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सोमवार, 31 अगस्त 2020

40 साल की सबसे बड़ी GDP में ऐतिहासिक गिरावट , पहली तिमाही में -23.9 फीसदी रही, मोदी सरकार स्थिति संभालने में नाकाम

40 साल की सबसे बड़ी GDP में ऐतिहासिक गिरावट , पहली तिमाही में -23.9 फीसदी रही, मोदी सरकार स्थिति संभालने में नाकाम 

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नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अप्रैल-जून तिमाही की आर्थिक रिपोर्ट आ चुकी है। देश की अर्थव्यवस्था को लेकर जो अनुमान लगाए जा रहे थे, रिजल्ट उससे खराब आए हैं। जून तिमाही में देश की जीडीपी में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट आई है जो 40 सालों में सबसे अधिक है।

#ResignNirmala के तहत लोग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। सरकार आर्थिक मोर्च पर बेबस नजर आ रही है। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि विश्व की बड़ी इकॉनमी में भारत की जीडीपी में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। भारत इस मामले में अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, इटली, जापान समेत तमाम देशों से आगे है।

शुक्रवार, 26 जून 2020

गेहूँ व्यापारी के गोदाम से हजारों का माल चोरी, कृषि उपज मण्डी समिति के प्रांगण से शातिर चोर दिखा रहा है अपना कमाल

गेहूँ व्यापारी के गोदाम से हजारों का माल चोरी, कृषि उपज मण्डी समिति के प्रांगण से शातिर चोर दिखा रहा है अपना कमाल

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा. कृषि उपज मंडी समिति में आए दिन चोरि की घटना हो रही है। व्यापारियों का अनाज गायब हो रहा है जिसकी जानकारी किसी को नही है । आखिर चोरी की वारदात को कौन अंजाम दे रहा है, चोर ने व्यापारियों के नाक में दम कर दिया है। मण्डी के नजदीक पुलिस थाना होने के बावजूद चोरियां रुकने का नाम नही ले रही। लगातार चोरी की वारदात हो रही है। लाखों का माल चोरी हो रहा है जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से हाथ झटकते नजर आ रहे।

व्यापारियों की मण्डी सचिव से हुई झड़प, बुलाये गये तहसीलदार एवं  थाना प्रभारी

 व्यापारी शैलेन्द्र जैन एवं  राजेश गेलड़ा का कुंटलो से गेहूँ चोरी हो गया  जिसकी किसी भी व्यापारी या मंडी समिति के अधिकारी को भनक तक नही है । वही मण्डी सचिव को घटना की खबर होने के बाद भी कोई कारगर कदम नही उठाये गये । 
24 जुन 2020 की रात को गोदाम के ताले चटका कर कुंटलो का माल उड़ा ले गए चोर। जबकि मण्डी में रात के समय चौकीदारों का पहरा रहता है। व्यापारियों को चौकीदार पर शंका है की कही ना कही उसकी संन लिप्तता हो सकती है। इन सभी बातो को ले कर व्यापारियो की मण्डी सचिव से बहस हो गई। जिसे देखते हुवे तहसीलदार विनोद शर्मा एव थाना प्रभारी श्याम चन्द्र शर्मा को बुलाना पड़ा।
प्रांगण में 4 से 6 महीने से सी सी टीवी कैमरे बंद पड़े है व्यवस्थाओं में गड़बड़ है। इन सभी के बाद भी जवाबदार आखों पर पट्टी बांधे बैठे है। व्यापारियों ने परेशान होकर नागदा थाना प्रभारी श्याम चन्द्र शर्मा को आवेदन दे कर बार बार हो रही चोरी की शिकायत करते हुवे कृषि उपज मण्डी पर प्रश्रचिन्ह खड़े किये है।


थाना प्रभारी और तहसीलदार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए संज्ञान में लेकर घटना स्थल का मौका  मुआयना किया। घटना स्थल पर मंडी सचिव बी.एल.चौधरी के साथ घटना के बारे मे चर्चा कर व्यापारियों ने एक जुट हो कर तहसीलदार व थाना प्रभारी से चोरी की घटना को ले कर गुहार लगाई। 
 मंडी सचिव की व्यवस्था व चौकीदार की लापरवाही के चलते व्यापारियों ने अपनी भड़ास निकालते हुवे आरोप लगाए है की चार महीने से केमरे बंद है चौकीदार द्वारा शराब का सेवन कर  नींद निकालने जैसी बात का करना। मंडी प्रांगण से चुनींदा व्यपारियों का माल चोरी होना। कही ना कही मण्डी समिति पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर रहा है।
सी सी टीवी कैमरे का ठेका 3 लाख 50 हजार रुपय में दिया गया जिसे एक वर्ष भी नही हुआ। पिछ्ले 6 माह से जो  बंद हो कर धूल खा रहे है। लेकिन मंडी सचिव को इस बात का भी ध्यान नही की व्यापारियों का माल मंडी प्रांगण में रहता है जिसकी जिम्मेदारी सचिव की बनती है की कोई बड़ी घटना या शासन का बड़ा नुकसान ना हो जाएगा।
आज की घटना का खामियाजा किसानों को भुगतना । मंडी सचिव और व्यपारियों की तनातनी से किसान हुआ परेशान।
इस पुरी घटना की जानकारी मीडिया द्वारा अनुविभागीय अधिकारी श्री पुरुषतम कुमार को दी गई। उनके आदेश पर मंडी सचिव ने व्यपारियों को निर्देश दिया । किसानों के माल की नीलामी जो 11 बजे होने वाली थी वह 3 बजे हुई । सचिव व व्यापारियों की तनातनी से किसानों को मौसम को देखते हुए खेतों में बुआई करने के लिये भी लौटना था जो विवाद के चलते उपज की नीलामी देरी से शुरु हुई और बारिश चालू हो गई।

