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मंगलवार, 6 जून 2023

मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

 

 
मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

(मानव अधिकार क्रांति संगठन द्वारा संगोष्ठी) 

जबलपुर में मानव अधिकार क्रांति संगठन के द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन मढा़ताल पार्क में  प्रदेश अध्यक्ष डाँ गीता पांडेय, "ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन" (आइसना) के प्रांतीय अध्यक्ष विनय जी. डेविड की अध्यक्षता में कार्यक्रम का संयोजन जिला अध्यक्ष ममता ठाकुर एवं राजकुअँर के द्वारा किया गया 


मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

और पर्यावरण दिवस पर सभी ने अपने अपने विचार रखें पौधारोपण  करने के पश्चात संगोष्ठी  में सभी अपने विचार रखे कार्यक्रम में संस्था के डाँ मुकेश जैन, जगदीश शर्मा, एड भावना निगम , ज्योति दुबे , मीना पांडे , प्रेमलता ठकार, नीलम शर्मा, रोशनी कुमंरे, हेमलता तिवारी, प्रीति रूसिया, अंजुला दीक्षित, रेखा विश्वकर्मा , सुधा तिवारी, किरण पंडित, नाज, यशवंत कोस्टा, पंकज मेहता ,अशोक चौधरी, संजय शर्मा, तुषार चौहान, अभिषेक गांगुली , प्रवीण मेहरोत्रा, इंद्र कुमार कुशवाहा, साकेत कुमार अग्रहरी दिलीप गोस्वामी, आदर्श शर्मा, राजेश पांडेय आदि सदस्य उपस्थित रहे ।


मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

आज विश्व पर्यावरण दिवस पर उठाएं संकल्प,

ताकि हो सके आपके स्वस्थ जीवन का काया कल्प!

अगर बचाना है प्रलय से मानवता के जीवन तो,

तो पर्यावरण संरक्षण ही है एक मात्र विकल्प!!


विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं!

सोमवार, 5 जून 2023

RTI : सूचना के अधिकार की जानकारी छुपाने वाले लोक सूचना अधिकारी केस ट्रांसफर के बाद भी नपे, सूचना आयोग ने लगाया 25 हजार का जुर्माना

 


RTI : सूचना के अधिकार की जानकारी छुपाने वाले लोक सूचना अधिकारी केस ट्रांसफर के बाद भी नपे, सूचना आयोग ने लगाया 25 हजार का जुर्माना

सूचना आयोग ने लिखार के उपर एक RTI के प्रकरण में ₹25000 का जुर्माना लगाया और दूसरे प्रकरण में लिखार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं।

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भोपाल, जुर्माने का नोटिस जारी होते ही राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के यहाँ से अपनी सुनवाई ट्रांसफर करने पर भी नही बच पाए भोपाल के चीफ़ सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार। सूचना आयोग ने लिखार के उपर एक RTI के प्रकरण में ₹25000 का जुर्माना लगाया और दूसरे प्रकरण में लिखार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं।

आयोग जारी करने वाला था बेलेबल वारंट
जुर्माने की कार्रवाई  मुख्य सूचना आयुक्त ए. के. शुक्ला द्वारा की गई है। ये दोनो RTI अपील प्रकरण पूर्व में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के समक्ष प्रस्तुत किए गए थे। दोनो प्रकरणों में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने चीफ सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार को दोषी पाते हुए जुर्माने और अनुशासनिक कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किए थे। जनवरी 2023 से बार-बार आयोग के आदेश की अवहेलना करते हुए लिखार आयोग के समक्ष भी हाजिर नहीं हो रहे थे ना वे सिंह द्वारा जारी कार्रवाई की नोटिस का जवाब भी दे रहे थे। इसको भी सिंह ने इस को गंभीरता से लेते हुए निखार को चेतावनी दी थी कि अगर वे आयोग के समक्ष सुनवाई में नहीं आएंगे तो उनके विरुद्ध बेलेबल वारंट जारी किया जायेगा।


कार्रवाई से बचने के लिए प्रकरण ही ट्रांसफर कराया


लिखार ने सिंह की कार्रवाई से बचने के लिए अपने दोनों प्रकरणों को सूचना आयुक्त राहुल सिंह की कोर्ट से किसी अन्य स्थान पर ट्रांसफर करने की एप्लीकेशन दे दी यह कहते हुए कि उन्हें सिंह से न्याय मिलने की उम्मीद कम है। वही इस इस प्रकरण में सिंह ने भी तत्काल कार्रवाई करते हुए लिखार की दोनों आरटीआई अपील प्रकरणों को अपने खंडपीठ से अन्य खंडपीठ में सुनवाई के लिए अंतरित करने के लिए मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला को लिख दिया था। साथ में सिंह ने यह भी टिप्पणी कर दी कि उनके द्वारा इस प्रकरण में  कार्रवाई करते हुए लिखार को प्रथम दृष्टया दोषी भी पाया गया था तब से जुर्माने से बचने के लिए निखार द्वारा अपने प्रकरण में न्याय की उम्मीद कम दिखने लगी।


जुर्माने  के साथ हुई अनुशासनिक कार्रवाई

सिंह के पास से यह मामला ट्रांसफर होने पर मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला ने इस प्रकरण में कार्रवाई करते हुए सिंह द्वारा जारी किए गए शो कॉज नोटिस को सही पाया और आनंद नीरज निखार के ऊपर ₹25000 का जुर्माना लगा दिया वही दूसरे प्रकरण में भी सिंह द्वारा जारी शो कॉज नोटिस के तथ्यों को सही पाते हुए एके शुक्ला ने भोपाल नगर निगम के आयुक्त को आनंद नीरज लिखार के  विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए आदेशित किया है।


RTI  में यह जानकारी मांगी थी


भोपाल के आरटीआई आवेदक समीउल्लाह खान नगर निगम के चीफ सिटी प्लानर से भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा जारी एक मकान के कंस्ट्रक्शन की एनओसी की जानकारी मांगी थी। जिसे नीरज आनंद निखारने देने से मना कर दिया यह कहते हुए कि यह मकान मालिक की व्यक्तिगत जानकारी है। इस मामले में अपर आयुक्त नगर निगम शाश्वत मीणा भी जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए थे लेकिन उनके आदेशों की भी अवहेलना करते हुए लिखार ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई थी। वही दूसरे आरटीआई प्रकरण में समीउल्लाह खान ने एक अतिक्रमण की शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई है उसकी जानकारी मांगी थी यह जानकारी भी चीफ सिटी प्लानर ने समीउल्लाह को उपलब्ध नहीं कराई।


अतिक्रमण की जानकारी को RTI मे रोका नही जा सकता: सिंह

इन दोनों प्रकरणों में स्थिति को साफ करते हुए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने यह कहा था कि अतिक्रमण की जानकारी को जनहित में दिया जाना चाहिए था वही किसी भी मकान के निर्माण के लिए जारी एनओसी को व्यक्तिगत जानकारी होने के आधार पर नहीं रोका जा सकता है। ये पूरी तरह से जनहित का मुद्दा है और अवैध निर्माण के ऊपर कारवाई शासन नियम और कानून के अनुरूप करता है। सिंह ने यह भी स्पष्ट किया था कि  अवैध निर्माण और अतिक्रमण में की गई कार्रवाई को अधिकारियों को स्वतः वेबसाइट  पर ही उपलब्ध करा देना चाहिए।  ताकि अवैध निर्माण के संबंध में चल रही कार्रवाई में कसावट सुनिश्चित होगी, साथ ही अधिकारियों की जवाबदेही भी बनेगी। इंदौर के मंदिर में हुए हादसे का जिक्र करते हुए सूचना आयुक्त सिंह ने यह भी लिखा कि अगर इस तरह की जानकारी को पारदर्शी तरीके से पहले ही जनता के सामने रखा जाएगा तो अवैध निर्माण की वजह से होने वाले हादसों पर भी रोक लगेगी।

गुरुवार, 1 जून 2023

RTI : सूचना के अधिकार की धज्जियां उड़ाने वाली महिला बाल विकास विभाग की दो अधिकारियों पर 25-25 हजार का जुर्माना

 

RTI : सूचना के अधिकार

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महिला बाल विकास विभाग की दो महिला अधिकारियों रचना बुधोलिया और प्रेमवती चढ़ार पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है।

MP State Information Commission: 

भोपाल । मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने महिला बाल विकास विभाग की दो महिला अधिकारियों रचना बुधोलिया और प्रेमवती चढ़ार पर 25-25 हजार रुपये के जुर्माना लगाया हैं। विभाग की ही एक महिला कर्मचारी को सूचना का अधिकार के अंतर्गत जानकारी नहीं देने पर यह निर्णय लिया गया है। साथ ही आवेदक से लिया गया तीन हजार दो सौ रुपये का शुल्क भी लौटाने का आदेश दिया।

आवेदक ऋचा दुबे ने 25 मई 2022 को महिला एवं बाल विकास विभाग के सागर कार्यालय से आवक-जावक पंजी की प्रति मांगी थी। लोक सूचना अधिकारी ने समय सीमा में उनसे तीन हजार दो सौ रुपये का शुल्क भी ले लिया पर उन्हें जानकारी नहीं मिली। प्रथम अपीलीय आदेश के बावजूद 15 दिन में दस्तावेज नहीं दिए गए तो प्रकरण राज्य सूचना आयोग के समक्ष आया।

आयोग ने धारा 20 के अंतर्गत जुर्माने का नोटिस जारी किया। अपने बचाव में लोक सूचना अधिकारी रचना बुधौलिया ने कहा कि जानकारी विस्तृत थी और पंचायत चुनाव के कारण जानकारी देना संभव नहीं हुआ। सुनवाई में सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने बचाव पक्ष की दलीलों को अमान्य करते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और शुल्क की राशि लौटाने के आदेश दिए।

इसी तरह एक अन्य आवेदन में विभाग के मालथौन कार्यालय में सात अप्रैल 2022 को ऋचा दुबे ने आंगनबाड़ी भवनों के किराए से जुड़े दस्तावेज मांगे थे, लेकिन न तो 30 दिन में कोई जवाब दिया गया और न ही प्रथम अपीलीय आदेश का पालन हुआ। आयोग की सुनवाई में यह हर स्तर पर सूचना के अधिकार की अवहेलना का प्रकरण माना गया।

अपीलार्थी का कहना था कि आंगनबाड़ियों के किराए के नाम पर यह वित्तीय अनियमितताओं के दस्तावेज हैं, इसलिए जानबूझकर टालमटोल की गई। उन्हें मजबूर होकर आयोग तक आना पड़ा। अंतत: दस माह के विलंब से उन्हें जानकारी मिली। लोक सूचना अधिकारी प्रेमवती चढ़ार को भी इस मामले में नोटिस दिया गया और 25 हजार रुपए जुर्माना का आदेश हुआ।

आयोग ने अपने निर्णय में कहा कि महिला बाल विकास विभाग के एक से अधिक मामलों में यह देखा गया है कि लोक सूचना आधिकारियों को अपनी भूमिका का ही ज्ञान नहीं है। राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी का कहना है कि सूचना का अधिकार कानून 18 साल पुराना हो चुका है लेकिन लोक सूचना अधिकारियों को 30 दिन की अमूल्य समय सीमा संज्ञान में नहीं है। मामूली सी जानकारियों के प्रकरण आयोग तक आते हैं। कुछ विभागोंं का रवैया तो बेहद चिंताजनक है।


शुक्रवार, 28 अप्रैल 2023

बर्खास्त बिशप नटवरलाल पीसी सिंह फिर गया जेल, रिमांड के बाद भोपाल से लाकर ईडी ने जबलपुर जेल भेजा



बर्खास्त बिशप नटवरलाल पीसी सिंह फिर गया जेल, रिमांड के बाद भोपाल से लाकर ईडी ने जबलपुर जेल भेजा


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विनय जी डेविड : 9893221036

*ED की पूछताछ में हुए कई अहम खुलासे, चर्च की कीमती जमीन को बेचा, कई काले कारनामों का दस्तावेज भी बरामद*

*बर्खास्त बिशप के जबलपुर समेत मुबंई, रांची व नागपुर स्थित ठिकानों पर भी ईडी ने मारा था छापा*

जबलपुर। चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के पूर्व निदेशक बिशप (former bishop) पीसी सिंह (PC Singh) को जेल भेज दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीसी सिंह से 14 दिन तक पूछताछ की। जिसमें कई अहम खुलासे हुए। बिशप सिंह ने सीएनआई की कीमती कई जमीन को बेचा। कई संस्थानों को बेकार बताकर किराए पर दे दिया। पी सी सिंह के कई काले कारनामों के दस्तावेज भी बरामद किए गए।

बिशप पद से हटाए गए द बोर्ड आफ एजुकेशन चर्च आफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस के पूर्व चेयरमैन पीसी सिंह को कोर्ट के निर्देश पर ईडी ने जबलपुर केंद्रीय जेल भेज दिया है। ईडी ने पीसी सिंह को 12 अप्रैल को जबलपुर में गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी गई थी। कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड स्वीकृत की थी। पूछताछ के लिए उसे भोपाल ले जाया गया था।

रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद पीसी सिंह को 27 अप्रैल को जबलपुर लाया गया जिसके बाद जेल भेज दिया गया। दरअसल, जबलपुर में 2022 में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने मुंबई, रांची, नागपुर स्थित छह ठिकानों पर छापा मारा था।

इन ठिकानों से ईडी ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज और करीब पांच लाख 37 हजार 500 रुपये नकद जब्त किए थे। ईडी ने यह कार्रवाई 15 मार्च को जबलपुर, मुंबई, रांची व नागपुर के छह ठिकानों तथा 18 मार्च को रांची में तीन ठिकानों पर छापामारी की थी। जिसके बाद ईडी की टीम 12 अप्रैल को जबलपुर पहुंची और पीसी सिंह को उसके नेपियर टाउन स्थित बंगले से गिरफ्तार कर लिया था।

बिशप पीसी सिंह के घर में आठ सितंबर 2022 को ईओडब्ल्यू की टीम ने छापा मारा था। वहां से एक करोड़ 65 लाख 14 हजार रुपए, 118 पाउंड, 18352 यूएस डालर, 80 लाख 72 हजार रुपये कीमत के दो किलो वजनी सोने के जेवर समेत 17 संपत्तियों के दस्तावेज और 48 बैंक खातों के संबंधित दस्तावेज जब्त हुए थे। 

पीसी सिंह जर्मनी से 11 सितंबर को स्वदेश लौटने पर उसे नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। जबलपुर लाकर पूछताछ व जांच की गई। जांच के दौरान उसकी पौने आठ करोड़ रुपये की एफडी का खुलासा हुआ। यह भी पता चला कि वह स्वयं 128 बैंक खाते संचालित करता था। 46 खाते उसके स्वजन और संस्थाओं के नाम पर थे।


