ग्रेसिम केमिकल डिवीजन की पर्यावरणीय स्वीकृति को स्थगित करने संबंधित जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में मंजूर |
ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
नागदा. जिला उज्जैन में स्थित ग्रेसिम केमिकल डिवीजन को दिनांक 07 फरवरी 2020 को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी पर्यावरणीय स्वीकृति को स्थगित करने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय, भारत में वरिष्ठ कांग्रेस नेता योगेश शुक्ला द्वारा विगत दिनों जनहित याचिका दायर की गई थीं जिसे माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वीकार कर लिया गया है।
इस याचिका को पंजीकृत करते हुए केस डायरी क्रमांक प्रदान कर दिया गया है। जिसकी जानकारी याचिकाकर्ता योगेश शुक्ला को पत्र एवं एसएमएस के माध्यम से प्रदान की गई हैं। योगेश शुक्ला ने बताया कि ग्रेसिम केमिकल डिवीजन को प्लांट विस्तारीकरण के संबंध में गंभीर धांधली एवं अनियमितता करके आनन फानन में पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान की गई हैं ।
जिसके संबंध में विभिन्न तथ्यों के माध्यम से माननीय सर्वोच्च न्यायालय का ध्यान आकर्षित करने का कार्य किया गया है। विगत कई माह से नागदा एवं चंबल नदी के किनारे स्थित ग्रामीण क्षेत्रों में गंभीर जल, वायु और भूमि प्रदूषण की जांच जारी हैं और कई मामले व प्रकरण विचाराधीन हैं ऐसी स्थिति में अभी तक किसी भी जांच का कोई अंतिम प्रतिवेदन आए बिना पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान करना कहीं न कहीं उद्योग के दबाव में कार्य करने वाला प्रतीत होता है।
योगेश शुक्ला ने बताया कि इस मामले में हुई गंभीर अनियमितता के संबंध में विभिन्न साक्ष्य एवं दस्तावेज माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष याचिका के माध्यम से उपलब्ध करवाए गए हैं । याचिका के माध्यम से उक्त पर्यावरणीय स्वीकृति को दिसम्बर 2020 तक स्थगित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अनुरोध किया गया है। इसके साथ ही इस प्रकरण में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं प्रेम तिवारी, यूनिट हेड , ग्रेसिम केमिकल डिवीजन को पार्टी बनाया गया हैं ।
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