जब पूरे मामले पर मीडिया ने संपर्क किया तो मंडी सचिव का जवाब:-

 बात सही है की मंडी प्रांगण से व्यापारियों का माल चोरी हो रहा है।लेकिन मेरे द्वारा उन्हें बार बार सतर्क किया गया कि आप सभी मिलकर एक दो चौकीदार की व्यस्था करे। कैमरे भी लगवाए गये किन्तु व्यापारी  सुनते नही है। आज भी जिस व्यपारी के यहां चोरी हुआ है। उसका कुछ दिन पहले ही शटर का ताला बदलने का बोला था लेकिन व्यापारी ने मेरी बात पर ध्यान ना देते हुवे शायद कमजोर 10 रुपए वाला छोटा ताला लगा रखा दिया। जो चोरों द्वारा बड़ी ही आसानी से चटकाया कर माल चोरी कर लिया। चोरी वाली रात को 10 :30 बजे तक व्यापारी अपना माल ट्रक में लोड कर रहा था उसके बाद वाहन गेट के बाहर हो गया उस वक्त भी चौकीदार गेट पर उपस्थित था उसके बाद कब यह घटना हुई यह बड़ा प्रश्रचिन्ह है। खैर पुलिस और हम उस चोर को पकड़ने की कोशिश में जुटे हुवे है। 

शनिवार, 6 जून 2020

ग्रेसिम उद्योग के श्रमिकों को मिलेगा दो लाख का मेडीक्लेंम, न्यू इण्डिया कम्पनी से किया करार

NAGDA, CSR of Grasim Industries ,ANI NEWS INDIA
ग्रेसिम उद्योग के श्रमिकों को मिलेगा दो लाख का मेडीक्लेंम, न्यू इण्डिया कम्पनी से किया करार

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
प्रीमियम मे दिये 1करोड़ 93 लाख 34 हजार 850 का चेक
नागदा जं.। औद्योगिक शहर नागदा के ग्रेसिम उद्योग में कार्यरत 1750 कर्मचारियों के 4659 परिवार के सदस्यों को 9 जून 2020 से 2 लाख रूपये का चिकित्सा बीमा मिल सकेगा । ग्रेसिम उद्योग प्रबंधन , श्रम संगठन एवं न्यू इंडिया के अधिकारियों के साथ मिटिंग के बाद त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर कर प्रिमियम की राशि भी उद्योग प्रबंधन द्वारा प्रदान कर दी गई है ।
उपरोक्त संबंध में जानकारी देते हुए एचएमएस के प्रधानमंत्री जगमालसिंह राठौड ने बताया कि गत वर्ष उद्योग में कार्यरत श्रमिकों एवं उनके परिवारजनों का 1.5 लाख रूपये का मेडीक्लेम बीमा किया गया था जिसकी प्रिमियम राशि प्रति सदस्य 4130 रूपये आया करती थी । इस वर्ष प्रबंधन , श्रम संघ एवं कंपनी के अधिकारियों के बीच चर्चा के बाद प्रिमियम की राशि में प्रति व्यक्ति केवल 20 रूपये की वृद्धि करते हुए 4150 रूपये प्रति व्यक्ति प्रिमियम पर 2 लाख रूपये का मेडीक्लेम प्राप्त होगा ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार श्री राठौड ने बताया कि 2 लाख रूपये के मेडीक्लेम कवर में उद्योग में कार्यरत लगभग 1750 कर्मचारियों के 4659 व्यक्ति सम्मिलित किए गए हैं जिन्हें 9 जून 2020 के बाद 8 जून 2021 तक किसी भी प्रकार की बिमारी में 2 लाख रूपये तक की बीमा पॉलिसी के माध्यम से केश लेस कराया जा सकेगा । श्री राठौड ने बताया कि न्यू इंडिया कंपनी से नवीन करार के बाद उद्योग प्रबंधन द्वारा लगभग 1 करोड 93 लाख 34 हजार रूपये की प्रिमियम का चेक भी कंपनी को प्रदान कर दिया गया है । उन्होंने बताया कि इससे पूर्व 10 लाख रूपये का एक्सीडेंटल बीमा भी इफ्को - टोकियो कंपनी से करवाया गया है ।
समझौते के अनुसार उद्योग द्वारा प्रति कर्मचारी को 1000 रूपये प्रतिमाह मेडीक्लेम के नाम पर प्रदान किया जा रहा है । कर्मचारी को 12 हजार रूपये साल उद्योग प्रबंधन द्वारा प्रदान कर दिए जाते हैं । एवं श्रमिकों पर प्रिमियम की राशि का बोझ भी नहीं आता है । मिटिंग में प्रबंधक की और से सिनियर वॉईस प्रेसिडेंट योगेन्द्र सिंह रघुवंशी , जीएम आईआर विनोद मिश्रा , संजय धानुका , उदय कुंटे , जम्बु सुराना , सुनील गोयल , अंकुर पारिक उपस्थित रहे । युनियन में एचएमएस की और से जगमालसिंह राठौर , राजेन्द्र अवाना , अशोक शर्मा , बीएमएस की और से जोधसिंह राठौड , मनोहर गुर्जर , एटक से ह्दयचन्द , अशोक गुर्जर, जाहिद खान दिलीप पांचाल उपस्थित रहे ।

सोमवार, 4 मई 2020

उद्योगों को मिली शासन से अनुमति-लॉक डाऊन मे संचालन, शहर के हर छोटे और बड़े व्यापारियों को संचालन की शासन दे अनुमति

उद्योगों को मिली शासन से अनुमति-लॉक डाऊन मे संचालन, शहर के हर छोटे और बड़े व्यापारियों को संचालन की शासन दे अनुमति

