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नरसिंहपुर. कुशल एवं अकुशल श्रमिकों को केन्द्र एवं राज्य शासन के वित्तीय सहयोग से एक वित्तीय वर्ष में 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराने के मकसद से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को नरसिंहपुर जिले में तृतीय चरण में शामिल किया गया है। योजना का मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायत में निवासरत जॉबकार्डधारी परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराना है।
वित्तीय वर्ष 2017- 18 में राज्य स्तर से प्राप्त लेबर बजट के अनुसार जिले को 12.41 लाख मानव दिवस का लक्ष्य दिया गया था। इस लक्ष्य के विरूद्ध नरसिंहपुर जिले ने 23.76 लाख मानव दिवस सृजित कर 191 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की। इस उपलब्धि से राज्य स्तर पर जिले को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। इस उपलब्धि की सराहना राज्य स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई है।
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जिले में अर्जित मानव दिवस से जहां एक ओर श्रमिकों को ग्राम पंचायतों में स्थानीय स्तर पर रोजगार मिला, वहीं दूसरी ओर परिसंपत्तियों का निर्माण किया गया। मनरेगा में सामुदायिक कार्यों में सीसी रोड, ग्रेवल रोड, शांतिधाम, तालाब, खेल मैदान, जल संरक्षण एवं संवर्धन, पौध रोपण आदि के कार्य, हितग्राहीमूलक कार्यों में कपिलधारा, खेत तालाब, नंदन फलोद्यान, मेढ़ बंधान आदि के कार्य और अन्य विभागों के समन्वय से ग्राम पंचायत भवन, आंगनबाड़ी भवन आदि के कार्य किये गये। उक्त अवधि में जिले में विभिन्न श्रेणियों के 45 हजार 320 कार्यों के विरूद्ध 15 हजार 719 कार्य पूर्ण किये गये। इन कार्यों पर 6517.57 लाख रूपये की राशि व्यय की गई। इस राशि में मजदूरी पर 4167.94 लाख रूपये और सामग्री पर 2316.80 लाख रूपये की राशि व्यय की गई।
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इस अवधि में दैनिक मजदूरी दर प्रति दिवस 172 रूपये के मान से भुगतान की गई। इस योजना में मजदूरी का भुगतान कर 54 हजार 135 परिवारों के 89 हजार 596 सदस्य श्रमिकों को लाभांवित किया गया। श्रमिक परिवारों को उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आवास योजना में स्वीकृत आवासों में मनरेगा के तहत 90 मानव दिवस का रोजगार मुहैया कराया गया। मनरेगा में पारदर्शिता और ग्रामसभाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से चालू कार्यों की मॉनीटरिंग के लिए सामाजिक अंकेक्षण- सोशल ऑडिट का काम भी कराया गया।
-जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरपी अहिरवार बताते हैं कि नरसिंहपुर के कृषि प्रधान जिला होने के कारण निर्माण कार्यों के लिए श्रमिकों की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने के बावजूद मैदानी अमले द्वारा श्रमिकों को बार- बार प्रेरित कर मनरेगा में यह उपलब्धि हासिल की गई है। वे बताते हैं कि चालू वित्तीय वर्ष में भी अब तक 1.86 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजित किया जा चुका है। इस वित्तीय वर्ष में दैनिक मजदूरी दर 174 रूपये प्रचलित है।
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