गुरुवार, 25 अगस्त 2022

चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया - भ्रष्टाचार, अंडरवर्ल्ड और देशविरोधी गतिविधियां

 

चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया - भ्रष्टाचार, अंडरवर्ल्ड और देशविरोधी गतिविधियां


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विनय जी. डेविड  9893221036

भारत में चर्च एवं चर्च द्वारा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थित समूहों, संस्थाओं एवं संगठनों के द्वारा विभिन्न प्रकार के अपराध किए जाने के मामले सामने आए हैं। चर्च से जुड़े लोगों पर यौन शोषण से लेकर हत्या करने के भी आरोप लगे हैं। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों में चर्च के द्वारा किए जा रहे अवैध मतांतरण की खबरें तो आम हो चुकी हैं।

लेकिन इन सब के बीच चर्च और उसके लोगों के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार पर कोई बात नहीं होती। दरअसल ऐसी कई रिपोर्ट्स और आरोप सामने आये हैं जिनमें यह दावा किया गया कि चर्च और उससे जुड़े लोगों के द्वारा इतनी बड़ी मात्रा में भ्रष्टाचार किया जा रहा है जो भारत के सबसे बड़े भ्रष्टाचार के मामलों में से एक है।

भारत में चर्च का जो सबसे बड़ा संगठन मौजूद है, वह है चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया। यह संगठन दक्षिण भारत के गिरिजाघरों को छोड़कर शेष भारत के अधिकांश चर्च से जुड़ा हुआ है। यह देश की सबसे बड़ी ईसाई मिशनरी संस्था है। अब इस समूह के मॉडरेटर ईसाई बिशप पीसी सिंह पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगा है।

आरोपों में कहा गया है कि ईसाई बिशप ने चर्च के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले किए हैं एवं शासकीय भूमि से संबंधित भी बड़ा गबन किया है। इसमें दिलचस्प बात यह भी है कि ईसाई बिशप पर यह आरोप किसी बाहरी ने नहीं, बल्कि उनके अपने संगठन के लोगों ने लगाए हैं। इसके अलावा ईसाई संगठन के इस मॉडरेटर पर कुछ विशेष राजनीतिक दलों का समर्थन करने और अंडरवर्ल्ड से भी जुड़े होने के आरोप लगे हैं।

दरअसल 'चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया' से जुड़े कुछ सदस्यों ने प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से भी ईसाई बिशप के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि ईसाई बिशप ने करोड़ों रुपयों का गबन किया है, और यह रकम इतनी बड़ी है कि यदि उसके गतिविधियों की पूरी जांच हो तो शासकीय भूमि बेचकर संपत्ति अर्जित करने के मामले में यह देश का सबसे बड़ा घोटाला होगा।

ईसाई संगठन की दिल्ली इकाई के पूर्व बिशप वारिस मसीह ने इस विषय पर कहा है कि संस्था के मॉडरेटर बिशप पीसी सिंह ने विभिन्न प्रदेशों में चर्च की जमीन और विद्यालयों की जमीन को अवैध रूप से बेचकर घोटाला किया है। इसके अलावा पीसी सिंह ने शासकीय जमीनों में भी बड़ी मात्रा में गबन किया है। 

वारिस मसीह का कहना है कि देश बड़े एवं शक्तिशाली लोगों से पीसी सिंह संबंध हैं, इसी कारण उस पर कोई कार्यवाई भी नहीं होती। वारिस मसीह के अलावा इस ईसाई संगठन से जुड़े नितिन लारेंस का भी कहना है कि ईसाई बिशप पीसी सिंह अवैध रूप से बिल्डरों को जमीन दे रहा है और करोड़ों रुपये का गबन कर रहा है।

जबलपुर सीनेट के नितिन लारेंस ने बताया कि बिशप पीसी सिंह पर मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के विभिन्न नगरों में कुल 100 से अधिक केस दर्ज है। पंचमढ़ी क्षेत्र में भी ईसाई बिशप ने 300 करोड़ की भूमि को अवैध रूप से लीज पर दिया है। 

इसके अलावा ईसाई बिशप पर ऐसे आरोप लगे हैं कि शिक्षण संस्थाओं के लिए खर्च की जाने वाली रकम को ईसाई मिशनरी के किए कार्य कर रहे पादरियों को दिया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के अधीन जितने भी विद्यालय हैं, उसके द्वारा एकत्रित की जा रही फीस से पादरियों को वेतन दिया जा रहा है।

इसके अलावा लखनऊ में भी 100 अरब की संपत्ति से जुड़ी अनियमितता दिखाई दी है, जिसमें बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का आरोप सामने आया है। नितिन लारेंस ने ईसाई बिशप पीसी सिंह पर अंडरवर्ल्ड आतंकी दाऊद इब्राहिम के सहयोगी से भी जुड़े होने का आरोप लगाया है।

