पुरुष नसबंदी का आदेश पर गरमाई राजनीति, संचालक छवि भारद्वाज राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाया |
खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 98932 21036
भोपाल : पुरुष नसबंदी का टारगेट पूरा करने में सख्ती बरतने का ऑर्डर देने वाली राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्य प्रदेश की संचालक आईएएस अफसर (IAS) छवि भारद्वाज पर एक्शन हो गया है। उन्हें स्वास्थ्य विभाग से हटा दिया गया है।
शुक्रवार को जारी आदेश के अनुसार छवि भारद्वाज को अब मंत्रालय में OSD बनाया गया है। वो इससे पहले कलेक्टर जबलपुर और भोपाल में नगर निगम कमिश्नर रह चुकी हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्य प्रदेश की संचालक आईएएस अफसर छवि भारद्वाज को स्वास्थ्य मंत्रालय से हटा दिया गया है. पुरुष नसबंदी का टार्गेट हासिल करने के लिए सख्त आदेश देने के बाद इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया था और सियायत शुरू हो गयी थी।
मीडिया में खबर आने पर इस पर राजनीति तेज हो गयी थी. उसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये आदेश वापस ले लिया और मिशन संचालक छवि भारद्वाज को स्वास्थ्य मंत्रालय से हटाकर मंत्रालय में OSD बना दिया गया है।
मंत्री तुलसीराम सिलावट ने दी सफाई : राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट ने जारी सर्कुलर पर कहा था कि किसी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी।
प्रदेश में किसी के साथ जोर-जबरदस्ती नहीं होगी। केंद्र सरकार ने सर्कुलर जारी किया है। प्रदेश सरकार पूरे मामले की समीक्षा करने के बाद फैसला लेगी। पुरुष नसबंदी के आदेश को लेकर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने सफाई दी थी कि ये रूटीन आदेश है। आज देश-विदेश में सभी परिवार को लेकर सजग हैं। सभी जानते हैं कि छोटा परिवार, सुखी परिवार।
अपनी संतान की परवरिश ठीक से कर सकें. कम बच्चे होने पर परिवार उन्हें ज्यादा अच्छी परवरिश दे सकता है। अनिवार्य सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) पर कर्मचारियों के डर पर मंत्री ने कहा था कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। वो अपना काम ईमानदारी से करें।
सरकार ने किया रोल बैक, आदेश वापस लिया :
परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के आदेश पर हाय-तौबा मचने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने इसे वापस ले लिया है। अब टार्गेट पूरा ना करने पर ना तो किसी की नौकरी जाएगी और न ही सैलरी वापस ली जाएगी।
इससे पहले सरकार ने पुरुष बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (MPHWs) की सूची तैयार करने का आदेश दिया था, जो साल 2019-20 में एक भी पुरुष की नसबंदी नहीं करा पाए। सरकार ने ऐसे कार्यकर्ताओं का वेतन रोकने और उन्हें जबरन रिटायरमेंट देने की चेतावनी दी थी।
वीआरएस देने की चेतावनी
ये आदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने राज्य के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि जो नसबंदी का टारगेट पूरा न करने पर हैल्थ वर्कर्स को वीआरएस यानी सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा.
5 से 10 पुरूषों की नसबंदी कराना जरुरी
मध्यप्रदेश में परिवार नियोजन कार्यक्रम में कर्मचारियों के लिए 5 से 10 पुरूषों की नसबंदी कराना अनिवार्य किया गया है. मध्य प्रदेश हैल्थ मिशन की वेबसाईट पर बताया गया है कि जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के उद्देश्य से भारत वह पहला देश था, जिसनें इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में साल 1952 में ही अपना लिया था. इसमें लिखा है कि इस कार्यक्रम में पुरुषों की सहभागिता बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें