पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मुंबई में सीबीआई की विशेष अदालत ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं।
बता दें कि इससे पहले पीएनबी धोखाधड़ी केस के संबंध में सीबीआई ने शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर एचआर खान से पूछताछ की थी। यूपीए सरकार के दौरान सोना आयात नीति में छूट दी गई थी, जिससे भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को फायदा पहुंचा था। अधिकारियों के मुताबिक खान से यूपीए सरकार की 20:80 सोना आयात नीति के बारे में पूछताछ की गई।
13 मई 2014 को मिली थी मंजूरी
इस नीति को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 13 मई, 2014 को मंजूरी दी थी। आम चुनाव की मतगणना से ठीक तीन दिन पहले। 13 हजार करोड़ के बैंक घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने गुरुवार को आरबीआई के तीन चीफ जनरल मैनेजर और एक जनरल मैनेजर से भी पूछताछ की थी।
एनडीए सरकार का आरोप है कि इस नई आयात नीति से छह महीने में 13 ट्रेडिंग हाउस ने 4500 करोड़ रुपये निकाले। इस नीति में निजी ट्रेडिंग हाउस को सोना आयात की इजाजत थी, अगर वे इसका बीस फीसदी निर्यात करते हैं। इससे पहले सरकारी कंपनी एमएमटीसी और एसटीसी को ही सोना आयात की इजाजत थी।
नीतियों की स्पष्टता के संबंध में की पूछताछ : आरबीआई
वरिष्ठ अधिकारियों और पूर्व डिप्टी गवर्नर से पूछताछ पर आरबीआई के सूत्रों ने कहा है कि जांच एजेंसी ने नीति संबंधी मामलों में स्पष्टता के लिए उनसे बात की है। सूत्रों का कहना है कि बैंक के अधिकारियों से नियमित रूप से जांच एजेंसियां और दूसरे नियामक बैंकिंग व अन्य नीतियों के बारे में संपर्क करते रहते हैं। यह सब कुछ केंद्रीय बैंक के प्रभाव क्षेत्र में होता है और ऐसा ही वर्तमान केस में भी हुआ है।
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