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
एक बार फिर उद्योग जीत गया और  छोटे व्यापार मुह ताकते रह गये
नागदा. औद्योगिक शहर नागदा मे स्थानीय उद्योगों को संचालन की अनुमति दिए जाने के मामले में असंगठित मजदूर कांग्रेस के प्रदेश संयोजक अभिषेक चौरसिया ने शासन से मांग की है कि अगर बड़े उद्योगों को कोरोंना महामारी के दौर में भी यह जानते हुए कि नागदा शहर भी इसकी चपेट में हैं और रेड जोन में शामिल हैं । बावजूद इसके उद्योगों को संचालन की अनुमति दी जा रही हैं तो फिर शहर के दूसरे प्रतिष्ठानों को भी संचालन की अनुमति दी जाए ।
हज़ारों की संख्या में श्रमिकों के कार्य पर आने से अगर सोशल डिस्टेंसिंग की अव्हेलना नहीं होंगी तो फिर प्रशासन को इस महामारी से सबसे ज्यादा आर्थिक रूप से प्रभावित छोटे व्यापारियों और प्रतिष्ठानों को अनुमति देकर उन्हें भी संचालन करने दिया जाए। इस मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर जिला दंडाधिकारी श्री आरपी तिवारी एवं एसडीएम श्री आरपी वर्मा को पत्र भेजकर की हैं।
चौरसिया ने राज्य शासन पर आरोप लगाया है कि क्या सिर्फ नाई की दुकान के संचालकों, छोटे छोटे किराना व्यापारियों, चाय व नाश्ते की गुमटी के संचालकों, मोबाइल रिचार्ज और रिपेयरिंग की दुकानों, रेस्टोरेंटों , टेलर का काम करने वालों और सब्जी मंडी में सब्जी की दुकान लगाकर जीवन यापन करने वाले लोगों के व्यापार शुरू करने से ही सोशल डिस्टेंसिंग की अव्हेलना होगी । क्या बड़े उद्योगों को ही घाटा हो रहा है जो इस महामारी के दौर में भी उनके अपने प्लांट के संचालन के लिए जल्द बाजी दिखाई जा रही है। क्या शहर के छोटे व्यापारियों और दिनभर मेहनत करके अपना और अपने परिवार को पालने वाले लोगो को कोई नुक्सान नहीं हो रहा हैं ।

अनुमति का अधिकार सिर्फ बड़े उद्योगों के लिए ही क्यों???

 क्या सिर्फ उनको ही नुकसान हो रहा है जो इतनी जल्दबाजी में हजारों मजदूरों की जान को जोख़िम में डालकर चंद लोगों के सहयोग से उद्योग का संचालन कर रहे हैं । क्या उद्योग का हर एक मजदूर इस महामारी में काम करने के लिए तैयार हैं ?? हर एक मजदूर से समन्वय बनाए बिना दबाव में लेकर उद्योग के लोग शहर और मजदूरों के परिवारों का भविष्य दांव पर लगा रहे हैं । इस महामारी में किसी भी श्रमिक को या उसके परिवार को कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा ??? वर्ष 2010 से हर साल उद्योगों में श्रमिक मारे गए लेकिन क्या आजतक किसी कारखाना प्रबंधक को जेल हुई या कोई सजा हुई ??? मजदूरों को दबाव में लाकर काम पर बुलाया जा रहा हैं लेकिन जिन्हें उनके हक के लिए आवाज़ उठानी चाहिए वे सभी उद्योगों के दबाव में उद्योगों की पैरवी कर रहे हैं ।

अगर यह महामारी शहर में फ़ैल गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा

 प्रशासन से मांग की है कि अगर बड़े उद्योगों को संचालित करने से कोरोंना महामारी नहीं फ़ैलेगी तो फिर नागदा शहर के हर मोहल्ले में स्थित छोटे छोटे किराना व्यापारियों, नाई की दुकानों, टेलर की दुकानों, चाय नाश्ता की गुमटियों, मोबाइल रिपेयरिंग दुकानों, छोटे सब्ज़ी विक्रेताओं, रेस्टोरेंट्स, कपड़े की दुकानों आदि को भी उनके प्रतिष्ठान शुरू करने की अनुमति दी जाए । क्योंकि न जाने कितने लोगो ने कर्ज लेकर अपने काम धंधे शुरू किए हैं और उन्हें भी इस महामारी से भारी नुक्सान उठाना पड़ रहा है वे कहां से अपनी दुकानों का किराया, बिजली बिल, मेंटेनेंस, दुकानों में पड़े स्टॉक माल का पैसा आदि की भरपाई कहा से करेंगे। अतः शासन या तो उद्योगों के संचालन को बंद करवाए या सबको समान संचालन की अनुमति देकर उन्हें भी अपने प्रतिष्ठानों को शुरू करने की अनुमति प्रदान करें।
अभिषेक चौरसिया ने प्रशासन से प्रश्न भी किया है कि अगर नागदा शहर में महामारी फैली तो आपातकालीन चिकित्सा और सुविधा के नाम पर शहर के पास क्या व्यवस्था हैं । हमें अगर इस महामारी से लड़ना है तो ऊसभी नागरिकों और अधिकारियों को मिलजुलकर नियमों का पालन करते हुए इससे लड़ना होगा वरना भविष्य में परिणाम अत्यंत गंभीर होंगे।

शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये गेहूं उपार्जन की खरीदी प्रारंभ

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये गेहूं उपार्जन की खरीदी प्रारंभ

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
समर्थन मूल्य के पहले दिन 175 क्विंटल गेहूं की खरीदी
नागदा जं.। लम्बे समय के इंतजार के बाद आखिरकार बुधवार को समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी प्रारंभ हो गई। कोविड 19 कोरिना वायरस के संक्रमण के चलते किसानो को मेसेज किये गये थे तथा यह भी निर्देश दीये गये थे की जिन किसानो के पास मेसेज ना हो उन्हे आने ना दिया जाये यह जानकारी हर किसान को दी जाये। कूछ किसान पहुचे ही नही फिर भी नागदा के अंतर्गत आने वाले केंद्रों पर 175 किवन्टल गेहूँ की खरीदी कर ली गई।


आप को बता दे की शासन द्वारा बुधवार को सुबह 10 बजे से गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी को ले कर व्यवस्थायें दुरुष्थ कर दी गई थी। इस तारतम्य मे रुपेटा उपार्जन केन्द्र पर नायब तहसीलदार विनोद शर्मा अपनी टीम के साथ पहुचे एव कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिये उपयोगी दिशा निर्देश देते हुवे आवश्यक जानकारी उपस्थित सचिव एव हमालो किसानों को दी। सोसल डिस्टेंसींग व साबुंन पानी से हाथ धोने एव मास्क लगाने जैसी बातें भी साझा की।

गुरुवार, 26 मार्च 2020

दिल्ली में "कोरोना" के मरीजों की प्राण रक्षा करते डॉ. उस्मान रियाज ने दी अपनी प्राणाहुति