नितिन लारेंस का कहना है कि पीसी सिंह ने दाऊद के सहयोगी रियाज भाटी को चर्च की जमीन लीज पर दी है। मुंबई जिमखाने स्थित इस जमीन को लेकर पुलिस ने जब छानबीन की तब रियाज भाटी के पास इस जमीन का एग्रीमेंट सामने आया है। हालांकि महाराष्ट्र पुलिस की जाँच के बाद भी पीसी सिंह का कुछ नहीं हुआ।

इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि पीसी सिंह को गैर-भाजपा शासित राज्यों में राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण मिल रहा है। साथ ही उत्तर प्रदेश के चुनाव में पीसी सिंह ने गुप्त रूप से एक विशेष दल के लिए प्रचार भी किया था।

ईसाई समूह के इस मॉडरेटर बिशप पीसी सिंह से जुड़ी यह जानकारी भी सामने आई है कि पीसी सिंह भ्रष्टाचार द्वारा अर्जित किए गए पैसों से देश विरोधी गतिविधियों को भी अंजाम दे रहा है। ईसाई समूह के ही पूर्व सदस्य ने यह दावा किया है कि यदि पीसी सिंह की सीबीआई जांच हो तो भ्रष्टाचार के साथ-साथ कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ जाएंगे।

इसके अलावा कई राजनीतिक दलों को फंडिंग करने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध मतांतरण की गतिविधियों में भी इन पैसों का उपयोग पीसी सिंह कर रहा है। हाल ही के वर्षों में पीसी सिंह का एक खास सहयोगी बिशप पीटर बलदेव को लखनऊ में गिरफ्तार किया गया था।

कुल मिलाकर देखा जाए तो चर्च के द्वारा किए जा रहे अवैध मतांतरण की गतिविधियों पर तो सभी की नजर है लेकिन इसके पीछे जिस तरह से चर्च से जुड़े लोग व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार कर रहे हैं, उसकी भी जांच होनी आवश्यक है।

यह भी आवश्यक है कि पीसी सिंह जैसे लोगों की जांच किसी बड़ी राष्ट्रीय संस्था से कराई जाए ताकि भ्रष्टाचार की परतों के अलावा देश विरोधी गतिविधियों के लिए की जा रही फंडिंग का स्त्रोत भी उजागर किया जा सके।

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बुधवार, 24 अगस्त 2022

चर्च ऑफ नार्थ इंडिया में धमाका, मॉडरेटर पीसी सिंह को किया गया मॉडरेटर पद से बर्खास्त



मॉडरेटर पीसी सिंह को किया गया मॉडरेटर पद से बर्खास्त

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विनय जी. डेविड  9893221036

▪️ नए मॉडरेटर डॉक्टर भांबल ने बिशप दान को डायसिस आफ लखनऊ के बिशप के रूप में दी मान्यता 

▪️ बिशप मनोज चरण उन को शपथ दिलाने वाली रचना सिंह एवं जोसवा  होंगे जल्द गिरफ्तार। याचिका संख्या 4121/2002में पारित आदेश हुआ निष्प्रभावी।

प्रयागराज. चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की राजनीति में भूचाल लाने वाले बिशप मॉरिस दान ने लंबी छलांग लगा दी है तथा पीसी सिंह द्वारा बिछाई गयी बिसात को को तहस-नहस कर दिया है । बिशप मोरिस दान ने अपनी न्यायिक लड़ाई के आड़े आने वाले किसी भी शख्स को नहीं बख्शा और जो भी सामने पड़ा उसे गाजर मूली की तरह काटते हुए अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर बिशप दाम के इस नए धमाके से तमाम नए समीकरण बनेंगे बिगड़ चुके हैं । 


मॉडरेटर पीसी सिंह को किया गया मॉडरेटर पद से बर्खास्त


सूत्रों से आ रही बड़ी खबर के अनुसार चर्च आफ नॉर्थ इंडिया के मॉडरेटर डॉक्टर बी भांबल द्वारा जारी पत्र से यह साफ हो गया है कि पीसी सिंह का कार्यकाल समाप्त हो चुका था । और उनको किसी भी प्रकार का कोई अधिकार नहीं रह गया था, फिर भी पूर्व मॉडरेटर पीसी सिंह ने फर्जी, कूटरचित एवं जालसाजी के द्वारा डायसिस आफ लखनऊ में मनोज चरण की नियुक्ति बतौर बिशप कर दिया। और अपनी बेहद करीबी सहयोगी रचना सिंह एवं जोशवा को शपथ दिलाने के लिए प्रयागराज भेज दिया। सूत्रों की माने तो  इन दोनो क़रीबियों के विरुद्ध बिशप दान की टीम एफआईआर दर्ज करा रही है। अब इस पत्र से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पीटर बलदेव द्वारा दाखिल याचिका संख्या 4121/2022 में पारित आदेश निष्प्रभावी हो गया है । 

