गुजरात हाईकोर्ट ने 2002 के नरोदा पाटिया दंगा मामले में दायर अपीलों पर आज फैसला सुनाते हुए राज्य की पूर्व मंत्री और भाजपा नेता माया कोडनानी को निर्देष करार देते हुए बरी कर दिया है। जबकि कोर्ट ने इस मामले में अन्य आरोपी बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है।
16 साल पहले गुजरात में हुए नरसंहार पर हाई कोर्ट से बड़ा फैसला आया है. गुजरात हाईकोर्ट ने नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में आरोपी पूर्वमंत्री माया कोडनानी को राहत देते हुए उन्हें इस मामले से बरी कर दिया हैं, जबकि बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी समेत 32 लोगों को अदालत ने पहले ही दोषी करार दे दिया था। बता दें कि गुजरात हाईकोर्ट ने नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में माया कोडनानी को मामले से रिहा करने के आदेश दिया है. माया कोडनानी को छोड़े जाने पर पीड़ित पक्ष ने नाराजगी जाहिर की है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार माया कोडनानी को कोर्ट ने राहत देते हुए कहा कि वारदात वाली जगह पर माया कोडनानी की मौजूदगी के कोई सबूत पेश नहीं किए गए हैं। आपको बता दें कि नरोदा पाटिया नरसंहार में दोषी करार देने के बाद उन्हें 28 साल की सजा मिली थी। जिसे अब गुजरात हाईकोर्ट ने बदलते हुए माया कोडनानी को सबूतों के अभाव में उनके इस मामले में बड़ी राहत देते हुए बरी करने का आदेश सुनाया हैं।
आपको बता दें कि एसआटी की जांच में पहले 11 लोगों ने माया कोडनानी के खिलाफ गवाही थी। लेकिन गुजराज हाईकोर्ट का कहना है कि माया कोडनानी के खिलाफ सभी गवाहों के बयानों में विरोधाभास होने की वजह से उन्हें कोर्ट ने रिहा कर दिया हैं। नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने आरोपी बाबू बजरंगी को राहत देने से इनकार करते हुए उनको सजा में राहत देने से इनकार कर दिया है।
साल 2002 में गुजरात के नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में आज विशेष अदालत अपना फैसला सुनाएगी। बता दें कि इस मामले में बीजेपी विधायक माय कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी समेत 32 लोगों को अदालत ने पहले ही दोषी करार दे दिया था। दोषी करार दिए जा चुके इन्हीं आरोपियों की अर्जी पर आज कोर्ट अपनी फैसला सुना सकती हैं।
गौरतलब है कि 28 फरवरी 2002 को भड़के दंगो में नरोदा पाटिया इलाके में सबसे ज्यादा और बड़ा नरसंहार हुआ था। बता दें कि नरोदा पाटिया में भड़के दंगों में 97 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी और जिसमें 33 लोगों गंभीर रूप से घायल हुए थे।
इस मामले में जांच रिपोर्ट के मुताबिक एक दिन पहले यानि 27 फरवरी को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगिंया जलाने के घटना सामने आई थी और जिसके बाद पूरा पूरा गुजरात दंगों की लपेट में आ गया था। बता दें कि नरोदा पाटिया दंगो की जांच के लिए तैनात एसआईटी ने दंगों के लिए बीजेपी की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी समेत 32 लोगों को दोषी करार दिया था।
जिसके बाद कोर्ट ने नरोदा पाटिया मामले में मुख्य आरोपी माया कोडनानी को आजीवन कारावास और बाबू बजरंगी को मरते दम तक जेल में रहने की सजा सुनाई थी। आज गुजरात हाईकोर्ट नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में आरोपी 32 लोगों की याचिका पर अपना फैसला सुना सकती हैं।
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