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जबलपुर ! ( प्रशांत वैश्य ) हर हादसा अपने पीछे औरों के लिए सीख भी छोड़ जाता है लेकिन अक्सर हम हादसों से सीखने की बजाए फिर लापरवाह हो जाते हैं और एक नया हादसा होता है। कुछ ऐसा ही वाकया पेश आया नन्हे राहुल के साथ जो आया तो था एक रिश्तेदार की शादी में शरीक होने करमेता स्थित रिश्तेदार के घर के आया था लेकिन छत के ऊपर एक तार से खेलना उसे मंहगा पड गया। ऊपर से गुजरती हाई-टेंशन लाइन की चपेट में आकर अपनी जान गंवा बैठा।
दस वर्षीय राहुल नामदेव मोहनलाल हरगोविंद दास ट्रस्ट हॉस्पिटल में अपने जीवन की लडाई बड़ी ही बहादुरी से लड़ा और और आखिरकार लापरवाह सिस्टम की भेंट चढ़ गया। बच्चे के पिता घटना के वक्त घटनास्थल पर घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे वह मझौली के निकट अपने गांव में फोन पर सूचना पाकर जब यहां आए तो उन्होंने देखा कि राहुल करंट की चपेट में आकर बड़ी गंभीर स्थिति में पहुंच चुका है बच्चे की मां ने बड़े ही भावुक शब्दों में बताया कि जिस वक्त बच्चा छत पर खेल रहा था अचानक एक जोर का धमाका हुआ और छत पर घूमता हुआ सीलिंग फैन जमीन पर आ गिरा और जैसे ही उन्होंने छत पर जाकर देखा तो राहुल 90% तक जा चुका था राहुल का इलाज करने वाले डॉक्टर ने बताया कि बच्चे के बचने की उम्मीद बहुत कम है मीडिया ने जब बच्चे के फोटो सारे तो एक अस्पताल कर्मी उसे ऑक्सीजन लगाता हुआ मिला उल्लेखनीय है कि इस विषय पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्री शरद जैन ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए बच्चे के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की थी।
इस घटनाक्रम के बाद यकीनन पछताने के सिवा कुछ हासिल नहीं होता लेकिन यदि हम अभी नहीं चेते तो भविष्य में कोई और ऐसा हादसा हो सकता है। क्या इस घटना के लिए वह लोग जिम्मेदार नहीं जिन्होंने हाईटेंशन वायर की लाइन के नीचे अपना मकान बनाया क्या वह लोग जिम्मेदार नहीं जोश मकान से बाकायदा टैक्स वसूलते थे वह अधिकारी जिन्होंने ऐसी किसी संभावना को पूर्व में नहीं देखा क्या इसमें कोई जिम्मेदारी किसी की नहीं आज भी यह हाई-टेंशन लाइन मौत की तरह मुंह बाए लोगों के घरों से होकर गुजर रही हैं किसी और हादसे के इंतजार में हम कब तक हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे।
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