चर्च ऑफ नार्थ इंडिया में ज़ोरदार धमाका

क्योंकि उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट कहा है कि चर्च आफ नॉर्थ इंडिया द्वारा अधिकृत बिशप ही सभी संस्थाओं का संचालन करेगा। अब उसी न्यायालय में डॉक्टर भांबल अपना वकालतनामा प्रस्तुत करके हलफनामा दाखिल कर अधिकारिक रूप से पुष्टि करेंगे कि चर्च ऑफ़ नार्थ इंडिया के एकमात्र अधिकृत चेयरमैन बिशप मोरिस एड्गर दान हैं। जिनकी सूची सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत पंजीकृत है। जिस पर उच्च न्यायालय द्वारा किसी भी प्रकार की कोई रोक नहीं लगायी गयी है वहीं सूत्रों की माने तो दूसरी ओर चर्च ऑफ़ नार्थ इंडिया के पदाधिकारी डेनिस लाल की तरफ से भी हलफनामा दाखिल हुआ है कि, दान बर्खास्त बिशप है जबकि दान की बहाली का आदेश तत्कालीन कार्यवाहक मॉडरेटर प्रबल दत्ता ने जारी कर रखा है। 


मॉडरेटर पीसी सिंह को किया गया मॉडरेटर पद से बर्खास्त


किसी भी कानूनी जानकार के द्वारा यह बताया जा सकता है कि जब दो-दो चर्च ऑफ नार्थ इंडिया खड़ी होगी तो यह विषय ट्रायल कोर्ट अर्थात सिविल सूट का है। माननीय उच्च न्यायालय यह तय नहीं कर सकता कि किस चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का अस्तित्व है अथवा नहीं। तथा कौन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया अनाधिकृत है। ऐसी स्थिति में एक बार  गेंद पुनः सहायक रजिस्ट्रार सोसाइटीज के पाले में जाएगी जो चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के संविधान के मुताबिक यह तय करेंगे कि किस मॉडरेटर का कार्यकाल खत्म है  तथा कौन सा मॉडरेटर सही है। 

क्या सविधान के मुताबिक  बर्खास्तगी का आदेश नियमानुसार सिनोड  कोर्ट के द्वारा किया गया था अथवा नहीं ? इन सब का फायदा कई अन्य बर्खास्त बिशप को भी होगा, क्योंकि अगर तय प्रक्रिया से कोई भी बिशप  बर्खास्त नहीं किया गया है तथा पीसी सिंह व एग्जीक्यूटिव कमेटी का कार्यकाल समाप्त हो गया था तो ऐसी स्थिति में यदि पी सी सिंह द्वारा कोई भी बिशप बर्खास्त किया गया और दूसरी चर्च ऑफ नार्थ इंडिया ने उस बिशप को बहाल कर दिया तो पुराने बिशप पुनः कार्य करते रहेंगे। 


अन्य डायसिस के बर्खास्त बिशप कैसे और कब तक लड़ेंगे यह तो ऊपर वाला ही जाने लेकिन डायसिस आफ लखनऊ में बिशप दान जल्द ही सभी संस्थाओं के चेयरमैन बनकर बैठेंगे यह सुनिश्चित हो चुका है। और इसमें आड़े आने पी सी सिंह,  मनोज चरण समेत कई लोग जेल की बैंरकों में बैठकर प्रातः भजन व योग करेंगे। जेल के अंदर पीटर बलदेव बेसब्री से अपने आका पीसी सिंह का इंतजार कर रहा है। रही बात बिशप दान की तो यह साफ़ है कि दान को रोकना अब मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। 

वहीं दूसरी ओर शाहगंज में जिस मामले में पीसी सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल है उसमें न्यायालय द्वारा पीसी सिंह के विरुद्ध वारंट जारी करने का प्रार्थना पत्र वादी मुकदमा ने दे दिया है । साथ ही गैंगस्टर मामले में भी अंतर्राष्ट्रीय जालसाज, महाठग तथा धनशोधनकर्ता पीसी सिंह का नाम भी प्रकाश में आ चुका है। 


मॉडरेटर पीसी सिंह को किया गया मॉडरेटर पद से बर्खास्त



मॉडरेटर पीसी सिंह को किया गया मॉडरेटर पद से बर्खास्त

जानकारों की माने तो जिन लोगों ने यह सपना देख रखा है कि वह दान से लड़ेंगे भी और दान हमें छोड़ भी देंगे तो वह अब अपनी इस उत्तेजना पर क़ाबू पा लें। जानकारों ने सलाह दिया है कि ऐसे लोग अपनी अयोग्यता की कुंडली खंगाल कर फ्रंट पर आने का कार्य करें। जल्द ही उनको बड़े परिणाम डायसिस आफ लखनऊ में देखने को मिलेंगे। 

क्योंकि बिशप डॉन का तो बस एक ही कहना है.. 