पीली कोठी मेथोडिस्ट चर्च संस्थान द्वारा निर्मित अवैध भवन नगर निगम जबलपुर ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया

 


पीली कोठी मेथोडिस्ट चर्च निर्माण भवन तोड़ने की कार्यवाही नगर निगम ने जेसीबी द्वारा अवैध निर्माण तोड़ा 


*जबलपुर से विनय जी. डेविड की रिपोर्ट*
*संपूर्ण जानकारी खबर, वीडियो, फोटो के लिए संपर्क करें : 98932210368989655519

*जबलपुर, नगर पालिक निगम जबलपुर अपर आयुक्त श्री राजेन्द्र मिश्रा द्वारा स्वामी दयानंद सरस्वती वार्ड अन्तर्गत तैय्यबअली मार्ग पीली कोठी पर फादर मनीष एस.गिडियन मेथोडिस्ट द्वारा किए जा रहे निर्माण विषयक् स्वामित्व सहित भवन स्वीकृति दस्तावेज प्रस्तुत करने कहा था। परंतु मनीष गिडियन एवं संस्थान के लोगों द्वारा किसी भी प्रकार के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए. चर्च के नाम पर मेथोडिस्ट चर्च संस्थान के बिशप एम.ए. डेनियल, एरिक पी नाथ और मनीष गिडियन है मनीष गिडियन अभी सेंट्रल जेल जबलपुर में सलाखों के पीछे है ये सभी मुख्य आरोपी है,

जिस पर संज्ञान लेते हुए नगर निगम ने आज तहसील भेजकर के अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है जो अभी चल रही है.*

ज्ञात हो कि नगर निगम में चर्च द्वारा प्रस्तुत जबाब पर नगर निगम द्वारा चर्च को नोटिस दिया कि “स्थल पर किया गया निर्माण अनाधिकृत रूप से बिना स्वीकृति से किया गया है। तदोपरान्त उक्त निर्माण को हटाए जाने हेतु आपको कार्यालय द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम नियम अनुसार नोटिस किया गया है ।

जिस पर आपके द्वारा निगम कार्यालय पर दिनांक 27.08.2020 को एक पत्र प्रस्तुत कर चर्च शेड निर्माण की बात कही गई एवं नजूल डीड एवं नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत की गई । आपने उक्त पत्र में स्थल पर किए जा रहे निर्माणाधीन भवन का नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय से स्वीकृति प्राप्त होने पश्चात् निगम से भवन अनुज्ञा अनुमति लिए जाने का लेख किया है।

आपके द्वारा स्थल पर किए गए निर्माण के संबंध में ढाई वर्ष उपरान्त भी आज दिनांक तक निगम कार्यालय पर भवन अनुज्ञा आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। इतनी बड़ी संरचना का निर्माण बगैर नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय की स्वीकृति के एवं बगैर भवन अनुज्ञा अनुमति प्राप्त किए गंभीर त्रुटी है।

आपको इस पत्र के माध्यम से निर्देशित किया जाता है कि आप पत्र प्राप्ति से 24 घण्टे के भीतर स्थल पर किए गए निर्माण को स्वयं हटा लेवें। अन्यथा कि स्थिति में स्थल पर किया गया अनाधिकृत निर्माण निगम द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम में विहित प्रावधानों के अन्तर्गत किसी भी समय हटा दिया जावेगा।

इस मामले में यूसीएनआईटीए के स्पेशल पावर ऑफ अटॉर्नी एडमिन लाल एवं यूसीएनआईटीए के मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र के लीगल एडवाइजर विनय जी. डेविड ने अवैध निर्माण तोड़ने की शिकायत की थी.

आज अभी पीली कोठी  मेथोडिस्ट चर्च निर्माण भवन तोड़ने की कार्यवाही नगर निगम ने जेसीबी लगाकर अभी शुरू कर दी है कार्रवाई चल रही है जेसीबी द्वारा अवैध निर्माण तोड़ा जा रहा है.

सोमवार, 24 अप्रैल 2023

7 वर्षों से मध्य प्रदेश तीरंदाजी एकेडमी हॉस्टल में संविदा आर्चरी कोचों ने जमा रखा है अवैध कब्ज़ा, सरकारी खर्चे पर बल्ले-बल्ले


7 वर्षों से मध्य प्रदेश तीरंदाजी एकेडमी हॉस्टल में संविदा आर्चरी कोचों ने जमा रखा है अवैध कब्ज़ा, सरकारी खर्चे पर बल्ले-बल्ले

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विनय जी. डेविड : 9893221036

जबलपुर. मध्य प्रदेश तीरंदाजी अकैडमी जबलपुर परिसर में जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे और प्रमुख कोच रिचपाल सिंह सलारिया की कृपा से संविदा शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पिछले 7 वर्षों से सभी कोच एवं कर्मचारी अपने परिवार के साथ एकेडमी परिसर में ही निवास कर रहे हैं जिसकी शिकायत जबलपुर कलेक्टर को की गई.

आशीष पांडे जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी

जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे से जब यह जानकारी प्राप्त की गई तो उन्होंने गुमराह करते हुए शिकायत को झूठी बताया जबकि हर एक आदमी को पता है कि आर्चरी एकेडमी परिसर के छात्रा-छात्राओं के होस्टल में सभी कोच कई कमरों में कब्जा करके रह रहे हैं

विडियो खबर : तीरंदाजी एकेडमी जबलपुर में प्रशिक्षकों की बल्ले-बल्ले


वही हॉस्टल में छात्रा-छात्राओं के लिए बनने वाला भोजन भी नियमित रूप से प्रतिदिन सेवन कर रहे हैं संविदा आर्चरी  कोचों के अनुबंध के आधार पर नियम अनुसार उनको किसी भी प्रकार की वेतन के अलावा अन्य सुविधा प्रदान नहीं की जा सकती, परंतु सरकारी संपत्ति पर कब्जा करके लाखों रुपए का सरकार के राजस्व का नुकसान, खेल अधिकारियों की मिलीभगत सांठगांठ से हो रहा  है, 

इस मामले में जबलपुर जिला कलेक्टर को भी जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे के द्वारा गुमराह किया जा रहा है, सही रिपोर्ट नही मिलने की वजह से जिला जबलपुर कलेक्टर इस मामले में कोई उचित कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं, 

इस मामले में एक शिकायत कलेक्टर जबलपुर को प्राप्त हुई थी जिस परजिला खेल अधिकारी आशीष पांडे ने गुमराह करते हुए कलेक्टर को सही जानकारी नहीं पहुंचाई, जहां छात्रा छात्राओं के लिए यह सुविधा दी गई है वहीं कोचों के यहां पर निशुल्क सरकारी खाते में वारे न्यारे हैं, अब जब यह खुलासा  हुआ है तो अब देखना यह है कि इस मामले में कलेक्टर जबलपुर क्या कार्रवाई की जाती है.