दिल्ली में "कोरोना" के मरीजों की प्राण रक्षा करते डॉ. उस्मान रियाज ने दी अपनी प्राणाहुति
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भारत में "कोरोना वायरस" से संक्रमित मरीजों की संख्या भले ही,हर संभव प्रयासों के बाबजूद,649 तक जा पहुँची है।मगर,डॉ उस्मान रियाज जैसे "मानवता को धर्म मानने वाले" और "अपने कर्तव्य के लिए दिन-रात समर्पण भाव से, "कोरोना वायरस"पीड़ित मरीजों की चिकित्सा सेवा करने वाले, चिकित्सकों की बदौलत, दिल्ली में "कोरोना" मरीजों की संख्या को, इतने न्यूनतम स्तर पर पहुंचा दिया है कि-वहाँ के सी एम श्री केजरीवाल ने दिल्ली में सभी दुकानों को खोलने की घोषणा की है।परंतु शेष सभी सावधानियाँ जारी रहेगी।
परंतु एक दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद सूचना यह है कि- "कोरोना" के मरीजों की निरंतर चिकित्सा करने वाले,चिकित्सक डॉ उस्मान रियाज खान ने मरीजों की जान बचाते बचाते, अंततः "कोरोना के कहर से" अपनी प्राणाहुति दे दी !!! डॉ. उस्मान रियाज "कोरोना मरीजों" की चिकित्सा करते हुए- प्राण गँवाने वाले, भारत के पहले चिकित्सक हैं। देशवासियों को राष्ट्रभक्त सपूत डॉ.उस्मान रियाज और इन जैसे चिकित्सकों पर गर्व है।
क्या "कट्टरता और साम्प्रदायिकता फैलाने वाले" और "जनसेवा का ढिंढोरा पीटने वाले", किसी "नकली राष्ट्रभक्त" ने, कर्तव्य पथ पर देशवासियों को बचाते हुए-अपनी प्राणाहुति दी? डॉ. रियाज खान को आज वित्त मंत्री सुश्री सीतारमण द्वारा घोषित,50 लाख रु के बीमा का लाभ देने के अतिरिक्त, दिल्ली सरकार के न्यायप्रिय मुख्यमंत्री द्वारा न्यूनतम 1 करोड़ रु की आर्थिक सहायता और पत्नी या एक पारिवरिक सदस्य को नौकरी अवश्य दी जाना चाहिए।

रविवार, 1 मार्च 2020

जियो के 2 नए सस्ते प्लान, फ्री कॉल के साथ डेटा भी

Jio के लिए इमेज नतीजे
जियो के 2 नए सस्ते प्लान, फ्री कॉल के साथ डेटा भी
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नई दिल्ली. रिलायंस जियो की ओर से डेटा और कॉलिंग ऑफर करने वाले पॉप्युलर प्लान्स की कीमत हाल ही में बढ़ाई गई है। टैरिफ प्लान्स की कीमत बढ़ाने की वजह टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी की ओर से नियमों में किए गए कुछ बदलाव हैं। हालांकि, लगभग सभी टेलिकॉम कंपनियों की ओर से यह कदम उठाया गया है और उन्हें टैरिफ प्लान्स महंगे करने पड़े हैं। अब रिलायंस जियो अपने ग्राहकों के लिए दो सस्ते प्लान लेकर आया है, जो 14 दिन की वैलिडिटी ऑफर करते हैं।
ट्राई की ओर से शेयर किए गए डेटा से सामने आया है कि रिलायंस जियो समेत बाकी नेटवर्क कंपनियों को दिसंबर महीने में प्लान्स महंगे करने के बाद झटका लगा है। साथ ही कंपनियों के यूजर-बेस पर भी इसका असर पड़ा है। रिलायंस जियो से केवल 82,308 नए ग्राहक जुड़े, जबकि इससे पहले तक कंपनी का औसत हर महीने 80 लाख नए यूजर्स जोड़ने का था। कंपनी नए यूजर्स को आकर्षित करने के लिए दो अफॉर्डेबल डेटा प्लान्स JioPhone यूजर्स के लिए लेकर आई है।
49 रुपये का प्लान
कंपनी 49 रुपये के प्लान में 14 दिन की वैलिडिटी दे रही है और इसमें 14 दिन के लिए 2 जीबी डेटा यूजर्स को मिलेगा। साथ ही यूजर्स जियो से जियो नेटवर्क पर अनलिमिटेड कॉलिंग भी कर पाएंगे। हालांकि, बाकी नेटवर्क्स पर कॉलिंग के लिए इस प्लान में 250 मिनट ही दिए जा रहे हैं। मेसेजेस की बात करें तो 14 दिनों की पूरी वैलिडिटी के लिए यूजर्स को 25 एसएमएस मिल रहे हैं। साथ ही जियो ऐप्स का सब्सक्रिप्शन भी यूजर्स को मिलेगा।

69 रुपये का प्लान

49 रुपये वाले प्लान की तरह ही 69 रुपये का प्लान भी 14 दिन की वैलिडिटी ऑफर करता है। दोनों प्लान्स में बड़ा अंतर डेटा से जुड़ा है। 69 रुपये वाला प्लान यूजर्स को 14 दिन की वैलिडिटी के साथ कुल 7 जीबी डेटा ऑफर करता है। हालांकि, यूजर्स रोज केवल 500MB डेटा इस्तेमाल कर पाएंगे, जिसके बाद स्पीड घटकर 64kbps रह जाएगी। बाकी बेनिफिट्स पिछले प्लान जैसे ही हैं। इन प्लान्स को केवल जियोफोन यूजर्स के लिए रोलआउट किया गया है। कम डेटा इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए ये बेहतर ऑप्शन हो सकते हैं।