कबीरा खड़ा बाजार में लिया लुगाठी  हाथ.. 

जो घर फूको आपनो चलो हमारे साथ.. 

ना पाने की खुशी ना खोने का गम.


ईसाइयों का कलंक पी सी सिंह द्वारा आपराधिक पृष्ठभूमि और महिला कर्मचारियों का शोषण / यौन उत्पीड़न और पदाधिकारियों के आपराधिक रिकॉर्ड

P C SINGH JABALPUR


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विनय जी. डेविड 9893221036

JABALPUR. पी सी सिंह ( P C SINGH ) महिला कर्मचारियों का खुलेआम शारीरिक शोषण कर रहे हैं। नौकरी जाने के डर से पीड़ित महिलाएं उसके खिलाफ शिकायत नहीं कर रही हैं। एक महिला श्रीमती चेरिल एन कोलाको ने इस व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, जबलपुर ने अपराध संख्या 64/2012 (मामला संख्या 6969/2013) में भारतीय दंड संहिता की धारा 509 के तहत श्री पी सी सिंह के खिलाफ संज्ञान लिया और आदेश दिनांक 15.07.2013 को पारित किया। इस आदेश को श्री पी सी सिंह ने जबलपुर में मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश दिनांक 20.01.2014 के तहत योग्यता के अभाव में याचिका खारिज कर दी। आदेश की प्रति संलग्न है।

P C SINGH JABALPUR



P C SINGH JABALPUR ANI NEWS INDIA

प्रतिवादी संख्या 2 और सीएनआई धर्मसभा के अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ रायपुर में झारखंड उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिट याचिका (सीआरएल) दायर की गई है, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय ने उप निदेशक, प्रवर्तन निदेशालय को कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की प्रार्थना की है। चर्च की संपत्तियों की अनधिकृत और अवैध बिक्री के लिए पदाधिकारियों के खिलाफ विभिन्न प्राथमिकी दर्ज की गईं। 

P C SINGH JABALPUR



रिट निर्णय के लिए लंबित है। रिट याचिका में करीब 50 एफआईआर का जिक्र है। इन एफआईआर में एस.जी. पी सी सिंह और/या उनके वफादार व्यक्तियों को अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए गिरजे की संपत्ति को औने-पौने दामों पर बेचने के लिए नामित किया गया है। कुछ प्राथमिकी का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:

FIR 281/2008 dt.13.07,79 at Police Station Civil Lines, Prayagraj/Allahabad u/s 420, 467, 468,471, 120-B of IPC against Sh P C Singh, P P Mordy & others.

FIR 761/2017 dt.17.12.17 at Police Station Civil Lines, Prayagraj/Allahabad u/s 406, 419, 420, 467, 468, 471, 120-B of IPC against Sh P C Singh, Prabol Dutta & others

FIR 874/2018 dt.12.11.18 at Police Station Colonelganj, Prayagraj/Allahabad u/s 419, 420, 467, 468,471, 120-B of IPC against Sh P C Singh, Peter Baldev & others

FIR 03/2019 dt.03.01.19 at P.S.Yayvar Sadar Distt Ajmer (Raj.) u/s 120-B, 417, 420, 465, 466, 467, 468,471 of IPC against Prem Masih, Sh P C Singh & others.

FIR 04/2019 dt. 03.01.19 at P.S.Yayvar Sadar Distt Ajmer (Raj.) u/s 120-B, 417, 420, 465, 466, 467, 468,471 of IPC against Prem Masih, Sh P C Singh & others

FIR 05/2019 dt. 03.01.19 at P.S.Yayvar Sadar Distt Ajmer (Raj.) u/s 120-B, 417, 420, 465, 466, 467, 468,471 of IPC agst Prem Masih, Justine Boniface, Sh P C Singh& ors

FIR 220/2019 dt. 20.06.19 at P.S.vidhyakapuri, Distt Jaipur u/s 120-B, 406, 420, 467, 468, 471 of IPC against Prem Masih, Justine Boniface, Sh P C Singh& ors.