कौन-कौन कोच वं कर्मचारी है नियमों की धज्जियां उड़ा कर शासकीय संपत्ति का उपयोग करने वाले

1. रश्मि सिंह कोच आर्चरी अगस्त 2016 से ही एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है,

2. अशोक कुमार यादव आर्चरी कोच अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं, जिसमें पत्नी एवं 3 बच्चे एवं अपने दो रिश्तेदारों अमित यादव एवं अन्य) के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

3. रवि प्रधान आर्चरीकोच अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं जिसमें पत्नी एवं 1 बच्चा एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

4. दशरथ सिंह ठाकुर वार्डन अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं जिसमें पत्नी एवं 1 बच्चा एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

5. कप्तान  स्वयं अपने एक दो रिश्तेदारों के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

6. रिचपाल सिंह सलारिया मुख्य आर्चरी कोच स्वयं सत्र 2019 से 2023 निवास कर रहे हैं, अपने 4 रिश्तेदारों 1. सौम्या सिंह उर्फ तनु 2. दीक्षांत सिंग उर्फ देसू एवं अन्य दो रिश्तेदारों के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है

बुधवार, 19 अप्रैल 2023

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सोमवार, 17 अप्रैल 2023

ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार

  

ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार



ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार


भविष्य की आहट : देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन

 


भविष्य की आहट : देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन

भविष्य की आहट / डा. रवीन्द्र अरजरिय

चर्चित व्यक्ति को नेतृत्व देने की पुरातन परम्परा रही है। प्रतिभा, योग्यता और समर्पण के आधार पर चर्चाओं का वातावरण सकारात्मकता का पर्याय हुआ करता था। वर्तमान समय में सकारात्मकता को नकारात्मकता ने पछाड दिया है। वातावरण निर्माण हेतु प्रायोजित कार्यक्रमों का दौर शुरू हो गया है। लाभ के अवसरों के लिए आपसी समझौतों की श्रंखला अब नित नई ऊंचाइयां छूने लगीं हैं। इन कार्यक्रमों को विभिन्न माध्यमों से आम आवाम तक पहुंचाने वाले समूह को आधुनिक भाषा में पीआर ग्रुप का नाम दिया गया है। 

व्यक्तिगत संबंधों को व्यापक बनाने के लिए अब विशेषज्ञों की तलाश की जाने लगी है। राजनैतिक धरातल से लेकर वित्तीय संस्थानों तक ने अपने विस्तार के लिए पीआर स्पेशलिस्ट्स की फौज नियुक्त कर ली है। इनसे हटकर अपराधियों, असामाजिक तत्वों और षडयंत्रकारियों ने तो संचार माध्यमों के लिए विधिवत व्यक्तिगत तंत्र ही विकसित कर लिया है। स्वधीनता संग्राम के दौर में धरती से जुडे राष्ट्र भक्तों का बलिदान भी गोरों के षडयंत्र का शिकार हो गया था। उस दौर में भी पैसों की चमक, लालच के दावानल और सत्ता के सम्मान ने इच्छित व्यक्यिों को देश का लोकप्रिय नेता घोषित करवा दिया गया था। 

तब षडयंत्र के तहत अंग्रेजी पत्रों में व्यक्ति विशेष के लिए आलेख, समाचार और  उनकी कथित जीवन गाथायें प्रकाशित करवायी जातीं थीं। लोलुप लोगों को व्यक्ति विशेष के पक्ष में वातावरण निर्मित करने के काम में लगा दिया जाता था, जो चौराहों से लेकर चौपालों तक पहुंचकर उसकी प्रशंसा में मनगढन्त कहानियों सुनाता और समाज में उसे चर्चा का विषय बना देता था। धीरे-धीरे उसके वक्तव्यों को कालीदास के इशारों में बदलकर विदुषी विद्योत्मा बनी आवाम के समक्ष परोसा जाता ताकि समाज उस पैरासूट नेता को वास्तविक नेतृत्व प्रदान कर दे। कठपुतली को जीवित शरीर के भ्रम के रूप प्रस्तुत किया गया। अन्त: देश में जब राष्ट्र भक्तों का दबाव बढने लगा, आम आवाम स्वाधीनता के लिए कफन बांधकर खडी हो गई तो गोरों ने अपनी कठपुतलियों को नेता बनाकर पेश किया। 

वार्ता के लिए उन्हें ही आमंत्रित किया और दिखाने शुरू कर दिये देशवासियों को सब्जबाग। इतिहास की गवाही ने एक बार फिर वर्तमान को व्यथित करना शुरू कर दिया है। अतीक, शाइस्ता, असद, गुलाम, अशरफ, अमृतपाल, जोगा जैसों की नकारात्मकता को सुुर्खियां मिलने लगीं। उनके पक्ष में कमर कसकर खडे लोगों की बातों को महात्व दिया जाने लगा। किसी लोकप्रिय जन कल्याणकारी समाजसेवी की तरह उनकी जीवन गाथायें, विश्राम करने के स्थान, सहयोगियों की जमात जैसे कारक आज चारों ओर छाये हुए हैं। नकारात्मकता को समाप्त करने में लगे लोगों पर प्रश्नचिन्ह अंकित करने का फैशन चल निकला है। सत्य को कोसकर असत्य को स्थापित करने का कारोबार तो दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति करने लगा है। विचार मंथन के माध्यम से पेश किये जाने वाले कार्यक्रम समाज को तोडने में महात्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 

सोची समझी योजना के तहत चलने वाले कृत्यों को सामान्य ढंग से होने वाली गतिविधियों की तरह प्रस्तुत करने की पटकथा तो पहले ही लिखी जा चुकी है। कभी कश्मीर में सेना के जवानों पर वहां के आतंकियों के थप्पड पडते थे और थप्पड मारे वालों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने पर राष्ट्र भक्त फौजियों पर मामले दर्ज किये जाते थे, जबाब मांगे जाते थे, आत्मरक्षा में उठाये गये कदमों को अपराध बनाकर न्याय की चौखट पर दस्तक दी जाती थी। ऐसे लोलुप भितरघातियों की जमात अब आतंक की इबारत बनने की हसरत पालने वालों के चारों ओर सुरक्षा कवच लगा रही है। सरेआम हत्या करने वालों के साथ खडे लोगों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। अनेक घरों के चिरागों को बुझाने वालों के दीये पर हवा को लगते अपराधियों ने अपने संरक्षणदाताओं के साथ मिलकर मुल्क की फिजां में जहर घोलने का काम शुरू कर दिया है। 

इस जहर की चर्चा भी प्रमुखता से की जाने लगी है। पीआर के विशेषज्ञों को मैदान में उतार दिया गया है। अपराध की कहानियां सुना सुनाकर आम आवाम में दहशत पैदा करने वाले अपने विदेशी आकाओं के इशारों कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं। राजनीति के पंडितों से लेकर अपराध के जल्लादों तक ने समय के साथ करवट बदल ली है। दहशत के आकाओं को उनकी जाति विशेष के लिए संरक्षक की भूमिका में दिखाया जाने लगा हैं। अपराध से जुटायी गई धन-सम्पत्ति से राजनीति के दरवाजे पर दस्तक देने का क्रम भी चल निकला है। सत्ता का मुखिया बनने वाला व्यक्ति भी अपनी जाति के लिए लचीला रुख अख्यितार करता है। अन्य सशक्त जातियों को नस्तनाबूत करने की मुहिम भी पर्दे के पीछे से निरंतर चलाता है। दूसरी ओर पार्टी के लिए धन संग्रह करने में अपराध जगत की महात्वपूर्ण भूमिका भी तेजी से बढ जा रही है। 