जियो के 2 नए सस्ते प्लान, फ्री कॉल के साथ डेटा भी

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जियो के 2 नए सस्ते प्लान, फ्री कॉल के साथ डेटा भी
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नई दिल्ली. रिलायंस जियो की ओर से डेटा और कॉलिंग ऑफर करने वाले पॉप्युलर प्लान्स की कीमत हाल ही में बढ़ाई गई है। टैरिफ प्लान्स की कीमत बढ़ाने की वजह टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी की ओर से नियमों में किए गए कुछ बदलाव हैं। हालांकि, लगभग सभी टेलिकॉम कंपनियों की ओर से यह कदम उठाया गया है और उन्हें टैरिफ प्लान्स महंगे करने पड़े हैं। अब रिलायंस जियो अपने ग्राहकों के लिए दो सस्ते प्लान लेकर आया है, जो 14 दिन की वैलिडिटी ऑफर करते हैं।
ट्राई की ओर से शेयर किए गए डेटा से सामने आया है कि रिलायंस जियो समेत बाकी नेटवर्क कंपनियों को दिसंबर महीने में प्लान्स महंगे करने के बाद झटका लगा है। साथ ही कंपनियों के यूजर-बेस पर भी इसका असर पड़ा है। रिलायंस जियो से केवल 82,308 नए ग्राहक जुड़े, जबकि इससे पहले तक कंपनी का औसत हर महीने 80 लाख नए यूजर्स जोड़ने का था। कंपनी नए यूजर्स को आकर्षित करने के लिए दो अफॉर्डेबल डेटा प्लान्स JioPhone यूजर्स के लिए लेकर आई है।
49 रुपये का प्लान
कंपनी 49 रुपये के प्लान में 14 दिन की वैलिडिटी दे रही है और इसमें 14 दिन के लिए 2 जीबी डेटा यूजर्स को मिलेगा। साथ ही यूजर्स जियो से जियो नेटवर्क पर अनलिमिटेड कॉलिंग भी कर पाएंगे। हालांकि, बाकी नेटवर्क्स पर कॉलिंग के लिए इस प्लान में 250 मिनट ही दिए जा रहे हैं। मेसेजेस की बात करें तो 14 दिनों की पूरी वैलिडिटी के लिए यूजर्स को 25 एसएमएस मिल रहे हैं। साथ ही जियो ऐप्स का सब्सक्रिप्शन भी यूजर्स को मिलेगा।

69 रुपये का प्लान

49 रुपये वाले प्लान की तरह ही 69 रुपये का प्लान भी 14 दिन की वैलिडिटी ऑफर करता है। दोनों प्लान्स में बड़ा अंतर डेटा से जुड़ा है। 69 रुपये वाला प्लान यूजर्स को 14 दिन की वैलिडिटी के साथ कुल 7 जीबी डेटा ऑफर करता है। हालांकि, यूजर्स रोज केवल 500MB डेटा इस्तेमाल कर पाएंगे, जिसके बाद स्पीड घटकर 64kbps रह जाएगी। बाकी बेनिफिट्स पिछले प्लान जैसे ही हैं। इन प्लान्स को केवल जियोफोन यूजर्स के लिए रोलआउट किया गया है। कम डेटा इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए ये बेहतर ऑप्शन हो सकते हैं।

शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

ग्रेसिम केमिकल डिवीजन की पर्यावरणीय स्वीकृति को स्थगित करने संबंधित जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में मंजूर

ग्रेसिम केमिकल डिवीजन की पर्यावरणीय स्वीकृति को स्थगित करने संबंधित जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में मंजूर

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नागदा. जिला उज्जैन में स्थित ग्रेसिम केमिकल डिवीजन को दिनांक 07 फरवरी 2020 को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी पर्यावरणीय स्वीकृति को स्थगित करने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय, भारत में वरिष्ठ कांग्रेस नेता योगेश शुक्ला द्वारा विगत दिनों जनहित याचिका दायर की गई थीं जिसे माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वीकार कर लिया गया है।
इस याचिका को पंजीकृत करते हुए केस डायरी क्रमांक प्रदान कर दिया गया है। जिसकी जानकारी याचिकाकर्ता योगेश शुक्ला को पत्र एवं एसएमएस के माध्यम से प्रदान की गई हैं। योगेश शुक्ला ने बताया कि ग्रेसिम केमिकल डिवीजन को प्लांट विस्तारीकरण के संबंध में गंभीर धांधली एवं अनियमितता करके आनन फानन में पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान की गई हैं ।
जिसके संबंध में विभिन्न तथ्यों के माध्यम से माननीय सर्वोच्च न्यायालय का ध्यान आकर्षित करने का कार्य किया गया है। विगत कई माह से नागदा एवं चंबल नदी के किनारे स्थित ग्रामीण क्षेत्रों में गंभीर जल, वायु और भूमि प्रदूषण की जांच जारी हैं और कई मामले व प्रकरण विचाराधीन हैं ऐसी स्थिति में अभी तक किसी भी जांच का कोई अंतिम प्रतिवेदन आए बिना पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान करना कहीं न कहीं उद्योग के दबाव में कार्य करने वाला प्रतीत होता है।
योगेश शुक्ला ने बताया कि इस मामले में हुई गंभीर अनियमितता के संबंध में विभिन्न साक्ष्य एवं दस्तावेज माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष याचिका के माध्यम से उपलब्ध करवाए गए हैं । याचिका के माध्यम से उक्त पर्यावरणीय स्वीकृति को दिसम्बर 2020 तक स्थगित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अनुरोध किया गया है।  इसके साथ ही इस प्रकरण में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं प्रेम तिवारी, यूनिट हेड , ग्रेसिम केमिकल डिवीजन को पार्टी बनाया गया हैं ।

शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

ग्रेसिम उद्योग लिमिटेड की सी एस आर के तहत करोड़ों रुपयों की धांधली

ग्रेसिम उद्योग लिमिटेड की सी एस आर के तहत करोड़ों रुपयों की धांधली

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा, जिला उज्जैन, मध्यप्रदेश में स्थित ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड द्वारा सी.एस.आर. के तहत करोड़ो रुपयों की धांधली करने का कार्य किए जाने की शिकायत शासन एवं उच्च अधिकरियों से की गई थी । क्योंकि इनकी औद्योगिक इकाई द्वारा वर्षों से प्रोडक्शन का संपूर्ण कार्य नागदा की भूमि पर किया जा रहा हैं । आज नागदा में गंभीर प्रदूषण की प्रमुख जिम्मेदार भी यहीं औद्योगिक इकाई हैं ।
इनके प्रबंधन द्वारा कभी इस बात की जानकारी नहीं दी जाती हैं कि आखिर कुल नेट प्रॉफिट के 2 प्रतिशत के अंतर्गत सी.एस.आर. के तहत आने वाली करोड़ो रुपये की राशि का उपयोग आखिर किस किस क्षेत्र में किया जाता हैं । इस गंभीर जनहित के मामले को लेकर जिला कलेक्टर, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी एवं उच्च अधिकारियों से शिकायत की गई थी ।
जिस पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकरी, उज्जैन द्वारा प्रबंधक, ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड को दिनांक 23/01/2020 एवं 01/02/2020 को जारी दो नोटिसों के माध्यम से जवाब तलब किया गया था जिस पर उद्योग द्वारा भेजे गए जवाब से असंतुष्ट होकर जिला प्रशासन द्वारा सीएसआर के तहत ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड द्वारा किए गए पूर्व के कार्यों की जांच हेतु समिति का गठन करने का कार्य शुरू कर दिया गया है और इनके द्वारा कब कब और कहां कहा सीएसआर के तहत कार्य किया गया है उसकी संपूर्ण रिपोर्ट तैयार कर कार्यवाहीं की जाएगी ।
निम्नलिखित बिंदुओं पर कार्यवाही की मांग की थी -
  • 1) ग्रेसिम जनसेवा अस्पताल जिसका संचालन ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड द्वारा सी.एस.आर. के तहत किया जाता हैं जिसमें आज दिनांक तक स्थानीय नागरिकों को किसी भी प्रकार की कोई भी सुविधा निःशुल्क नहीं दी जाती हैं । यहाँ तक कि ओ.पी.डी. का भी शुल्क 50 रुपये से 200 रुपए प्रति मरीज़ वसूला जाता हैं । दवाओं के लिए इन्हीं के मेडिकल स्टोर से महंगी दवा खरीदने का दबाव बनाया जाता हैं । फिर स्वास्थ्य के क्षेत्र में सीएसआर के तहत किस प्रकार से इनका सहयोग दिया जा रहा हैं ।
  • 2) आदित्य बिड़ला समूह द्वारा नागदा में संचालित किए जाने वाले 3 विद्यालयों आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल, आदित्य बिड़ला सीनियर सेकंडरी स्कूल एवं आदित्य बिड़ला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का संचालन भी सी.एस.आर. के तहत किया जाता हैं । जबकि नागदा में स्थित इन विद्यालयों में सबसे अधिक फ़ीस वसूली जाती हैं । किसी भी प्रकार की कोई रियायत नहीं दी जाती हैं।
  • 3) पूर्व में आदित्य बिड़ला स्किल्स फ़ाउंडेशन नामक संस्था जिसका संचालन भी आदित्य बिड़ला समूह द्वारा सीएसआर के अंतर्गत नागदा में किया जा रहा था लेकिन अब उसका संचालन भी बंद कर दिया गया हैं लेकिन उस संस्था के संचालन में भी करोड़ो रुपये की धांधली कर स्थानीय उद्योग प्रबंधन के करीबियों को लाभ पहुँचाने का कार्य किया गया हैं। 
  • 4) ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड, नागदा द्वारा चंबल नदी में छोड़े जा रहे रसायनयुक्त पानी की वजह से प्रदूषित घोषित हुई चंबल नदी के किनारे बसें गांवो के प्रदूषण पीड़ितों को पेयजल की सप्लाई भी सीएसआर के तहत ही की जा रही हैं जबकि नागदा के चंबल डेम के 4 जल स्रोतों पर आदित्य बिड़ला समूह का ही अधिकार हैं । क्योंकि उक्त जल स्रोतों के जल का उपयोग इनके उत्पादन कार्य में किया जाता हैं । 
  • 5) चंबल नदी पर डेम के निर्माण कार्य के संबंध में भी करोड़ों रुपए की धांधली कर वर्षों पूर्व बनवाए गए डेम के निर्माण के नाम पर सीएसआर की धनराशि खर्च की जाना बताया गया है ।
अभिषेक चौरसिया ने बताया कि भारत सरकार द्वारा कंपनी एक्ट 2013 के तहत सीएसआर पालिसी का निर्माण इसीलिए किया गया था कि उद्योगों द्वारा उनके कुल नेट प्रॉफिट का 2 प्रतिशत हिस्सा उस क्षेत्र के विकास में लगाया जाएं जहाँ इनकी इकाइयां स्थापित हैं। यदि इनके द्वारा सीएसआर का सही उपयोग नागदा शहर के शहरवासियों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं सामाजिक गतिविधियों में प्रत्यक्ष रूप से होता तो शायद शहर की स्थिति बहुत ही ज्यादा सुदृढ़ होती। लेकिन सिर्फ आंकड़ों के खेल में उलझाकर सीएसआर की राशि को गबन करने और निजी हित लाभ साधने का प्रयास किया जा रहा हैं।
अभिषेक चौरसिया ने बताया कि शिकायत के माध्यम से उन्होंने ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ के विगत 5 वित्तीय वर्षों 2014-15, 2015-16, 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की सीएसआर राशि के गबन और टैक्स चोरी की जांच की मांग की है तथा इस मामले में सीएसआर चेयरपर्सन राजश्री बिरला, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रगयना राम, सीएसआर कमेटी सदस्य शैलेन्द्र कुमार जैन आदि के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की है क्योंकि उक्त सीएसआर राशि का भुगतान एवं समस्त कार्य इस समिति के माध्यम से ही किया जाता है ।
नियमानुसार सीएसआर की राशि का खर्च कंपनी की प्रोडक्शन यूनिट एवं रजिस्टर्ड ऑफिस जहां पर स्थित हो उसी क्षेत्र के लिए किया जाने का प्रावधान है लेकिन इसके विपरित ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड द्वारा देशभर में खर्च करने का कार्य प्रदर्शित किया जा रहा हैं। जो कि उनके द्वारा अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी के समक्ष स्वीकार भी किया गया है ।
सीएसआर के तहत 100 करोड़ से ज्यादा की राशि करना थी खर्च -
अभिषेक चौरसिया ने बताया कि ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड को उनके नेट प्रॉफिट का 2 प्रतिशत क्षेत्र के विकास में खर्च किया जाना चाहिए था लेकिन सिर्फ काग़जो में ही उलझाकर सबको गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा हैं। वर्ष 2014-15 में 20 करोड़, 2015-16 में 15.84 करोड़, 2016-17 में 15.84 करोड़, 2017-18 में 26.98 करोड़ एवं 2018-19 में 22 करोड़ से ज्यादा की राशि का खर्च कंपनी द्वारा किया जाना था लेकिन सिर्फ आंकड़ों के खेल में उलझाकर सबको गुमराह करने का कार्य किया गया है। जिसके संबंध में कॉरपोरेट मंत्रालय, भारत सरकार के रिकॉर्ड भी शिकायतकर्ता के पास उपलब्ध है जिसे लेकर उच्च अधिकारियों को भी अवगत करवाया जा चुका हैं ।

गुरुवार, 6 फ़रवरी 2020

ग्रेसिम उद्योग के cs2 प्लांट से निकलने वाली गैसों से क्षेत्रवासियों हो रहे परेशान जवाबदार क्यो है मौन?