FIR 478/2019 dt. 04.11.19 at P.S. Atru, Dist Baron (Raj.) u/s 120-B, 406, 420, 467, 468, 471 of IPC against Prem Masih, Sh P C Singh& ors.

Some  other FIRs as per brief detail below:

FIR No.481/2019 dt 04.11.19 in PS Atru, Dist Baron Raj.

FIR No.241/2019 dt 28.06.19 in PS C. L. Dist Ajmer Raj.

FIR No.242/2019 dt 28.06.19 in PS C. L. Dist Ajmer Raj.

FIR No.243/2019 dt 04.11.19 in PS C. L. Dist Ajmer Raj.

FIR No.244/2019 dt 04.11.19 in PS C. L. Dist Ajmer Raj.

FIR No.312/2018 dt 22.11.18 in PS SAS Nagar, Mohali.

FIR No.203/2020 dt 30.05.20 in PS C L Prayagraj UP

FIR No.759/2019 dt 06.09.19 in PS Colnolganj Prayagraj

FIR No.40/2021 dt 29.1.21 in Navabad Distt Jhansi.

FIR No.26/21 dt 14.01.21 in PS Hajratganj, Lucknow

FIR No.269/19 dt  in PS Hajratganj, Lucknow

These FIRs show that the Church is now occupied with office bearers of criminal records and activities. These persons should no be allowed to continue to occupy key positions in the Church and loot its resources and destroy its holy image.

शुक्रवार, 19 अगस्त 2022

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रेस फोटोग्राफर्स के साथ किया पौध-रोपण

 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रेस फोटोग्राफर्स के साथ किया पौध-रोपण

ANI NEWS INDIA

मुख्यमंत्री ने विश्व फोटोग्राफी दिवस पर ली प्रेस फोटोग्राफर्स की तस्वीर
बादाम, पीपल और गोंदी के पौधे लगाए

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्व फोटोग्राफी दिवस पर आज प्रेस फोटोग्राफर्स के साथ पौध-रोपण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वयं प्रेस फोटोग्राफर्स की फोटो खींची तथा उन्हें विश्व फोटोग्राफी दिवस की शुभकामनाएँ दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बादाम, पीपल और गोंदी के पौधे लगाए। फोटोजर्नलिस्ट वेलफेयर सोसाइटी भोपाल के अध्यक्ष श्री शमीम खान, मुख्यमंत्री प्रेस प्रकोष्ठ के फोटोग्राफर श्री सलीम मिर्जा, प्रदेश टाइम्स के श्री रविंदर सिंह, हरिभूमि के श्री जसप्रीत सिंह, स्वदेश के श्री एन. चौकसे सहित प्रेस फोटोग्राफर श्री संदीप गुप्ता, श्री पृथ्वीराज और श्री विष्णु भी पौध-रोपण में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ 6 वर्षीय दिव्यांका भोंसले ने भी पौधा लगाया। छत्रपति शिवाजी सेवा कल्याण समिति भोपाल से जुड़े उनके परिवार के सदस्य श्री दिनेश भोंसले, श्री दुर्गेश भोसले और श्रीमती प्रियंका भोंसले ने भी पौध-रोपण किया। समिति के सदस्य श्री मुकेश मेल, श्री आकाश प्रजापति, श्रीमती विभा गरूड़, सुश्री ज्योति अंधाडे भी पौध-रोपण में शामिल हुई।

पौधों का महत्व

पीपल एक छायादार वृक्ष है। यह पर्यावरण शुद्ध करता है। इसका धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व है। बादाम एक मेवा है। तकनीकी दृष्टि से यह बादाम के पेड़ के फल का बीज है। बादाम के पेड़ में गुलाबी और श्वेत रंग के सुंगधित फूल लगते हैं। गोंदी के फल खाद्य सामग्री के रूप में उपयोग और इसकी लकड़ी का व्यवसायिक उपयोग होता है।

गुरुवार, 18 अगस्त 2022

65 हजार की सैलरी पाने वाला धनकुबेर, एआरटीओ के घर से मिले नोटों के बंडल

RTO संतोष पाल, आय से 650 गुना ज्यादा संपत्ति, 6 आलीशान मकान, EOW का रेड जारी


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मध्य प्रदेश के जबलपुर में आरटीओ संतोष पॉल पर बड़ा खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) इकोनॉमिक ऑफेंस विंग की छापे में आरटीओ की अकूत संपत्ति का पता चला है। ईओडब्ल्यू को शिकायत मिली थी कि आरटीओ ने अवैध तरीके से अपनी संपत्ति बनाई है। अधिकारियों ने पॉल के जबलपुर, सागर के ठिकानों एवं उसके फॉर्म हाउस पर छापा मारा। 