पार्टियों की चंदा राशि को सूचना के अधिकार की सीमा से बाहर रखा गया है। इसी तरह निजिता की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की आजादी और मौलिक अधिकारों की दुहाई जैसी व्यवस्थायें देश को कोढ में खाज देने का काम स्वाधीनता के बाद से निरंतर कर रहीं हैं। पंजाब में सत्ता बदलते ही खालिस्तान के नारे बुलंद होने लगे। खास दलों की सरकारों वाले राज्यों में धार्मिक उन्माद चरम सीमा पहुंचता जा रहा है। व्यक्तिगत हितों पर आदर्श, सिध्दान्त और नीतियों की हत्यायें हो रहीं है। लोगों की महात्वाकांक्षायें अब आसमान छूने लगीं हैं। दल बदलकर इच्छित लक्ष्य की पूर्ति में जुडे लोगों ने स्वयं को जाति विशेष, सम्प्रदाय विशेष तथा क्षेत्र विशेष का कथित ठेकेदार घोषित कर दिया है। ऐसे लोगों को अपने पक्ष में लाने के लिए खद्दरधारियों की टोलियां जुटीं है ताकि आने वाले चुनावों में सत्ता का सिंहासन मिल सके। 

देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन, परन्तु संचार माध्यमों के चन्द मठाधीशों को किन्हीं कारणों से यह सब दिखाई नहीं दे रहा है। यही फर्क है धृतराष्ट्र और गांधारी के अंधेपन में। एक तो सत्ता के लालच में अंधा है तो दूसरा वैभव की प्रचुरता के पीछे पागल होकर अंधे का अंधा बनकर अनुशरण कर रहा है। ऐसे में देश के राष्ट्र भक्त नागरिकों को ही आगे आने होगा, तभी बूंद-बूंद पानी से गागर भर सकेगी और पुन: प्राप्त किया जा सकेगा विश्व गुरु का सम्मान। इस बार बस इतना ही। अगले सप्ताह एक नई आहट के साथ फिर मुलाकात होगी।

गुरुवार, 13 अप्रैल 2023

मैथोडिस्ट चर्च के कार्यपालिक सचिव मनीष गिडियन की जमानत अर्जी निरस्त

 


Manish Gideon, executive secretary of the Methodist Church



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जबलपुर, धोखाधड़ी 420 के मामले में मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज फादर मनीष एस गिडियन की आज फिर सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज, अभी और जेल की सलाखों में ही रहना पड़ेगा, जेल की रोटी खानी पड़ेगी।  

जबलपुर । विशेष न्यायाधीश ईओडब्ल्यू अमदज अली के न्यायालय ने स्कूल के लिए मिली लीज की जमीन का व्यावसायिक उपयोग करने के मामले में आरोपित बनाए गए मैथोडिस्ट चर्च के कार्यपालिक सचिव मनीष एस गिडियन की जमानत अर्जी निरस्त कर दी। विगत पांच अप्रैल को ईओडब्ल्यू ने गिडियन को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उसी दिन उसे जेल भेज दिया था। 

अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सारिका यादव ने पक्ष रखा।  इसके पहले कोर्ट ने मैथोडिस्ट चर्च के पदाधिकारियों बिशप एमए डेनियल व कोषाध्यक्ष एरिक पी नाथ की अग्रिम जमानत भी निरस्त हो चुकी हैं। आरोपितों ने क्रिश्चियन हाई स्कूल के लिए मिली लीज की भूमि पर व्यवसायिक निर्माण किया। भू-भाटक जमा नहीं किया गया। इस तरह आर्थिक अपराध कर शासन को क्षति पहुंचाई। 

आवेदकों पर छल-कपट व धोखाधड़ी का आरोप है। आवेदकों की ओर से दलील दी गई कि दुकानों का निर्माण नगर निगम, से नक्शा पास कराकर किया गया था।

एसपी विनायक वर्मा को तत्काल सस्पेंड करने DGP को निर्देश, अवमानना याचिका पर हुई सुनवाई

 

 


एसपी विनायक वर्मा को तत्काल सस्पेंड करने DGP को निर्देश, वारंट तामील न होने पर जबलपुर हाईकोर्ट सख्त


एसपी विनायक वर्मा को निलंबित करने के आदेश के साथ ही कोर्ट ने अब डीजीपी को वारंट तामील कराने की जिम्मेदारी दी है.

मध्य प्रदेश में अदालत के आदेश की अवमानना का खामियाजा छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को भुगतना पड़ेगा। जबलपुर हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि एसपी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया जाए।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अदालत की अवमानना से जुड़े एक मामले में छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा (SP Vinayak Verma) को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड (Chhindwara SP Suspension) करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने अवमानना के मामले में प्रतिवादी को पेश न करने पर छिंदवाड़ा एसपी वर्मा के रवैये को बेहद गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि छिंदवाड़ा एसपी को तत्काल निलंबित किया जाए और अब प्रतिवादी के खिलाफ वारंट तामीली की जिम्मेदारी उनकी होगी.

दरसअल, छिंदवाड़ा जिले में स्थित तुलसी नारायण संकीर्तन मंडल की तरफ से दायर याचिका में एक कहा गया था कि एनएचएआई ने मंदिर की 1254 वर्ग का अधिग्रहण किया था. जमीन अधिग्रहण करने के बावजूद भी मुआवजा प्रदान नहीं किया गया था. इसके खिलाफ संस्था द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिये थे. इसके बावजूद संस्था को सिर्फ 636 वर्ग फीट का मुआवजा एनएचएआई द्वारा दिया गया. हाईकोर्ट ने अगस्त 2018 में शेष 618 वर्ग फ़ीट जमीन का मुआवजा देने के निर्देष देते हुए याचिका का निराकरण कर दिया था.

अवमानना याचिका पर हुई सुनवाई

एनएचआई द्वारा हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद तुलसी रामायण संकीर्तन मंडल को शेष मुआवजा राशि प्रदान नहीं की गई. इसके कारण संस्था ने अवमानना याचिका दायर की थी. 28 मार्च 2023 को पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की युगलपीठ ने एनएचआई के प्रोजेक्ट अधिकारी अनिल कुमार के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी किया था

पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा को वारंट तामीली के निर्देश दिये गए थे. अवमानना याचिका पर आज बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान एसपी की तरफ से बताया गया कि प्रोजेक्ट अधिकारी का स्थानातंरण हो गया है, जिसके कारण जमानतीय वारंट तामील नहीं हो पाया है. इस दौरान सरकार की तरफ से जमानतीय वारंट को निरस्त करने का आग्रह भी किया गया.

चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है पुलिस अधीक्षक ने हाईकोर्ट रजिस्ट्री को लिखे गये पत्र में जमानतीय वारंट तामील नहीं होने का कारण अधिकारी का स्थानातंरण होना बताया है. इससे हम स्तब्ध हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना को आदेश दिए कि छिन्दवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को इस मामले में फैसला आने तक ससपेंड कर दिया जाए.

इसके साथ ही प्रतिवादी के खिलाफ वारंट तामीली की जिम्मेदारी डीजीपी को सौंपी गई हों. याचिका पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता वेद प्रकाश नेमा और अधिवक्ता विभा पाठक ने पैरवी की.

ED Raid : चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम, अरबों रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग मामला

ED Raid : चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम, अरबों रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग मामला


बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम


संपादक :  विनय जी डेविड // 9893221036

ED Raid : चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम, अरबों रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग मामला


*बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम*

आखिरकार चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह कानूनी शिकंजे में आ ही गया. उसे ईडी ने 13 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया. उस पर आरोप है कि उसने करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की और चर्च की बेशकीमती जमीन भू-माफियाओं को अवैध रूप से बेच दी.


