TIMES OF CRIME
एक ऐसी छिपकली जिसकी कीमत मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू जैसी लग्ज़री कारों से भी अधिक है। जी हां हम बात कर रहें हैं 'गीको' छिपकली की जो एक दुर्लभ छिपकली है। इसे ‘टॉक-के’ जैसी आवाज़ निकालने के कारण 'टोको' भी कहा जाता है।
बिहार के किशनगंज सीमावर्ती बंगाल क्षेत्र में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने एक तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। यह गिरोह बिहार में इस दुर्लभ प्रजाति की इस छिपकली की तस्करी करता था। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने करीब दो करोड़ रुपये की दो टोको छिपकली के साथ दो तस्करों को भी गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि तस्कर छिपकलियों को चोरी-छिपे चीन भेजने वाले थे।
'गीको' एक दुर्लभ छिपकली है, जो दक्षिण-पूर्व एशिया, बिहार, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत, फिलीपींस तथा नेपाल में पाई जाती है। इसके मांस से नपुंसकता, डायबिटीज, एड्स और कैंसर की परंपरागत दवाएं बनाई जाती हैं। कई लोग इसका इस्तेमाल मर्दानगी बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। खासकर दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में इसकी बेहद मांग है। चीन में भी चाइनीज ट्रेडिशनल मेडिसिन में इसका उपयोग किया जाता है।
आपको बता दें कि एसएसबी 41वीं बटालियन ने एक टीम गठित की गई थी। टीम ने बीती शाम पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी और पानीटंकी के बीच यह कार्रवाई की। फिलहाल तस्करों से बरामद छिपकलियों को वन विभाग को सौंप दिया गया है। तो वहीं इन दोनों तस्करों को पूछताछ के बाद नक्सलबाड़ी पुलिस के हवाले कर दिया।
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