जबलपुर में बुधवार देर रात उस वक्त हड़कंप मच गया, जब नेताओं और परिवहन विभाग के चहेते जबलपुर के एआरटीओ (प्रभारी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी) संतोष पॉल के घर सहित सभी ठिकानों पर ईओडब्ल्यू ने छापा मारा. पॉल के शताब्दीपुरम स्थित आलीशान पेंटहाउस और गढ़ा फाटक स्थित पुश्तैनी मकान पर ईओडब्ल्यू की टीमें एक साथ पहुंचीं. ईओडब्ल्यू को संतोष पॉल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की कई शिकायतें मिली थीं. बताया जाता है कि संतोष पॉल ने आय से करीब 650 गुना अधिक संपत्ति बनाई है. सूत्र बताते हैं कि उनके पास 300 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है.


RTO संतोष पाल, आय से 650 गुना ज्यादा संपत्ति, 6 आलीशान मकान, EOW का रेड जारी


नेताओं और परिवहन विभाग के चहेते जबलपुर के एआरटीओ (प्रभारी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी) संतोष पॉल के घर सहित सभी ठिकानों पर ईओडब्ल्यू ने बुधवार देर रात छापा मारा. इस छापे से हड़कंप मच गया. ईओडब्ल्यू की टीमों ने पॉल के शताब्दीपुरम स्थित आलीशान पेंटहाउस और गढ़ा फाटक स्थित पुश्तैनी मकान पर एक साथ दबिश दी. जानकारी के मुताबिक, ईओडब्ल्यू को संतोष पॉल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिली थी. शिकायत सही पाये जाने के बाद ईओडब्ल्यू ने यह जांच शुरू की है. वह आधी रात तक संपत्ति संबंधी दस्तावेज जुटाती रही. संतोष पॉल के पास वैध स्रोतों से प्राप्त आय की तुलना में करीब 650 गुना अधिक संपत्ति है. बताया जाता है कि वह 300 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं.

RTO संतोष पाल, आय से 650 गुना ज्यादा संपत्ति, 6 आलीशान मकान, EOW का रेड जारी

गौरतलब है कि संतोष पॉल लगभग 4 सालों से जबलपुर में पदस्थ हैं. सूत्रों के अनुसार इनके कई रिश्तेदार भी आरटीओ के विभिन्न कामों में ठेका और पार्टनरशिप में शामिल हैं. बीते सालों में संतोष पॉल के खिलाफ कई मामले सामने आए, जिनमें फर्जी जाति प्रमाण पत्र, ऑटो चालक को गांजा बेचने के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी देना, रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस, परमिट सहित वीआईपी नंबर्स की मनमानी फीस वसूलना और कमीशन लेने जैसे आरोप भी लगे. एआरटीओ के पद पर रहते हुए संतोष पॉल ने करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति जुटाई है, जिसके कारण ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज हुई. साथ ही कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई.

RTO संतोष पाल, आय से 650 गुना ज्यादा संपत्ति, 6 आलीशान मकान, EOW का रेड जारी


शिकायतें मिलने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

ईओडब्ल्यू से मिली जानकारी के अनुसार संतोष पॉल के पास वैध स्रोतों से प्राप्त आय की तुलना में करीब 650 गुना अधिक संपत्ति है. जबकि सूत्रों की मानें तो संतोष पॉल 300 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं. लगातार शिकायतें मिलने के बाद भी संतोष पॉल के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई.  इससे स्पष्ट है कि ब्यूरोक्रेसी के मामले में इनकी पहुंच कई मंत्रियों और बड़े अधिकारियों तक है. संतोष पॉल के घर ईओडब्ल्यू की कार्रवाई 16 घंटे से चल रही है. उसके यहां 16 लाख कैश भी मिला है

RTO संतोष पाल, आय से 650 गुना ज्यादा संपत्ति, 6 आलीशान मकान, EOW का रेड जारी


ये हैं एआरटीओ संतोष पॉल की संपत्तियां

  • एक आवासीय भवन, पी. पी. कॉलोनी, ग्वारीघाट वार्ड, जबलपुर ( 1247 वर्ग फिट)
  • एक आवासीय भवन, शंकर शाह वार्ड, जबलपुर (1150 वर्ग फिट)
  • दो आवासीय भवन शताब्दीपुरम् एम. आर. – 04 रोड, जबलपुर (10,000 वर्ग फिट)
  • एक आवासीय भवन कस्तूरबा गांधी वार्ड, जबलपुर (570 वर्ग फिट)
  • एक आवासीय भवन गढ़ा फाटक, जबलपुर (771 वर्ग फिट निर्माण)
  • ग्राम दीखाखेड़ा, चरगवां रोड, जबलपुर में फार्म हाउस (1.4 एकड़)
  • कार आई – 20, एम. पी. 20 सीबी 5455, स्कार्पियो एम. पी. 20 एचए 8653
  • मोटर साइकिल पल्सर एम.पी.- 20 एन.एफ. 2888
  • मोटर साइकिल बुलट एम. पी. – 20 एमस. जेड 5455
  • लग्जरी कारों का जखीरा

