महाशिवरात्रि मेले में दुकान आवंटन में प्रशासन कमलनाथ सरकार को कर रहा बदनाम : मालपानी |
ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 830589556
नागदा. एक ओर जहां मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार क्षेत्र के पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों को विश्व पटल पर प्रस्तुत करने के लिये नित नए आयोजनों की रूपरेखा बना रही है वहीं नागदा में लगभग 50 वर्षो से महाशिवरात्रि का मेला प्राचीन मुक्तेश्वर मन्दिर पर आयोजित किया जाता है।
उसका स्वरूप बिगाड़ने का प्रयास स्थानीय प्रशासन कर रहा है। इस बार जो बीज प्रशासन ने बो दिए है उसका आने वाले सालों मे मेला आयोजन करने मे आयोजको को काफी परेशानी आयेगी। उक्त बात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि बसंत मालपानी ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही है।
श्री मालपानी ने कहा कि मुक्तेश्वर मंदिर नागदा एवं आसपास की जनता का आस्था का केन्द्र है । पुराने स्वरूप में चल रहे मेले को व्यवसायिक स्वरूप प्रदान करना कहीं न कहीं प्रशासन की नियत में खोट दर्शाता है। जहां नगर पालिका के मद से गरबा आयोजन, अटल मेला आयोजन, रावण दहन समितियों में आर्थिक व्यय किया जाता है। तो महाशिवरात्रि मेले में भी न्यूनतम दरों पर या लाटरी सिस्टम से निःशुल्क रूप से दुकानों व झूला चकरी हेतु जगह का आवंटन किया जाना था। प्रारम्भ में दरे बढ़ाना कहीं न कहीं प्रशासन की व्यवसायिक सोच एवं धार्मिक मामलों में कमलनाथ सरकार को बदनाम करने की साजिश थी।
श्री मालपानी ने शहर के जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि प्रशासन के नुमाइंदो की पोस्टिंग आज शहर में है कल वे दुसरी जगह जा सकते है। लेकिन अगर शहर एवं शहर के आयोजनों की व्यवस्था बिगाड़ गये तो वर्षो से हमारे पूर्वजो द्वारा जमाये गये आयोजनों एवं धरोहरों को फिर से खड़ा करना हमारे लिये मुश्किल होगा। इस संबंध में श्री मालपानी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी को भी पत्र के माध्यम से सूचना पहुंचाई है।
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