जबलपुर । बर्खास्त बिशप और द बोर्ड आफ एजुकेशन चर्च आफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस के पूर्व चैयरमैन पीसी सिंह के नेपियर टाउन के बंगले से ईडी ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया । सुबह के वक्त ये करवाई की गई। टीम पूर्व बिशप को लेकर भोपाल निकल गई। बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को ईडी ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। ईडी ने मनी लान्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। ज्ञात हो कि टीम संस्था को मिलने वाली विदेशी फंडिंग, चर्च की जमीन समेत अन्य बिन्दुओं पर जांच की और साक्ष्य जुटाए।


बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम

केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. ईडी ने चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह ( Former Bishop PC Singh) को गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने उन्हें अरबों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है . इसके साथ ही ये भी आरोप है कि पीसी सिंह और उनके सहयोगियों ने चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की अरबों रुपये की कीमती जमीन और अन्य संपत्तियों को भू-माफियाओं को अवैध रूप से बेचकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया. इस मामले में ही जांच एजेंसी ने कुछ समय पहले मुंबई, नागपुर सहित कई अन्य लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया था.

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मंगलवार, 11 अप्रैल 2023

ईस्टर की पूर्व संध्या पर चर्चो में आयोजित रात्री पास्का जागरण में ख्रीस्त विश्वासियों ने भक्ति और श्रद्धा के साथ भाग लिया

 

TOC News 

भोपाल। शहर के विभिन्न गिरजाघरों में चर्च कैलेंडर के अनुसार सबसे पुराना वार्षिक धर्मविधि, ईस्टर विजिल या पास्का जागरण शनिवार की रात को चार भागों में मनाया गयाः प्रकाश, शब्द, बपतिस्मा, और यूख्र्रीस्तीय समारोह। पास्का जागरण के पहले भाग में ब्रह्मांड के चार तत्वोंः अग्नि, वायु, जल और पृथ्वी को आशीषित किया गया। पवित्र धर्म विधि की शुरूआत नई आग की रोशनी की आशीष के साथ शुरू हुई। इस नई आग से पास्का मोमबत्ती जलाया गया। लोगों ने हाथों में मोमबत्ती थामकर जुलूस के रूप में चर्च में प्रवेश किया।  

पास्का जागरण के दुसरे भाग के आरंभ में ओल्ड टेस्टामेंट से रीडिंग निम्नलिखित अध्यायों से पढ़ी गई, इसहाक का बलिदान, लाल सागर को पार करना जो लोगों की मुक्ति की कहानी को दर्शाता है। ठीक रात 12 बजे लोगों ने प्रभु येशु के पुनरूत्थान के गीत गाकर हर्ष मनाया। ‘‘जी उठे प्रभु विजयी बनकर’’ ‘‘ख्रीस्त राजा जी उठे’’ ‘‘मुक्ति विधाता जी उठे’’  जैसे गीतो के माध्यम से प्रभु के जी उठने की खुशियों मनाई गई। यूख्रीस्तीय समारोह के समाप्त होने पर एक दुसरे से हाथ मिलाकर ‘हेप्पी ईस्टर’ कहते हुए बधाईयां दी।



 संत पीटर चर्च में यूख्रीस्तीय समारोह में मुख्य अनुष्ठानकर्ता आर्चबिशप ए. ए. एस दुरईराज थे अपने धर्म उपदेश में उन्होने कहा कि ‘‘ख्रस्तीयों ने यीशु के पुनरुत्थान जिसमें यीशु ने स्वयं को रूपांतरित किया था, इस सच्चाई का वरण कर लिया है, कि यह केवल महान सत्य के राज्य को प्रस्तुत नहीं करता है, बल्कि कब्र से परे जीवन में, एक अनूठे और अनन्त खुशी का प्रयाय भी है। जो भी हम हैं, मौत पर विजय की जीत का स्मरण सदैव रखें। ईस्टर हर्षित और आशा भरी घटना है, इसे हम न केवल मनाते हैं, बल्कि हर रविवार को दुनिया भर में इसका अनुपालन किया जाता है। यह उन सभी लोगों के लिए स्मरणीय घटना है, जो अनंत जीवन मे विश्वास करते हैं।  

फादर मारिया स्टीफन, ने ईस्टर की शुभकमना देते हुए कहा, ‘‘हमें अपनी गलतियो, निराशाओं, विश्वासघात, असफलताओं, अन्यायपूर्ण मौतों आदि के साथ पृथ्वी पर निरंतर रंग बदलती दुनिया में अपने जीवन में ‘छोटा पुनर्जीवन‘ खोजने की जरूरत है। अंत में उन्होने ‘ईस्टर महोत्सव‘ जो कि अगले रविवार १६ अप्रैल  6.30 बजे, संत जोसफ कोएड स्कूल . में आयेजित हो रहा है, में सबको शामिल होने का निमंत्रण दिया। इसमें विभिन्न स्वादिष्ट फूड स्टालों के साथ-साथ चर्चों और स्कूलों के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।


फा. मारिया स्टीफन- पी.आर.ओ. - आर्चडायसिस ऑफ भोपाल 

रविवार, 9 अप्रैल 2023

धर्मांतरण कर ईसाई बने थे पीसी सिंह, फादर से बिशप बन किया करोड़ों का गबन, जानिए इनकी कहानी



धर्मांतरण कर ईसाई बने थे पी सी सिंह, फादर से बिशप बन किया करोड़ों का गबन, जानिए इनकी कहानी


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विनय जी. डेविड  9893221036

जबलपुर में द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के चेयरमैन बिशप पीसी सिंह के घर गुरुवार को आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो ( EOW) ने छापा मारा। बिशप के घर से करीब 1.65 करोड़ की नगदी बरामद की गई है। एसबीआई की टीम ने नोटों को मशीन से गिना, जिसमें करोड़ों रुपये होने का खुलासा हुआ। ईसाई धर्मगुरु के घर से भारतीय रुपये के साथ ही विदेशी मुद्रा भी मिली है। बिशप के घर से 18 हजार यूएस डॉलर भी बरामद किए गए हैं, जिसका भारतीय मूल्य करीब 14.35 लाख रुपये है। फिलहाल बिशप पीसी सिंह जर्मनी में हैं।  

जानकारी के अनुसार बिशप पीसी सिंह पर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर मूल सोसाइटी का नाम बदलने और चेयरमैन रहते हुए करीब 2 करोड़ 70 लाख रुपये धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर गबन करने का आरोप है। ईओडब्ल्यू की टीम उनके घर और ऑफिस में संबंधित दस्तावेजों के अतिरिक्त कुल 17 संपत्तियों के दस्तावेज, कुल 48 बैंक खातों से संबंधित दस्तावेज, नगद 1 करोड़ 65 लाख 14 हजार रुपये, 18352 डॉलर, 118 पाउंड, कुल अस्सी लाख बहत्तर हज़ार के सोने के ज़ेवर प्राप्त हुए हैं। 



बिशप के घर छापे में क्या मिला 

जबलपुर के ईसाई धर्मगुरु बिशप पीसी सिंह बिहार के रहने वाले हैं। धर्मांतरण कर वे ईसाई बने थे। पीसी सिंह  हायर एजुकेशन के दौरान ईसाई धर्म स्वीकार किया था। जिसके बाद उन्हें पास्टर की शिक्षा के लिए दिल्ली भेजा गया। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें जबलपुर आ गए। जहां वे एक चर्च में पांच साल तक फादर बने रहे। फादर से वे बिशप बने और इसके बाद उन्होंने बच्चों के फीस के पैसों को धार्मिक संस्थाओं पर खर्च कर करीब 2.7 करोड़ का गबन किया। EOW के छापे में घर पर करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है।  