ग्रेसिम उद्योग के cs2 प्लांट से निकलने वाली गैसों से क्षेत्रवासियों हो रहे परेशान  जवाबदार क्यो है मौन?

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा - ग्रेसिम में सेफ्टी मटेरियल गेट पर दोपहर लगभग 2:00 बजे के करीब जिला कांग्रेस महामंत्री एवं पूर्व पार्षद रघुनाथ सिंह ठाकुर द्वारा गेट पर उपस्थित सिक्योरिटी से शिकायत की गई कि ग्रेसिम उद्योग के cs2 प्लांट की चिमनी से निकलने वाली गैस से दुर्गापुरा क्षेत्र के रहवासियो को काफी तकलीफ हो रही है.
गैस के प्रभाव के कारण साँस लेने मे तकलिफ हो रही है व गला जाम हो रहा है उद्योग गैस के प्रभाव को कम करें क्योंकि इससे लगभग 04 हजार लोग प्रभावित हो रहे है वहीं कांग्रेस महामंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि ग्रेसिम उद्योग के हेड  के.सुरेश , रघुवंशी जी, मिश्रा जी जो एक जवाबदार व्यक्ति हैं फोन किये जाने पर फोन नहीं उठाते है।


गैस के प्रभाव को कम करें वरना  किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है । क्षेत्रवासियो को उद्योग द्वारा गैस इत्यादी के कारण यदि तकलिफ होती है तो फोन करने पर किसी भी जवाबदार व्यक्ति द्वारा फोन नहीं उठाया जाता है जो निंदनीय है यदि कल को कोई हादसा हो जाता है तो इसकी पूर्ण जवाबदारी उद्योग की होगी।

बुधवार, 29 जनवरी 2020

ओद्योगीक शहर नागदा मे भारत बन्द का मिलाजुला रुप देखने को मिला, गुलाब का फुल देते दिखे व्यापारी

ओद्योगीक शहर नागदा मे भारत बन्द का मिलाजुला रुप देखने को मिला, गुलाब का फुल देते दिखे व्यापारी

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा। उज्जैन जिले के औद्योगिक शहर नागदा में भारत बंद का मिला जुला असर देखने को मिला। सीएए और एनआरसी के विरोध में अल्प संख्यक मोर्चा और भीम सेना द्वारा भारत बन्द का आह्वान किया गया था।
जबकि इस बन्द के खिलाफ व्यापारी संघ एव अन्य व्यापारी संघटनो ने नागदा थाने पर बन्द के विरोध मे थाना प्रभारी को ज्ञापान के माध्यम से अपनी दुकानों को खुली रखने का निर्णय लिया गया था। और सभी से खरीदारी करने तक की बातो को सोसल मिडिया के माध्यम से कहा गया । भारत बंद के अवसर पर नगर में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस बल सहित पुलिस के अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारी नगर मे भ्रमण करते देखे गए।
जबकि दूसरी ओर भारत बंद के समर्थन में निकले लोग व्यापारियों को गुलाब का फूल देते नजर आए। शांती व्यस्था के मद्देनजर नागदा में बंद को देखते हुवे पुलिस बल को मुख्य -मुख्य जगहों पर तैनात भी किया गया । वही नागदा की फेमस जोडी जो की अनुविभागी अधिकारी रामप्रसाद वर्मा तथा सीएसपी मनोज रतनाकर अपने दल बल सहित नगर मे भ्रमण करते नजर आए। अनुविभागीय अधिकारी व सी एस पी मनोज रत्नाकर के नगर मे हो रही हर छोटी से छोटी प्रतिक्रया पर नजर थी।

मंगलवार, 28 जनवरी 2020

गुलब्रांडसन के स्थाई व ठेका श्रमिकों को अब मिलेगा अधिक बोनस- समझौता वार्ता

गुलब्रांडसन के स्थाई व ठेका श्रमिकों को अब मिलेगा अधिक बोनस- समझौता वार्ता

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा. गुलब्रांडसन केमिकल उद्योग में काफी समय से लंबित बोनस समझौता वार्ता सोमवार को संपन्न हुवा। लगभग पांच घंटे चली लंबी बैठक में श्रम संगठनों और मैनेजमेंट के मध्य हुई चर्चा के बाद ठेका श्रमिकों को 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 21 और स्थायी श्रमिकों को 21 से बढ़ाकर 24 प्रतिशत बोनस देने का करार हुआ।
स्थाई श्रमिको का 21 से बढ़कर 24 प्रतिशत हुआ बोनस
इसमें से 4 प्रतिशत राशि एक्सग्रेशिया मद में दी जाएगी। भारतीय मजदूर संघ के सुल्तान सिंह शेखावत ने बताया ऐसा पहली बार हुआ है जब स्थायी और ठेका श्रमिकों के बोनस में तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब तक आधा प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही थी। यह अनुबंध 1 जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2023 तक प्रभावशील रहेगा। गौरतलब है कि उद्योग में 225 ठेका और 28 स्थायी श्रमिक कार्यरत है। 

