लॉक डाउन का उल्लंघन : दो महिला स्वास्थकर्मी उज्जैन से नागदा कर रही है आवा-गमन, नही है कोरोना से संक्रमण का कोई डर |
ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
- लॉक डाउन का उल्लंघन तो किया है पर क्या करें मजबुरी है ?
- महिला स्वास्थकर्मी पर कार्यवाही करने के आदेश
नागदा । कोविड 19 के संक्रमण काल मे शासकीय अस्पताल नागदा में पिछले दो महीनों से दो ए.एन.एम. (Auxillary Narsh Midwifery) महिला स्वास्थकर्मी अपने पद का दुरुपयोग करते हुवे अपने निवास स्थान उज्जैन से स्वास्थ विभाग की यूनिफॉर्म पहन कर उज्जैन से नागदा निजी वाहन से आवा-गमन कर रही हैं। और प्रसाशन की आखों मे धुल झोकने का काम पिछ्ले दो महिनो से लगातार कर रही है।
नागदा शासकीय अस्पताल में दोनो महिला स्वास्थकर्मी सीता भाटिया एवं सुहासिनि चावड़ा पदस्थ है। जो बच्चों को टीका लगाने का कार्य पिछले कई माह से निरंतर कर रही हैं।
मुख्य बात तो यह है कि टीकाकरण शून्य से पांच वर्ष के बच्चों को लगाया जाता है। और बच्चों को संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है। महिलकर्मी की इस लापरवाही से शहर बड़ी मुसीबत मे आ सकता है। दोनों महिलाकर्मी को यह भी ज्ञात नही रहा की हम क्या गलती कर रहे है। जब एएनआई न्यूज़ इण्डिया ने जानना चाहा की वह ऐसा क्यो कर रही है तो प्रशासन के नियमों को मानते हुए अपनी गलती भी स्वीकार कर रही है। दूसरी ओर नियमों को ताक पर रख कर अनुविभागीय अधिकारी के निर्देशों की अवहेलना भी कर रही है।
एएनआई न्यूज़ इण्डिया से बातचित में क्या कहा -
उज्जैन से नागदा सुबह ही आए है शाम को वापस जायेंगे। यह कहते हुवे अपनी गलती पर पर्दा डालते हुवे अपनी मजबूरियां गिनाने लगी। सीता भाटिया ने कहा मेरी बेटी का स्वास्थ्य खराब होने की वजह से मुझे उज्जैन से नागदा आना जाना पड़ता है वही सुहासिनि चावड़ा ने कहा माँ बीमार है इस लिए उज्जैन से आव गमन कर रहे है। इनकी मजबूरियों के पीछे का कारण सिर्फ एक ही है कि अपनी सरकारी नौकरी बचाने के चक्कर मे यह खतरा उठाने को भी तैयार है। सीता भाटिया ने कहाँ की शनिवार को उज्जैन गए थे आज ही नागदा आये है शाम को फिर उज्जैन जाएंगे। बेटी की तबियत खराब है इसलिए आना जाना पड़ता है।
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इस गंभीर मामले में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर कमल सोलंकी ( BMO) ने कार्यवाही करने के आदेश दिए पूरी वीडियो खबर
दीदी ( सुहासिनि चावड़ा ) भी साथ मे आती है वह मेरे घर के पास ही रहती है उन्ही की निजी कार( इंडिका सफेद रंग) है उसी से दीदी के पति छोड़ने आते जाते हैं आज दुबारा जाएंगे, परिवार की परेशानी के चलते यह सब करना पड़ रहा हैं। घर से अस्पताल की सफेद यूनिफॉर्म पहन कर आते हैं । उज्जैन से निकलते समय दो जगह पुलिस वाले रोकते है। भेरुगड़ के पास और दूसरा सोडंद पुलिस चेक पोस्ट पर । स्वास्थ विभाग मे ड्यूटी का बोलने पर जाने देते है । अब सोच रहे है (नागदा) यहीं रह ले । लॉक डाउन का उल्लंघन तो किया है पर क्या करें मजबुरी है किसी के यहाँ इस समय बार बार जाना भी ठीक नही है बिरला ग्राम मे मेरी बहन रहती है पहले वही रहती थी। फ्लोरेंस सिस्टर ने कहा है रूम दिलवा दूंगी आप यहीं रह लो। हम गुनहगार हैं हम यह बात भी मानते हैं। मै हेपेटाइटिस की पेशेंट हूं और मैं खुद कोरोना जैसी बीमारी से बचना चाहती हूँ।
सुहासिनि चावड़ा ने कहाँ मेरे पति हमे अस्पताल छोड़ कर प्रकाश नगर में सिस्टर रहती है वहाँ चले जाते हैं और ड्यूटी के खत्म होने के बाद उज्जैन लेकर जाते हैं। हम मंगलवार और शुक्रवार को आते हैं ओर फिर उज्जैन चले जाते है। मेरे पति विजय सिंह चावड़ा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग उज्जैन में कार्यरत हैं। मां बीमार है इसलिए बार बार आना जाना पड़ता है क्या करे नौकरी है तो आना जाना पड़ रहा है।
अनुविभागीय अधिकारी श्री आर पी वर्मा ने शासकीय अस्पताल नागदा के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर कमल सोलंकी को दोनो महिला स्वास्थकर्मी पर कार्यवाही करने के आदेश दिये है।
अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा दिये गये आदेश का पालन करते हुवे ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर कमल सोलंकी ने दोनो महिलाकर्मी से उज्जैन से नागदा आने जाने पर स्पस्टीकरण मांगा है वही नागदा थाना प्रभारी को भी इस बात से अवगत कराते हुये उचित कार्यवाही के लिये चर्चा की है।
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