48 बैंक खाते मिले 

EOW की कार्रवाई में कुल 17 संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। बिशप और परिवार के 48 बैंक खाते मिले हैं। 80,72,000 रुपये के सोने के जेवर मिले हैं। उनके घर से 9 लग्जरी गाड़ियां जैसे इंडीवर कार, टोयोटा इनोवा, महिन्द्रा TUV 300, फोर्स ट्रेवलर, हुंडई सेंट्रो, डिस्कवरी, होंडा सिटी और रॉयल इनफील्ड मिली हैं। 32 महंगी घड़ियां, बेशकीमती कपड़े, 18 हजार डॉलर, सोने के जेवरात समेत कैश व अन्य सामान मिला। बिशप के विजयनगर-सालीवाड़ा में दो स्कूल हैं, जबकि जबलपुर के कटंगा, विजयनगर और नेपियर टाउन में उनके तीन मकान हैं। बिशप का बेटा पीयूष पॉल क्राइस्ट चर्च बॉय स्कूल का प्रिंसिपल है।



आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को शिकायत मिली थी, जिसकी जांच उप पुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह से कराई गई थी। शिकायत में बिशप पी. सी. सिंह, चेयरमैन "द बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस' जबलपुर के विरूद्ध कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर मूल सोसायटी का नाम परिवर्तन करना तथा उसका चेयरमैन बनकर पद का दुरूपयोग करते हुए सोसायटी की विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में प्राप्त होने वाली छात्रों की फीस की राशि का उपयोग धार्मिक संस्थाओं को चलाने एवं स्वयं के उपयोग में लेकर गबन करने के आरोप लगाये गये थे।

जांच में शैक्षणिक संस्थाओं से वर्ष 2004-05 से वर्ष 2011-12 के बीच लगभग दो करोड़ सत्तर लाख रुपये की राशि धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर इसका दुर्विनियोग करना तथा स्वयं के उपयोग में लेकर गबन करने के आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाए गए। शिकायत जांच में आये साक्ष्यों के आधार पर आरोपी बिशप पी. सी. सिंह, बी. एस. सोलंकी, तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म्स एण्ड संस्थाएं जबलपुर के विरूद्ध धारा 406, 420, 468, 471,120बी भादंवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।



प्रकरण की जांच उप निरीक्षक विशाखा तिवारी कर रही हैं। प्रकरण की विवेचना के दौरान प्रकरण से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों एवं गबन की राशि से अर्जित संपत्तियों की जानकारी जुटाने के लिए न्यायालय से विधिवत सर्च वारंट लेकर ईओडब्ल्यू ने गुरुवार सुबह बिशप पी. सी. सिंह के निवास बिशप हाउस, म.नं. 2131 नेपियर टाउन, जबलपुर एवं कार्यालय 2272, नेपियर टाउन, जबलपुर में तलाशी कार्रवाई की जा रही है।



चार्टर्ड प्लेन में सफर करता था बिशप पीसी सिंह


क्या है प्राइवेट जेट में सफर करने वाले ईसाई धर्मगुरु PC सिंह का D कंपनी कनेक्शन?

दाऊद इब्राहिम के खास गुर्गे रियाज भाटी से बिशप पीसी सिंह का कनेक्शन है. बिशप ने रियाज भाटी से मिशनरी के मुंबई स्थित जिमखाना का सौदा 3 करोड़ रुपये में किया था, जिसका एग्रीमेंट मुंबई पुलिस ने रियाज भाटी से पूर्व में ही जब्त किया कर लिया है. क्या है प्राइवेट जेट में सफर करने वाले ईसाई धर्मगुरु PC सिंह का D कंपनी कनेक्शन? .

मध्य प्रदेश के जबलपुर में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) द्वारा द बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया डायोसिस के बिशप पीसी सिंह के निवास एवं कार्यालय में की गई कार्रवाई के बाद रोज एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं, जिसकी चर्चा पूरे प्रदेश के साथ देश के कई राज्यों में हो रही है. इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी समीक्षा बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को धर्मांतरण, पैसों का उपयोग कहां किया जाता था, इन सभी बिंदुओं पर जिला प्रशासन और ईओडब्ल्यू को जांच करने के निर्देश दिए हैं. 

 हालांकि धनकुबेर बिशप पीसी सिंह का अब एक और नया कनेक्शन सामने आया है. सूत्र बताते हैं कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खास गुर्गे रियाज भाटी से भी बिशप पीसी सिंह का कनेक्शन है. बताया जा रहा है कि बिशप ने रियाज भाटी से मिशनरी के मुंबई स्थित जिमखाना का सौदा तीन करोड़ रुपये में किया था, जिसका एग्रीमेंट मुंबई पुलिस ने रियाज भाटी से पूर्व में ही जब्त किया कर लिया है.

मंगलवार, 4 अप्रैल 2023

मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई 3 अप्रैल २०२३ को जबलपुर कोर्ट में हुई माननीय न्यायालय ने इन चिटरबाजों की जमानत निरस्त, जल्द जायेंगे गिरफ्तार होकर जेल

मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई 3 अप्रैल २०२३ को जबलपुर कोर्ट में हुई माननीय न्यायालय ने इन चिटरबाजों की जमानत निरस्त, जल्द जायेंगे गिरफ्तार होकर जेल


जबलपुर, मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई 4अप्रैल २०२३ को जबलपुर कोर्ट में हुई माननीय न्यायालय ने इन चिटरबाजों की जमानत निरस्त, जल्द जायेंगे गिरफ्तार होकर जेल

शुक्रवार, 31 मार्च 2023

धोखाधड़ी 420 के मामले में मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई आज

  


धोखाधड़ी 420 के मामले में मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल

*धोखाधड़ी 420 के मामले में मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई आज 1 अप्रैल को जबलपुर कोर्ट में,*



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सोमवार, 27 मार्च 2023

क्या विभागीय नोटशीट की कॉपी सूचना के अधिकार के तहत दी जा सकती है?

 

क्या विभागीय नोटशीट की कॉपी सूचना के अधिकार के तहत दी जा सकती है? 

समाचार विज्ञापन और संवाददाता बनने के लिए संपर्क करें : 9893221036

 सूचना का अधिकार को संविधान की धारा 19(1) के तहत मूल अधिकार का दर्जा दिया गया है

यह अधिकार इसलिए दिया गया है ताकि सरकारी काम कैसे होता है सरकार का क्या काम है और यह किस तरीके से करती है इसकी जानकारी जनता को होनी चाहिए

यह सुनकर बड़ा अच्छा लगता है कि सबकुछ ओपेन है लेकिन आरटीआई ऐक्ट की धारा 8 (1) के तहत भारत के अखंडत संप्रभुवता सुरक्षा व आर्थिक महत्व के सूचना को छूट दिया गया है जिसको स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है जिसको लेकर विवाद देखने को मिलता रहता है ।

जहा तक विभागीय नोटशीट की बात है तो हां यह सूचना अधिकार के तहत दी जा सकती है क्योंकि यहां सरकारी काम कैसे होता हैं यह उध्येश पूरा हो रहा है क्योंकि कोई भी विभाग का नोटशीट सरकारी कार्य से ही संबंधित होगा।

नहीं इस सूचना को नहीं सार्वजनिक की जा सकती हैं यदि यह भारत के रक्षा मंत्रालय के किसी विभाग का अपने कर्मचारी से संवेदनशील निदेश हो । आईबी के विभागीय नोटिस हो इस तरह से कोई भी देश को क्षति पहुंचने का शंका हो ।

बीजेपी नेता और नीमच जिले की जावद जनपद का अध्यक्ष गोपाल चारण 50000 रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ़्तार