पिछले साल भी विवादों में आए थे RTO
सूत्रों का कहना है कि इस धनकुबेर कि पूरी संपत्ति कितनी है, इसके बारे में शाम तक खुलासा हो सकता है। जबलपुर के आईटीओ पॉल पिछले साल भी विवादों में आए थे। वह एक ऑटो ड्राइवर को 100 ग्राम गांजे के साथ फंसाने की बात कह रहे थे। छापे में आरटीओ के घर से 16 लाख रुपए की नकदी और जूलरी बरामद हुई है।    

छह आलीशान मकान के बारे में पता चला

(ईओडब्ल्यू) एसपी राजपूत ने बताया कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में सर्च कार्रवाई की जा रही है। प्रारंभिक सर्च कार्रवाई में आलीशान घर, लग्जरी कारें, जमीन, प्लाट सहित करोड़ों की संपत्ति का पता चला है। रिपोर्टं के मुताबिक अब तक पीपी कालोनी ग्वारीघाट में 1247 वर्गफीट का एक आवासीय भवन, शंकर शाह वार्ड में 1150 वर्गफीट का एक आवासीय भवन, शताब्दीपुरम में दस हजार वर्गफीट के दो आवासीय भवन, कस्तूरबा गांधी वार्ड में 570 वर्गफीट का एक आवासीय भवन, गढ़ा फाटक में 771 वर्गफीट का एक आवासीय भवन और चरगवां रोड पर 1.4 एकड़ का फार्म हाउस का पता चला है। बता दें क‍ि इससे पहले 8 अगस्‍त को जबलपुर में ही कुंडम तहसील निवासी समिति सहायक प्रबंधक के घर पर ईओडब्ल्यू का छापा पड़ा था।

छात्र-छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार करने पर कन्या हाई स्कूल व्हीकल का भृत्य निलंबित


जबलपुर / थामस पॉल

जबलपुर। जाति प्रमाण-पत्र के वितरण के दौरान छात्र-छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार करने के आरोप में शासकीय कन्या हाईस्कूल व्हीकल के भृत्य गोपाल बर्मन को निलंबित कर दिया है।

जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी के अनुसार भृत्य गोपाल बर्मन 6 अगस्त को व्हीकल स्थित शासकीय कन्या हाईस्कूल में शराब पीकर विद्यालय पहुंचा था। उसी समय विद्यालय में जाति प्रमाण-पत्र वितरित किये जा रहे थे।

भृत्य गोपाल बर्मन द्वारा मौजूद छात्र-छात्राओं को डंडा दिखाकर डराने का प्रयास किया तथा उन्हें अपशब्द भी कहे गये। भृत्य के अभद्र व्यवहार पर उसे प्राचार्य कक्ष में बुलाया गया जहां उसने बीयर पीना स्वीकार किया तथा प्राचार्य को आत्महत्या करने की धमकी भी दी गई।

जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि गोपाल बर्मन के इस कृत्य को पदीय दायित्वों के विपरीत एवं गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए उसे मध्यप्रदेश में सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उसका मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी जबलपुर नियत किया गया है।

जबलपुर के न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल अग्निकांड में आरोपी दो डॉक्टरों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की



न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल अग्निकांड


जबलपुर से पंकज विश्वकर्मा की रिपोर्ट 

TIMES OF CRIME ( TOC NEWS )

9329222298


जबलपुर जिला न्यायालय ने अस्पताल अग्निकांड के मामले में फरार दो डॉक्टरों की अग्रिम जमानत खारिज कर दी। कोर्ट को बताया गया था कि पूछताछ के लिए आवेदन दोनों फरार डॉक्टरों की गिरफ्तारी आवश्यक है।


मध्य प्रदेश के जबलपुर के न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल अग्निकांड में आरोपी दो डॉक्टरों की अग्रिम जमानत याचिका जिला न्यायालय ने खारिज कर दी है। प्रकरण में अस्पताल संचालक दो डॉक्टर सहित चार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है। इन दोनों की गिरफ्तारी बाकी है। 

