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नई दिल्ली. गर्भवती महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए बांटे जा रहे पोषाहार में भारी घोटाला सामने आया है। देश में 1.38 करोड़ ऐसे लाभार्थी पकड़े गए हैं जो फर्जी तरीके से इस योजना का लाभ ले रहे थे।
महिला व बाल विकास मंत्रलय के सूत्रों ने माना कि कई राज्यों में समन्वित बाल विकास योजना के तहत फर्जी पंजीकरण कराया गया। योजना को आधार से जोड़ने के बाद यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आया।
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राज्यों से मिले आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च 2017 से 8 फरवरी 2018 के बीच 1 करोड़ 38 लाख 93 हजार लाभार्थी घट गए। 31 मार्च 2017 तक 9 करोड़ 83 लाख 42 हजार 390 लाभार्थी थे, जो 8 फरवरी 2018 को 8 करोड़ 44 लाख 49 हजार 188 रह गए। योजना के तहत छह साल तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं को पोषाहार दिया जाता है।
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि सतत निगरानी और आधार से फर्जी लाभार्थी पकड़े गए। इन्हें मंत्रालय की सभी कल्याणकारी योजनाओं से निकाल दिया गया है।
यूपी बिहार में 80 प्रतिशत फर्जी
64 लाख से अधिक फर्जी लाभार्थी अकेले यूपी में थे
64.12 लाग लोग बिहार में भी गलत लाभ उठा रहे थे
5 लाख झारखंड और चार लाख पंजाब में फर्जी लाभार्थी
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