गर्भवती पत्नी, हाथ गाड़ी में नन्ही बेटी, 800 किमी खींचकर पैदल चला मजदूर, दर्द भरी दास्तां |
ब्यूरो चीफ बालाघाट // वीरेंद्र श्रीवास : 83196 08778
बालाघाट. मध्य प्रदेश से प्रवासी मजदूरों की घर वापसी की एक मार्मिक तस्वीर मंगलवार को सामने आई है, जिसमें एक मजबूर पिता 800 किमी दूर से अपनी नन्ही बेटी को हाथ से बनी गाड़ी पर खींचकर लाता दिख रहा है। गाड़ी के साथ में उसकी गर्भवती पत्नी भी है।
मध्य प्रदेश की बालाघाट सीमा पर रजेगांव में मंगलवार दोपहर को एक मार्मिक दृश्य देखने को मिला हैदराबाद में नौकरी करने वाला रामू नाम का शख्स जो ग्राम कुंडेमोहगांव का निवासी है। 800 किलोमीटर का सफर अपनी गर्भवती पत्नी और दो साल की बेटी के साथ पूरा कर बालाघाट में आया।
दरअसल, हैदराबाद में रामू को जब काम मिलना बंद हो गया तो वापसी के लिए उसने कई लोगों से मिन्नतें कीं. लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। कुछ दूर तक तो रामू अपनी दो साल की बेटी को गोद में उठाकर चलता रहा और उसकी गर्भवती पत्नी सामान उठाकर। लेकिन यह कोई 10-15 किमी का नहीं बल्कि 800 किलोमीटर का सफर था। तब उसने पैदल ही घर लौटने का इरादा किया। कुछ दूर तक तो रामू अपनी दो साल की बेटी को गोद में उठाकर चलता रहा और उसकी गर्भवती पत्नी सामान उठाकर। बेटी के पैरों में चप्पल तक नहीं थी. फिर उस गाड़ी को रस्सी से बांधा और उसे खींचते हुए 800 किलोमीटर का सफर 17 दिन में पैदल तय किया।
बालाघाट की रजेगांव सीमा पर जब वह पहुंचे तो वहां मौजूद पुलिसवालों के कलेजे भी हिल गए। उन्होंने बच्ची को बिस्किट और चप्पल लाकर दी उसकी जाॅच कराई और एक निजी गाड़ी का बंदोबस्त किया और उसे गांव तक भेजा। लांजी के एसडीओपी ने इस बारे में बताया कि हमें बालाघाट की सीमा पर एक मजदूर मिला जो अपनी पत्नी धनवंती के साथ हैदराबाद से पैदल आ रहा था।
साथ में दो साल की बेटी थी जिसे वह हाथ की बनी गाड़ी से खींचकर यहां तक लाया था. हमने पहले बच्ची को बिस्किट दिए और फिर उसे चप्पल लाकर दी। फिर निजी वाहन से उसे उसके गांव कुंडेमोहगांव भेजा।
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