बैठक में यह रहे मौजूद-

बैठक में केमिकल श्रमिक संघ (बीएमएस) और ग्रेसिम श्रमिक संघ (इंटक) के श्रमिक नेता सत्यनारायण शर्मा, अनिल दुबे, भोला सिंह, लक्ष्मण गुर्जर, शिवराज सिंह नरुका, जितेंद्र रघुवंशी, हरीश रघुवंशी, भरत रघुवंशी, इमरान खान आदि मौजूद रहे। प्रबंधन की ओर से फैक्टरी मैनेजर राजीव पाठक और एचआर हेड वीनू.पी. कोसी उपस्थित रहे।

सोमवार, 27 जनवरी 2020

फ्रांस की राजधानी पेरिस में होगी ग्रेसिम नागदा से प्रदूषित चंबल नदी के पानी की जांच

फ्रांस की राजधानी पेरिस में होगी ग्रेसिम नागदा से प्रदूषित चंबल नदी के पानी की जांच







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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा, 27 जनवरी की बड़ी खबर अधिमान्य पत्रकार कैलाश सनोलिया जी से मिली जानकारी के अनुसार, मशहूर बिड़ला घराना के उज्जैन जिले के नागदा स्थित ग्रेसिम उद्योग के प्रदूषण का मामला अब भारत को लांघकर सात समुंदर पार पेरिस तक जा पहुुंच है। समूचे विश्व के लोग अब प्रदूषण से प्रभावित लोगों के जीवन की कहानी को देख सकेंगे ओर पढेंगे भी।

दरअसल, ग्रेसिम उद्योग से प्रदूषित चंबल नदी के पानी की जांच अब फ्रांस की राजधानी पेरिस की प्रयोगशाला में होगी। साथ ही प्रदूषित पानी से जूझ रहे लोगों के जीवन पर एक डाक्यूमेटरी फिल्म भी बनेगी। चंबल में घुल रहे रसायनों से ग्रेसिम पर केंद्रित एक पुस्तका का भी प्रकाशन होगा। इस कार्य के लिए विश्व प्रसिद्ध फ्रांस निवासी पत्रकार एडवर्ड पैरीन के नेतृत्व में विदेशी  पत्रकारों का दल नागदा पहुंचा था और सारी जानकारियों को जुटाकर दल सोमवार को इंदौर से पेरिस के लिए हवाई यात्रा से रवाना हो गया।

फ्रांस की राजधानी पेरिस में होगी ग्रेसिम नागदा से प्रदूषित चंबल नदी के पानी की जांच


इस दल ने पांच दिनों तक गुपचुप से अपने कार्य को अंजाम दिया। पेरिस रवाना होने से पहले समाचार एजेंसी  से बातचीत में पत्रकार एडवर्ड पैरीन ने बताया कि गांव परमार खेड़ी के समीप से चंबल नदी के पानी का नमूना ले लिया गया है। साथ ही बीमारियों से प्रभावित दर्जनों लोगों की वीडियो शूटिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। लगभग तीन चिकित्सकों के साक्षात्कार भी लिए गए हैं और प्रदूषण से संबधित कई दस्तावेजों को जुटाया गया है।
कैसे नागदा आए विदेशी पत्रकार
  
नागदा के पत्रकार द्वारा ग्रेसिम से प्रदूषित पानी को लेकर कई स्टोरियों को राष्ट्रीय स्तर पर रिलीज किया गया था। इन खबरों के बाद पैरिस के पत्रकार एडवर्ड ने सीधे श्री सनोलिया से दूरभाष पर बातचीत की। तकरीबन 2 माह तक दोनों के बीच चर्चा का आदान-प्रदान हुआ। उसके बाद नागदा आने का कार्यक्रम तय हुआ। इस कार्य में इंडिया टूडे व आउट लुक पत्रिका में लेखनी चलाने वाले पत्रकार अनुपदत्ता भी सहभागी बने।

फ्रांस की राजधानी पेरिस में होगी ग्रेसिम नागदा से प्रदूषित चंबल नदी के पानी की जांच

गंदा नाला अब दिखेगा डाक्यूमेटरी में

पत्रकार दल ने गांव पारदी, परमार खेड़ी एवं नागदा शहर मेें प्रदूषण से प्रभावित बीमार लोगों से साक्ष्य जुटाए हैं। उनसे बातचीत तो की साथ ही उनकी बीमारी से संबधित दस्तावेजों का भी अवलोकन किया। ग्रेसिम उद्योग से लगातार 24 घंटे जो नाला चंबल नदी में मिल रहा है , उसकों भी अपने कैमरों में कैंद किया। 

मौत के शिकार लोगों से बातचीत

ग्रेसिम उद्योग मेें दुर्घटना आदि से मौत के शिकार लोगों से दल के लोगों ने बातचीत की। न्यायालयों में प्रबंधन के खिलाफ  चल रहे प्रकरणों के दस्तावेज भी जुटाए गए हैं।

कौन है पत्रकार एडवर्ड

पत्रकार एडवर्ड ने अपनी पत्रकारिता से कई घोटालों का भंडाफोड़ किया है। एक विश्व प्रसिद्ध घोटाला उजागर करने के बाद वे प्रताडऩा के शिकार भी हुए थे। लेकिन कोर्ट से सही पाए गए। उसके बाद एडवर्ड का नाम दुनिया में जाना जाने लगा। इस पूरी कहानी को श्री सनोलिया के समक्ष पत्रकार एडवर्ड ने बयां किया।

फ्रांस की राजधानी पेरिस में होगी ग्रेसिम नागदा से प्रदूषित चंबल नदी के पानी की जांच

एक हजार पेज के दस्तावेज का अवलोकन

इस पूरी कहानी में मप प्रदूषण बोर्ड से सूचना अधिकार में उपलब्ध लगभग एक हजार दस्तावेज का सहारा भी पत्रकारों के दल ने लिया। इन दस्तावेजों में ग्रेसिम के खिलाफ  एनजीटी की रिपोर्ट, आदि शामिल है।

मशीन भी पहुंची नागदा

वातावरण की हवा को संचित  करने के लिए विदेशी तकनीकी से बनी एक मशीन भी कोरियर से यहां पहुुुची थी, जो कि श्री सनोलिया के नाम से पेरिस से यहां आई थी। बताया जा रहा है कि इस मशीन की यह विशेषता है कि वातावरण की हवा को अपने अंदर एकत्रित करती है। इस हवा में प्रदूषण की मात्रा को नापा जा सकता है।

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