सहायक श्रमायुक्त के समक्ष ग्रेसिम प्रबंधन ने ठेका मजदूरों को वेतन देने से किया इंकार |
ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
क्या कहा नागदा के भाजपा मंडल अध्यक्ष सी एम अतुल ने
नागदा जं.। औद्योगिक शहर नागदा में कोविड 19 के लॉक डाउन के दौरान ग्रेसिम उद्योग प्रबंधन ने नागदा के ठेका श्रमिको को वेतन का भुगतान नहीं करने के मामले में सहायक श्रमायुक्त मेघना भट्ट के निर्देश पर मंगलवार को उज्जैन में आयोजित त्रिपक्षीय बैठक बे-नतीजा रही। ग्रेसिम उद्योग प्रबंधन ने सहायक श्रमायुक्त के निर्देशों का पालन ना करते हुये बैठक में भाग नहीं लिया।
वही उद्योग ने बैठक में भाग ना लेने का मुख्य कारण कोविड 19 के संक्रमण को बताया । श्रमायुक्त के समक्ष केवल जवाब भेज कर ठेका श्रमिको को वेतन देने से पल्ला झाड़ लिया। ठेका श्रमिकों के नेता अशोक मीणा अपने दो साथियों के साथ बैठक में भाग लेने के लिए उज्जैन पहुंचे।
सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर मेघना भट्ट सहायक श्रमायुक्त ने कहा है कि ग्रेसिम उद्योग प्रबंधन की ओर से कोई भी व्यक्ति उपस्थित नहीं हुआ। बताया गया है कि ठेका श्रमिक जिस वेतन की मांग कर रहे हैं, वह उद्योग से संबधित नहीं हैं। इसे संबंधीत ठेकेदार को प्रदान करने की जिम्मेदारी बनती है। श्रमायुक्त का कथन है कि संबधित पक्ष से इस बारे में चर्चा कर उचित कार्यवाही की जाएगी।
ठेका श्रमिकों के नेता अशोक मीणा का कहना है कि ग्रेसिम उद्योग से सहायक श्रमायुक्त के समक्ष जवाब आया है। ग्रेसिम उद्योग प्रबंधन ने इसमे भाग नहीं लिया है। जवाब में उद्योग प्रबंधन ने राशि देने से साफ इंकार कर दिया है। बैठक मे नही आने का कारण कोरोना संक्रमण बताया गया है। मीणा के कहे अनुसार सहायक श्रमायुक्त ने निर्देश दिया है कि जिन श्रमिको का रुपया नहीं मिला है, उनके कार्ड नबंर और नाम की सूची उपलब्ध कराई जाये।
सांसद अनिल फिरोजिया के प्रतिनधि प्रकाश जैन ने इस प्रकरण को श्रमायुक्त के समक्ष उचित कार्यवाही का खुलासा किया था, लेकिन सहायक श्रमायुक्त के समक्ष वजनदार पक्ष नहीं रखने के कारण ठेका मजदूरों का पक्ष कमजोर रहा है।
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