गौरतलब है कि हादसा एक अगस्त को हुआ था। इसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी, वहीं पांच लोग घायल हुए थे। मामले में विजय नगर पुलिस ने अस्पताल संचालक चार डॉक्टरों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या तथा गैर इरादतन हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था। प्रकरण में फरार चल रहे संचालक दो डॉक्टरों ने अग्रिम जमानत के लिए जिला न्यायालय में आवेदन दायर किया था। एडीजे आरपीएस चुंडावत ने सुनवाई के बाद आरोपी डॉ. निशिंत गुप्ता व डॉ. सुरेश पटेल के आवेदन को खारिज कर दिया। 

अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय को बताया गया कि विजय नगर थाना क्षेत्रातंर्गत शिवनगर समीप स्थित न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में गत 1 अगस्त को अग्निहादसा हुआ था। हादसे में संचालकों की लापरवाही सामने आई थी। उनकी फायर संबंधित प्रोवेजनल एनओसी मार्च में समाप्त हो गई थी। इसके अलावा उन्होंने बिना अनुमति एक मंजिल का निर्माण कर लिया था। अस्पताल में आपातकाल द्वार सहित अन्य कोई सुरक्षा इंतजामात में कमियां थीं। इसके अलावा अस्पताल संचालन के लिए आवश्यक कई एनओसी भी प्राप्त नहीं की गई थी। पुलिस ने जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, गैर इरादतन हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है। 

प्रकरण में अस्पताल संचालक दो डॉक्टर सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ के लिए आवेदन दोनों फरार डॉक्टरों की गिरफ्तारी आवश्यक है। अभियोजन की तरफ से अग्रिम जमानत निरस्त करने का आग्रह किया। न्यायालय ने अभियोजन पक्ष से सहमत होते हुए अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया।

शनिवार, 13 अगस्त 2022

अर्थ-व्यवस्था में ज्यादा से ज्यादा योगदान दे व्यापारी समुदाय - वित्त मंत्री श्री देवड़ा

 


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों का पालन करते हुए वाणिज्यिक कर विभाग ने जीएसटी पंजीयन प्रक्रिया को सरल बनाते हुए आदर्श प्रक्रिया स्टेण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) जारी कर दी है। इससे व्यापार करना और ज्यादा सरल हो जाएगा। पूर्व में नए जीएसटी पंजीयन प्राप्त करने में व्यवसाइयों को समस्याएँ आ रही थी। 

वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने विभागीय अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि विभाग व्यवसाइयों को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुविधाएँ देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे वे प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था में ज्यादा से ज्यादा योगदान दे सकें।

आयुक्त वाणिज्यिक कर श्री लोकेश कुमारजाटव ने बताया कि जीएसटी पंजीयन के लिए एसओपी जारी करने से व्यवसाइयों तथा विभाग के अधिकारियों की समस्‍याओं का समाधान हो जाएगा। 

ऐसे होगी आसानी

​विभाग के अधिकारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन के आवेदन के साथ संलग्न किए जाने योग्य दस्तावेज, व्यवसाय की प्रकृति के अनुसार सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है। 

इन दस्तावेज का सत्यापन स्वयं अधिकारियों द्वारा अलग-अलग विभागों की वेबसाइट से किस प्रकार किया जाना चाहिए, इस संबंध में भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

व्यवसाइयों को अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ेगा। इससे पंजीयन जारी करने की प्रक्रिया जल्दी पूरी हो सकेगी। 

नई आदर्श प्रक्रिया में अब सिर्फ आवेदक का पैन, आधार, मोबाइल नम्बर, मेल आईडी एवं व्यवसायिक स्थल के प्रमाण के आधार पर ही जीएसटी पंजीयन जारी किया जायेगा।

पंजीयन में एकरूपता

नई एसओपी अनुसार ही पंजीयन की कार्यवाही किए जाने के लिए अधिकारियों को लगातार निर्देशित किया जा रहा है। एसओपी जारी होने से जहाँ एक ओर प्रदेश के जीएसटी विभाग के समस्त कार्यालयों में पंजीयन की प्रक्रिया में एकरूपता सुनिश्चित होगी, वहीं दूसरी ओर व्यवसाइयों के पंजीयन के सत्यापन हेतु अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने की अनिवार्यता भी समाप्त होगी। विभिन्न व्यवसायिक संगठन एवं विधिक संगठन लंबे समय से ऐसी व्यवस्था की मांग करते आ रहे थे। नई एसओपी से जहाँ एक ओर बोगस पंजीयन में रोक लगेगी वहीं वास्तविक व्यवसाइयों को अनावश्यक दस्तावेज की मांग से मुक्ति मिलेगी और पंजीयन प्राप्त करने की प्रक्रिया में शीघ्रता आएगी। 

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