TIMES OF CRIME
डेटा लीक मामला सामने आने के बाद जहां एक तरफ पूरी दुनिया हैरान है तो वहीं दूसरी तरफ करोड़ों यूजर्स के डेटा लीक के चलते फेसबुक को भी बड़ा झटका लगा है।
ख़बरों के मुताबिक, सोमवार को अमेरिकी सोशल मीडिया के शेयर करीब सात फीसदी टूट गए। इसके चलते शेयर की कीटत घटन की वजह से फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को एक दिन में करीब 395 अरब रूपये यानि 6.06 अरब डॉलर का भारी झटका लगा है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद करनेवाले ब्रिटेन की फर्म कैंब्रिज एनालिटिका पर 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के निजी जानकारी चुराने के आरोप लगे हैं। इस जानकारी को चुनाव के दौरान इस्तेमाल किया गया है। इस मामले में अमेरिका और यूरोप के सांसदों ने जकरबर्ग को उनके सामने पेश होने के लिए कहा है। वे जानना चाहते हैं कि ब्रिटेन की कैंब्रिज एनालिटिका ने डॉनल्ड ट्रंप को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव जीतने में किस तरह से मदद की? ये ख़बर आने के बाद से ही फेसबुक के शेयर सोमवार को 7% टूट गए।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की मदद करनेवाले ब्रिटेन की फर्म कैंब्रिज एनालिटिका पर 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के निजी जानकारी चुराने के आरोप लगे हैं। इस जानकारी को चुनाव के दौरान इस्तेमाल किया गया है। इस मामले में अमेरिका और यूरोप के सांसदों ने जकरबर्ग को उनके सामने पेश होने के लिए कहा है। वे जानना चाहते हैं कि ब्रिटेन की कैंब्रिज एनालिटिका ने डॉनल्ड ट्रंप को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव जीतने में किस तरह से मदद की? ये ख़बर आने के बाद से ही फेसबुक के शेयर सोमवार को 7% टूट गए।
फेसबुक पहले ही दे चुका है सफाई
हालांकि, इस मामले में फेसबुक की तरफ से यह पहले ही बताया जा चुका है कि 2016 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उसके प्लेटफॉर्म का प्रचार-प्रसार करनेवाले रूसी लोगों ने कैसे इस्तेमाल किया था, लेकिन इसे लेकर जकरबर्ग कभी सवालों के घेरे में नहीं आए थे।
हालांकि, इस मामले में फेसबुक की तरफ से यह पहले ही बताया जा चुका है कि 2016 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उसके प्लेटफॉर्म का प्रचार-प्रसार करनेवाले रूसी लोगों ने कैसे इस्तेमाल किया था, लेकिन इसे लेकर जकरबर्ग कभी सवालों के घेरे में नहीं आए थे।
इस मामले से सोशल नेटवर्किंग साइट्स के सख्त रेग्युलेशन का दबाव भी बन सकता है। ब्रिटेन के एक सांसद ने सोमवार को कहा कि देश के प्राइवेसी वॉचडॉग को अधिक ताकत मिलनी चाहिए।
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