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नई दिल्ली। राजनीति में कब क्या से क्या हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। एक आम सा कार्यकर्ता सत्ता के शिखर पर पहुंच जाता है। कभी-कभी एक फोन कॉल भी इंसान की जिंदगी बदल देता है।
कुछ ऐसा ही साल 2001 में हुआ था जब पीएम मोदी हिमाचल प्रदेश में पार्टी के कार्यकर्ता की हैसियत से कार्य कर रहे थे और उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी का फोन आया। पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने मोदी को फोन करके कहा कि आप को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया जाता है, जिसके बाद पीएम मोदी की जिंदगी बदल गई।
कुछ ऐसा ही हुआ था जम्मू-कश्मीर के नवनियुक्त डिप्टी सीएम कवींद्र गुप्ता के साथ। एक कार्यक्रम में अपना अनुभव साझा करते हुए गुप्ता ने कहा कि उन्हें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने 15 बार फोन किया लेकिन वो किसी कारण वश फोन नहीं उठा सके,लेकिन जब उन्हें 16वीं बार अमित शाह का फोन आया तो उन्हें पता चला कि पार्टी ने उन्हें जम्मू-कश्मीर का डिप्टी सीएम बना दिया है। दरअसल कविंद्र गुप्ता का फोन चार्जिंग पर लगा हुआ था इसलिए वो फोन नहीं उठा पा रहे थे।
जम्मू के केएल सहगल हॉल में अपना ये अनुभव सुनाते हुए कविंद्र गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के पंद्रह मिस्ड कॉल देखने के बाद वे घबरा गए। ऐसे में उन्होंने जब कॉल लगाई तो किसी ने पूछा कि आप फोन क्यों नहीं उठा रहे हो, लो राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात करो। कवीन्द्र गुप्ता जम्मू में गांधीनगर विधानसभा से विधायक है। मात्र 13 साल की उम्र से कवीन्द्र गुप्ता आरएसएस से जुड़ गये थे।आपातकाल के दौरान उन्हें 13 महीनों के लिए जेल जाना पड़ा था।
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