TIMES OF CRIME // नरसिंहपुर, 28 मार्च 2018.
मरीजों को सुचारु स्वास्थ्य सेवाएँ दिलाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने संविदा स्वास्थ्यकर्मियों से कार्य पर वापस लौटने की अपील की है। संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के हड़ताल से वापस लौटने के बाद ही निरंतर चर्चा के माध्यम से उनकी माँगों और समस्याओं के समाधान के प्रयास किये जायेंगे।
संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को कार्य पर वापस लौटाने के लिये विभिन्न स्तर पर अधिकारियों एवं स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ चर्चा कर ड्यूटी पर उपस्थित होने के लिये बार-बार अवसर प्रदान किया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के हित में अनेक कदम उठाये गये हैं। वर्ष 2016 में भी संविदा कर्मियों द्वारा 9 सूत्रीय माँगों को लेकर हड़ताल की गई थी। नियमितीकरण को छोड़कर अधिकांश माँगों का निराकरण हो गया था। वर्तमान में नियमितीकरण की प्रक्रिया जारी है।
नियमित पदों पर एएनएम की नियुक्ति में संविदा एएनएम को अधिभार दिया गया है। इसके आधार पर 1443 संविदा एएनएम की नियुक्ति नियमित एएनएम के पद पर हुई है। इसी प्रकार पैरामेडिकल पदों पर हुई नियुक्ति अधिभार दिये जाने से 278 पैरामेडिकल (लैब टेक्नीशियन एवं फार्मासिस्ट आदि) नियमित पदों पर नियुक्त हुए हैं। संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के मानदेय में वृद्धि के लिये भी मिशन द्वारा लगातार प्रयास जारी हैं।
वर्ष 2018-19 में पीआईपी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सभी संवर्गों की पुन: संरचना एवं युक्ति-युक्तकरण किया जाकर वेतन का पुनर्निर्धारण प्रस्तावित किया गया है। इससे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रत्येक संवर्ग के वेतन में पूर्व की तुलना में बढ़ोत्तरी होगी और वरिष्ठता के आधार पर लाभ मिलेगा। संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के कार्य मूल्यांकन के लिये लागू अप्रेजल प्रक्रिया में भी परिवर्तन करने से अब मूल्यांकन 2 स्तर पर किया जा रहा है।
विभाग में उपलब्ध समतुल्य पदों पर नियमितीकरण के संबंध में प्रक्रिया विचाराधीन है। मिशन द्वारा नियमितीकरण एवं स्थायित्व के लिये सकारात्मक रुख रखकर संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के हित में कार्यवाही की जा रही है। संविदा स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा मुख्यत: नियमितीकरण, निष्कासित संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की वापसी और स्थायित्व की माँगों को लेकर हड़ताल की जा रही है।
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