TIMES OF CRIME
नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने कारोबारी विजय माल्या की संपत्ति के कुर्की के आदेश दिये हैं. विदेशी विनिमय नियमन कानून (फेरा) से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में कई बार समन के बावजूद अदालत में उपस्थित नहीं होने को लेकर माल्या को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है.
पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत ने बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त के जरिये संपत्ति कुर्क करने का निर्देश दिया और आदेश के अनुपालन के संदर्भ में आठ मई तक रिपोर्ट देने को कहा.
अदालत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें माल्या की संपत्ति कुर्क करने का आदेश देने का आग्रह किया गया है. इससे पहले चार जनवरी को अदालत ने माल्या को फेरा नियमों के उल्लंघन को लेकर कई बार समन दिये जाने के बावजूद पेश नहीं होने को लेकर भगोड़ा घोषित किया. अदालत ने पिछले साल 12 अप्रैल को गैर-जमानती वारंट जारी किया था. हालांकि, इसमें कोई समयसीमा नहीं रखी गयी थी.
देश में अपने शराब और एयरलाइंस कारोबार से हमेशा सुर्खियों में रहे विजय माल्या पर लगभग एक दर्जन बैंकों से किंगफिशर एयरलाइंस के नाम पर 9000 करोड़ रुपये कर्ज लेकर देश छोड़कर भागने का आरोप है. गौरतलब है कि माल्या पर अपनी कंपनी यूनाइटेड ब्रेवरीज को दुनिया की सबसे बड़े शराब कंपनी डियाजियो को बेचने के बाद आरोप लगा था कि उन्होंने 7000 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की है. यह आरोप डियाजियो ने कंपनी के फाइनेंस की जांच के बाद लगाया था जिसके बाद देश के सरकारी बैंकों को एहसास हुआ कि माल्या की इस हेराफेरी का असली नुकसान दरअसल उन्हें हुआ है.
भारत में एक दर्जन से अधिक बैंकों से धोखाधड़ी करने के बाद से फरार कारोबारी विजय माल्या को दिसंबर 2017 में इंग्लैंड की एक एक कोर्ट ने प्रति सप्ताह महज 4.5 लाख रुपये खर्च करने की छूट दी थी. माल्या पर इंग्लैंड की कोर्ट में प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई चल रही है और भारत से वित्त मंत्रालय समेत विदेश मंत्रालय माल्या के प्रत्यर्पण की लगातार कोशिशें कर रहा है.
अदालत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें माल्या की संपत्ति कुर्क करने का आदेश देने का आग्रह किया गया है. इससे पहले चार जनवरी को अदालत ने माल्या को फेरा नियमों के उल्लंघन को लेकर कई बार समन दिये जाने के बावजूद पेश नहीं होने को लेकर भगोड़ा घोषित किया. अदालत ने पिछले साल 12 अप्रैल को गैर-जमानती वारंट जारी किया था. हालांकि, इसमें कोई समयसीमा नहीं रखी गयी थी.
देश में अपने शराब और एयरलाइंस कारोबार से हमेशा सुर्खियों में रहे विजय माल्या पर लगभग एक दर्जन बैंकों से किंगफिशर एयरलाइंस के नाम पर 9000 करोड़ रुपये कर्ज लेकर देश छोड़कर भागने का आरोप है. गौरतलब है कि माल्या पर अपनी कंपनी यूनाइटेड ब्रेवरीज को दुनिया की सबसे बड़े शराब कंपनी डियाजियो को बेचने के बाद आरोप लगा था कि उन्होंने 7000 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की है. यह आरोप डियाजियो ने कंपनी के फाइनेंस की जांच के बाद लगाया था जिसके बाद देश के सरकारी बैंकों को एहसास हुआ कि माल्या की इस हेराफेरी का असली नुकसान दरअसल उन्हें हुआ है.
भारत में एक दर्जन से अधिक बैंकों से धोखाधड़ी करने के बाद से फरार कारोबारी विजय माल्या को दिसंबर 2017 में इंग्लैंड की एक एक कोर्ट ने प्रति सप्ताह महज 4.5 लाख रुपये खर्च करने की छूट दी थी. माल्या पर इंग्लैंड की कोर्ट में प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई चल रही है और भारत से वित्त मंत्रालय समेत विदेश मंत्रालय माल्या के प्रत्यर्पण की लगातार कोशिशें कर रहा है.
इंग्लैंड की कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक विजय माल्या ने कोर्ट से 18 लाख रुपये प्रति सप्ताह की खर्च करने की मांग की थी, लेकिन उनके खिलाफ बैंक लोन धोखाधड़ी के चलते कोर्ट ने उम्मीद से कम की मंजूरी दी है. लंदन कोर्ट में दिये साक्ष्यों के मुताबिक इंग्लैंड में विजय माल्या के पास कम से कम तीन मकान, दो जहाज, कई कारें मौजूद हैं. उनके दो जहाज (याच) फोर्स इंडिया और जिप्पो की बाजार में बोली लगी हुई है.
विजय माल्या के ब्रिटेन भाग जाने के बाद से ही उसके खिलाफ कोर्ट एक के बाद एक नोटिस जारी कर रहा है. अब दिल्ली की एक कोर्ट ने माल्या के खिलाफ बड़ा आदेश दिया है. इससे पहले कोर्ट ने माल्या के खिलाफ नोटिस जारी किया था, लेकिन कई नोटिसों के बाद भी वह पेश नहीं हुआ. बता दें कि इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट माल्या को भगोड़ा घोषित कर चुका है और विजय माल्या की 1,620 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश भी दे चुकी है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा दायर कर देश-विदेश में जमा की गयी सारी संपत्ति की जानकारी देने को कहा है. जानकारी के मुताबिक, माल्या के पास स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत 17 बैंकों के करीब 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.
विजय माल्या के ब्रिटेन भाग जाने के बाद से ही उसके खिलाफ कोर्ट एक के बाद एक नोटिस जारी कर रहा है. अब दिल्ली की एक कोर्ट ने माल्या के खिलाफ बड़ा आदेश दिया है. इससे पहले कोर्ट ने माल्या के खिलाफ नोटिस जारी किया था, लेकिन कई नोटिसों के बाद भी वह पेश नहीं हुआ. बता दें कि इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट माल्या को भगोड़ा घोषित कर चुका है और विजय माल्या की 1,620 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश भी दे चुकी है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा दायर कर देश-विदेश में जमा की गयी सारी संपत्ति की जानकारी देने को कहा है. जानकारी के मुताबिक, माल्या के पास स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत 17 बैंकों के करीब 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.
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