नई दिल्ली: इस शुक्रवार को यानी 30 मार्च को गुड फ्राइडे है. इस दिन भगवान ईसा मसीह को यहूदी सिपाहियों ने सूली पर लटका दिया था. इसकेे पीछे भी एक कहानी है. लगभग 2 हजार साल पहले ईसा मसीह ने लोगों को सही राह दिखाने की पहल की थी. लोगों का हाथ पकड़ उन्हें अंधेरे से रोशिनी में लेकर आए. यह सब देख यहूदियों के कट्टरपंथी धर्मगुरुओं को सहन नहीं हुआ और उन्होंने इसका विरोध किया. उन्हें ईसा मसीह में कोई मसीहा वाली बात नहीं नजर आती थी.
यहूदियों के कट्टरपंथी धर्मगुरुओं को ईसा मसीह द्वार खुद को ईश्वर पुत्र बताना भारी पाप लगता था. सोमनों को हमेशा यहूदी क्रांति का डर सताता रहता था. इस कारण कट्टरपंथी धर्मगुरुओं ने इस बात की शिकायत रोमन गवर्नर पिलातुस को कर दी. इसके बाद कट्टरपंथी धर्मगुरुओं खुस करने के लिए पिलातुस ने ईसा को क्रूस पर लटकाने की सजा सुनाई. ईसा मसीह के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गईं.
जीसस को निर्दोष होने के बावजूद सूली पर लटकाया गया था. बावजूद इसके यीशु ने किसी बात का उलाहना नहीं दिया. न ही किसी बात की शिकायत की. बस इतना ही कहा, ‘हे ईश्वर इन्हें क्षमा करना, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं.’ ये कहकर ईसा ने प्राण त्याग दिए.
इस दिन को ‘गुड’ क्यों कहते हैं
लेकिन आज भी लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि जब इस दिन (फ्राइडे) ईसा मसीह ने अपने प्राण त्यागे थे तब इस दिन को ‘गुड’ क्यों कहा जाता है. गुड का मतलब तो अंग्रेजी में अच्छा कहा जाता है. गुड इसलिए कहा जाता है क्योंकि क्रिश्चन समुदाय का मानना है कि भगवान यीशु मसीह ने अपनी जान लोगों की भलाई के लिए दे दी थी इसलिए इस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाता है. मौत के तीन दिन के बाद ईसा जीवित हो गए थे. लोगों में इस बात की खुशी थी. उनके दोबारा जीवित होने की इस घटना को ईसाई धर्म के लोग ईस्टर दिवस या ईस्टर रविवार मानते हैं. इस साल यह पवित्र सप्ताह इस साल 9 अप्रैल को रविवार शुरु हुआ और शनिवार, 15 अप्रैल तक चलेगा. रविवार, 16 अप्रैल को ईस्टर मनाया जाएगा. गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं.
कैसे मनाते हैं गुड फ्राइडे
इस बलिदान के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कई विश्वासी चालीस दिन तक उपवास रखते हैं तो कोई केवल शुक्रवार को ही व्रत रखकर प्रार्थना करते हैं. इस दिन लोग चर्च में जाते हैं और गीत गाते हैं, प्रार्थना करते हैं, कहीं जगह नृत्य और अन्य कार्यक्रम के आयोजन होते हैं. सभी एक दूसरे को गिफ्ट्स, फ्लावर्स, कार्ड, चाॅकलेट, केक देकर विश करते हैं. गुड फ्राइडे के दिन कई देशों में हॉलीडे रहता है. गुड फ्राइडे प्रायश्चित्त और प्रार्थना का दिन है अतः इस दिन गिरजाघरों में घंटियां नहीं बजाई जातीं. इस दौरान श्रद्धालु प्रभु यीशु द्वारा तीन घंटे तक क्रॉस पर भोगी गई पीड़ा को याद करते हैं.
कौन थे ईसा मसीह
ईसाई धर्मानुसार ईसा मसीह परमेश्वर के पुत्र थे. ईसा मसीह को यीशु के नाम से भी पुकारा जाता है. यीशु का जीवन, भाईचारे, सहनशीलता और अमन की मिसाल है. उनके संदेश आज भी अत्यंत प्रासंगिक हैं. उनका जीवन, बल्कि सूली पर किया गया बलिदान भी मानवता को सदैव राह दिखाता रहेगा. ईसा मसीह के बलिदान दिवस को गुड फ्राइडे कहते हैं. इस दिन श्रद्धालु प्रेम, सत्य और विश्वास की डगर पर चलने का प्रण लेते हैं. कई जगह लोग इस दिन काले कपड़े पहनकर शोक व्यक्त करते हैं.
कैसे हुआ था जन्म
आज से हजारों साल पहले नासरत में गेब्रियल नामक एक स्वर्गदूत ने मरियम को दर्शन दिया और कहा कि तू पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी, उसका नाम यीशु रखना. बैतलहम में ही मरियम के जनने के दिन पूरे हूए और उसने एक बालक को जन्म दिया और उस बालक को कपड़े में लपेटकर घास से बनी चरनी में लिटा दिया और उसका नाम यीशु रखा. गडरियों ने यह जानकर कि पास ही उद्धारकर्ता यीशु जन्मा है जाकर उनके दर्शन किए और उन्हें दण्डवत् किया. हालांकि बाइबल, यीशु के जन्म की तारीख नहीं बताती है.
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