विश्व बैंक ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा 4.9 अरब डॉलर (3,350 करोड़ रुपये से ज्यादा) भारत भेजने की खबरों को गलत बताया है. मंगलवार को पाकिस्तानी मीडिया ने विश्व बैंक की 2016 के लिए जारी रेमिटेंस एंड माइग्रेशन रिपोर्ट के हवाले से ये खबरें प्रकाशित की थीं.
इस पर सफाई देते हुए विश्व बैंक ने कहा, 'इस रिपोर्ट में मनी लॉन्डरिंग या किसी व्यक्ति के नाम का कोई जिक्र ही नहीं है.' विश्व बैंक के मुताबिक उसकी सालाना रिपोर्ट में दो देशों के बीच द्विपक्षीय प्रेषण (धन का लेन-देन) का आकलन किया जाता है.
रिपोर्ट के मुताबिक विश्व बैंक ने अपने बयान में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के स्पष्टीकरण का भी हवाला दिया है. एसबीपी ने भी 21 सितंबर 2016 को 4.9 अरब डॉलर भारत भेजने की खबरों को गलत बताया है. विश्व बैंक की रिपोर्ट में इस्तेमाल गणना पद्धति की जानकारी देते हुए एसबीपी ने दोनों देशों के बीच धन के लेन-देन का आधिकारिक आंकड़ा भी जारी किया है.
मंगलवार को पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के आधार पर वहां के नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) ने इस मामले में जांच का आदेश दे दिया था. एनएबी पाकिस्तान में भ्रष्टाचार की जांच और उससे जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली केंद्रीय संस्था है. वह पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिजनों के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े तीन मामलों की पहले से ही सुनवाई कर रही है.
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