहायक कंपनी की स्वीकृत क्रेडिट सीमाओं में हेरफेर कर बैंक के साथ धोखाधड़ी की। बता दें कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने भी इसी तरह से पंजाब नेशनल बैंक के साथ धोखाधड़ी की।
सीबीआई की ओर से दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक कंपनी ने कथित तौर पर बैंक बुक में उल्लेख किए बिना फंड ट्रांसफर के लिए इंटरनेशनल बैंकिंग मैसेज का इस्तेमाल करके सिंगापुर में अपनी सहायक कंपनी की स्वीकृत क्रेडिट सीमाओं में हेरफेर कर बैंक के साथ धोखाधड़ी की।
उल्लेखनीय है कि पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.) के साथ भी हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने भी इसी तरह की धोखाधड़ी की थी। अधिकारियों ने बताया कि एमटीपीएल ने आयातित लकड़ी के व्यापार और आवरण में लगे हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ओबीसी और बैंक ऑफ बड़ौदा के एक संघ से 242.09 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया।
बैंक को स्वीकृत नकद क्रेडिट सीमा को बढ़ाकर ओबीसी के साथ यह धोखाधड़ी की गई। ओबीसी की शिकायत पर सीबीआई ने महेश टिंबर प्राइवेट लिमिटेड (एमटीपीएल) के निदेशकों अशोक मित्तल और निशा मित्तल, बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक सुरेंद्र कुमार रंगा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। गौर करने वाली बात है कि रंगा को इस मामले मे बर्खास्त कर दिया गया है।
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