 


बीजेपी नेता और नीमच जिले की जावद जनपद का अध्यक्ष गोपाल चारण 50000 रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ़्तार



नीमच। जिले में स्थित जावद जनपद पंचायत के अध्यक्ष को लोकायुक्त की टीम ने 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि ये अध्यक्ष भाजपा समर्थित हैं, और भाजपा के दिग्गज नेताओं के करीबी हैं। जनपद अध्यक्ष की गिरफ्तारी होते ही जिले में हड़कंप मच गया है।

नीमच के जावद जनपद अध्यक्ष गोपाल चारण रिश्वत को उज्जैन लोकायुक्त टीम ने 50,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत जावद अध्यक्ष गोपाल चारण को 50 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त उज्जैन की टीम ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में आवेदक बलराम जाट पिता रामनारायण जाट निवासी ग्राम पंचायत खोर तहसील जावद जिला नीमच से ग्राम पंचायत खेड़ा राठौड़ में ई कक्ष भवन निर्माण की राशि 5,00,000 रुपए स्वीकृत करने के लिए 10 प्रतिशत के हिसाब से 50,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया हैं।

जिसमें लोकायुक्त टीम के बसंत श्रीवास्तव निरीक्षक लोकायुक्त और टीम ने तुरंत कार्रवाई की। बताया जा रहा है कि जावद क्षेत्र में रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार हुए जावद जनपद अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के विश्वसनीय लोगों में से एक हैं। वहीं दूसरी और जिस सरपंच (शिकायतकर्ता) से रिश्वत मांगी गई थी, वह भी भाजपा से जुड़े हैं। लोगों का कहना है कि ये लोग भाजपा के खेमे से हैं।

मंगलवार, 14 मार्च 2023

मेथोडिस्ट चर्च सोसायटी ने किया आवासीय मद की लीज का व्यावसायिक उपयोग, नोटिस जारी


मेथोडिस्ट चर्च सोसायटी ने किया आवासीय मद की लीज का व्यावसायिक उपयोग, नोटिस जारी



जबलपुर स्थित नेपियर टाउन क्षेत्र में मेथोडिस्ट चर्च को शिक्षा के लिए लीज पर जमीन दी गई थी. स्कूल के लिए दी गई जमीन को बेचकर मार्केट व अस्पताल बना दिया गया. जिसके चलते जिला प्रशासन ने अब शिकंजा कसना शुरु कर दिया है. आज जिला प्रशासन की टीम ने मेथोडिस्ट चर्च के फादर सहित पांच लोगों के खिलाफ नोटिस चस्पा कर 17 मार्च तक जबाव मांगा है. नोटिस चस्पा होने के बाद बिल्डर व दुकानदारों में हड़कम्प मचा है.

जबलपुर, मेथोडिस्ट चर्च की सिविल स्टेशन नजूल ब्लाक क्रमांक-चार की जमीनों से जुड़ा जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आया है। यहां के अनेक प्लाटों से संबंधित भूमि की लीज पर संकट के बादल छा गए हैं। यहां के प्लाट नंबर चार की दो लाख 65 हजार 115 वर्ग फीट जमीन का नवीनीकरण 31 मार्च 1999 तक के लिए कराया गया था। इसी तरह से प्लाट नंबर पांच की 42 हजार 976 वर्गफुट जमीन का नवीनीकरण चार मार्च 2005 को आवासीय मद के लिए कराया गया था। 

मेथोडिस्ट चर्च सोसायटी ने किया आवासीय मद की लीज का व्यावसायिक उपयोग, नोटिस जारी

लेकिन इसमें से भी 28 हजार 800 वर्गफीट जमीन का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। इस नियम विरूद्ध कृत्य के लिए सभी अनावेदकों काे नोटिस जारी कर 17 मार्च तक जवाब तलब किया गया है। अपर कलेक्टर न्यायालय को रांझी तहसीलदार की ओर से दिए गए प्रतिवेदन में कहा गया है कि सिविल स्टेशन ब्लाक नंबर चार के प्लाट नंबर चार की लीज का नवीनीकरण दो जनवरी 1970 में कराया गया था, जो कि 31 मार्च 1999 तक के लिए रहा। मुख्य मार्ग पर स्थित इस प्लाट के 5880 वर्गफीट में दुकानें बनीं हैं। 

इसके अलावा दो लाख 59 हजार 235 वर्गफीट क्षेत्र में क्रिश्चियन स्कूल संचालित है। इसी तरह से ब्लाक नंबर चार के प्लाट नंबर पांच की 42 हजार 976 भूमि का लीज-नवीनीकरण चार मार्च 2005 को किया गया था। इस प्लाट के 26 हजार 400 वर्गफीट अंशभाग पर राजस्व रिकार्ड में अंबिका चरण दीक्षित और सुधा दीक्षित का नाम दर्ज है। इस प्लाट के 2400 वर्गफीट के एक अन्य अंशभाग पर भी अंबिका चरण दीक्षित का नाम दर्ज है। लीज की शर्ताें के अनुसार लीज का हस्तांतरण नहीं किया जाना था। बावजूद इसके मेथेडिस्ट चर्च की प्रबंधन समिति ने इस जमीन को अनेक अन्य लोगों को बेचकर उनके नाम पर चढ़वा दी।

Bishop M. A. Daniel,
Resident & Presiding Bishop,
Hyderabad Regional Conference, The Methodist Church in India.
and
Pastor Manish S Gideon
District Superintendent
Methodist Church



खड़ा कर लिया गया दीक्षित प्राइड:

अंबिका चरण दीक्षित को बेची गई जमीन पर दीक्षित प्राइड खड़ा कर लिया गया। इसके भूतल पर व्यवसाय किया जा रहा है, जबकि प्रथम तल का उपयोग अस्पताल और आवासीय प्रयोजन के लिए किया जा रहा है। आवासीय लीज का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्य के लिए किया जाना लीज की शर्तों का उल्लंघन है। इसलिए तहसीलदार रांझी की ओर से सभी उपयोग कर्ताओं और लीज धारक मेथोडिस्ट चर्च के जिम्मेदारों के विरूद्ध प्रतिवेदन एडीएम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। जिस पर एडीएम शेरसिंह मीणा की न्यायालय ने संबंधितों को सूचना पत्र जारी कर उनसे 17 मार्च की दोपहर तीन बजे तक जवाब मांगा है।

तो शासन के नाम दर्ज हो जाएगी:

न्यायालय द्वारा सूचना पत्र में कहा गया है कि संबंधित अनावेदक नियत तिथि और समय तक संतोषजनक जवाब और दस्तावेज न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें। अगर वो ऐसा नहीं करते तो एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए उनकी लीज निरस्त कर भूमि शासन के नाम पर दर्ज करा दी जाएगी।

इनको बनाया गया पार्टी:

अरबों की जमीन से जुड़े इस मामले में न्यायालय अपर कलेक्टर की ओर से डिस्ट्रक्टि सुपरिनटेंडेंट मेथोडिस्ट चर्च फादर मनीष एस गिडियन, नर्मदा रोड निवासी अंबिका चरण दीक्षित व सुधा दीक्षित, मोहित हाइट नेपियर टाउन निवासी अनिल कुमार दुबे, बैहर रोड बालाघाट निवासी उमारानी मिश्रा, रानी अवंती बाई वार्ड मंडला निवासी डा. सूजन अब्राहम करम को अनावेदक बनाया गया है। इन सभी के कब्जों पर जिला प्रशासन की ओर से नोटिस भी चस्पा कराया गया है।

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