रविवार, 27 मई 2018

सहज संवाद / प्रमाणित सामग्री हेतु आज भी प्रासांगिक हैं संदर्भ-ग्रंथ और शोध-पत्रिकायें

Dr. Ravindra Arjariya Accredited Journalist TOC NEWS
सहज संवाद  /  प्रमाणित सामग्री हेतु आज भी प्रासांगिक हैं संदर्भ-ग्रंथ और शोध-पत्रिकायें
TIMES OF CRIME @ www.tocnews.org
सहज संवाद  / डा. रवीन्द्र अरजरिया 
आधुनिक युग में पुस्तकोंसंदर्भ-ग्रंथों और शोध-पत्रिकाओं का नितांत अभाव होता जा रहा है। विकल्प के रूप में नेट का प्रचलन निरंतर तेज होता जा रहा है। ऐसे में संकलित सामग्री की प्रमाणिकता पर अनेक प्रश्नचिन्ह अंकित होन लगे है। अपुष्ट सूत्रों से जुटाई गई सामग्री को भी अनियंत्रित नेट पर डालकरविद्वता का तमगा लगाने वालों की कमी नहीं है। हमें अपने चैनल में विशेष प्रसारण हेतु प्रमाणित संदर्भों की आवश्यकता थी।
संस्था के संबंधित विभाग ने जिन संदर्भों के आधार पर प्रोजेक्ट तैयार किया थाउसकी प्रमाणिकता मांगने पर उन्होंने नेट की अनेक अनजानी लिंक प्रस्तुत की गई। उन लिंक में भी प्रकाशित किये गये आलेखों का कोई प्रमाणित संदर्भ नहीं था। ऐसी परिस्थिति में समाधान हेतु हमारे जेहन में प्रो. आनन्द प्रकाश सक्सेना का चेहरा उभर आया। प्रोफेसर सक्सेना लम्बे समय से जरनल आफ इनवायरमेंट एण्ड सोसल साइंस रिसर्च का सम्पादन कर रहे है। तत्काल उन्हें फोन लगाकर मिलने की इच्छा व्यक्त की। यूं तो वह हमारे सहपाठी अम्ब्रीश कुमार सक्सेना के बडे भाई है परन्तु आज हमने उन्हें नेट से संकलित सामग्री की प्रमाणिकता हेतु आमंत्रित किया था।
क्यों कि वे विभागाध्यक्ष (वनस्पति विज्ञान) के पद से सेवानिवृत होने का बाद से निरंतर शोधकार्योंअनुसंधानों और नवागन्तुक वैज्ञानिकों को मार्गदर्शन देने में व्यस्त रहते हैं। निर्धारित समय पर हम आमने सामने थे। नेट से संकलित सामग्री का अवलोकन करने के बाद उन्होंने अनेक विरोधाभाषी तथ्यों को रेखांकित किया। गहराई से अध्ययन के उपरांत उन्होंने प्रोजेक्ट रिपोर्ट से लेकर स्क्रिप्ट तक को विभिन्न शोधोंवर्तमान उपलब्धियों और व्यवहारिक मान्यताओं की नींव पर खडा कर दिया। हमने नेट के इस दौर में प्रमाणिकता की स्थिति पर उनकी राय जाननी चाही। तनिक गम्भीर होकर उन्होंने कहा कि 80 के दशक के बाद वास्तविक शोध करने और कराने वालों की खासी कमी होती गई।
आज भारतीय वैज्ञानिक भाभा के बाद आम आवाम की जुबान पर कोई अन्य भारतीय वैज्ञानिक स्थान नहीं बना पाया। इस गिरावट के पीछे कट-पेस्ट और जल्दबाजी की अघोषित परम्पराएक महात्वपूर्ण कारक हैजिससे निजात पाये बिना वास्तविकता के नजदीक पहुंच पाना बेहद कठिन है। नेट के अकूत भण्डार को विशेषज्ञों के नियंत्रण के बिना परोसनान केवल इतिहास के साथ खिलवाड करना है बल्कि आने वाली पीढी को भी भ्रमित करना है। शोध पत्रिकाओं से लेकर संदर्भ ग्रंथों तक के प्रकाशनों पर नेट के तिलिस्म ने कुठाराघात करना शुरू कर दिया है। अस्तित्व के लिए संघर्षरत सार्थकप्रमाणित और शोधपरक प्रकाशनो का शासकीय संरक्षण भी समाप्त हो गया है। संस्थाओं के स्वयं के प्रयासों से ही इस तरह के प्रकाशनों को मूर्त रूप दिया जा रहा है।
वास्तविकता तो यह कि प्रमाणित सामग्री हेतु आज भी प्रासंगिक है संदर्भ-ग्रंथ और शोध-पत्रिकायें। आर्थिक अभाव से लेकर वितरण तक की रेखांकित की जाने वाली स्थितियों पर हमने प्रोफेसर सक्सेना की समीक्षा को विस्तार में जाने से रोकते हुएउन्हीं से समाधान देने का निवेदन किया। उन्होंने हल्की मुस्कान समेटते हुए कहा कि शासकीय बजट में प्रचार-प्रसार के नाम पर दिये जानी वाली धनराशि में से एक भाग यदि शोधों के प्रकाशन से लेकर स्थलीय अनुसंधानों के लिए आरक्षित कर दिया जाये तो आने वाले समय में न केवल इसका विकास होगा बल्कि नई संभावनायें भी सामने आयेंगी और देश का नाम विश्व भाल पर होगा।
बातचीत का दौर चल ही रहा था कि नौकर ने स्वल्पाहार की प्लेटें से सजी ट्राली लेकर कमरे में प्रवेश किया। इस व्यवधान ने विस्त्रित विषय पर हो रही समीक्षा पर अल्प विराम लगाया। फिर कभी इस विषय पर लम्बी चर्चा के आश्वासन के साथ हमने स्वल्पाहार ग्रहण किया और इस अध्याय के पटाक्षेप की अनुमति ली। इस बार इतना ही। अगले हफ्ते एक नये मुद्दे के साथ फिर मिलेंगे। खुदा हाफिज।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

CCH ADD

CCH ADD

सुपरहिट न्यूज़

लोकप्रिय पोस्ट

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 15 मई 2018 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )