जयपुर। गुजरात के दलित आंदोलन के नेता और गड़गांव से विधायक जिग्नेश मेवाणी को रविवार को पुलिस ने जयपुर के सांगानगर हवाई अड्डे पर पहुंचते ही हिरासत में ले लिया। पुलिस ने मेवाणी को करीब 4 घंटे तक हिरासत में रखा। इसके बाद पुलिस ने जिग्नेश मेवाणी को वापस गुजरात वापस भेज दिया गया। जिग्नेश रविवार को नागौर जिले के मेड़ता में होने वाले डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती समारोह को संबोधित करने जयपुर पहुंचे थे। यहां से सड़क मार्ग से उन्हें मेड़ता जाना था।
गाड़ी में बैठते ही लिया हिरासत में
राजस्थान पुलिस ने उन्हें एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया। मेवाणी जैसे ही हवाई अड्डे के बाहर आकर मेड़ता जाने के लिए गाड़ी में बैठे तो उन्हें नागौर जिले के प्रवेश नहीं करने को लेकर एक नोटिस थमा दिया गया। काफी देर तक जिग्नेश और पुलिस अधिकारियों के बीच बहस होती रही। किसी गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया।
नागौर में एमएलए जिग्नेश के प्रवेश पर पाबंदी
इस बाद जिग्नेश ने ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा कि, मैं जयपुर एयरपोर्ट पर उतरा तो कुछ पुलिस अधिकारी एक ऐसे पत्र पर हस्ताक्षर कराने लगे थे, जिसमें लिखा था कि नागौर में एमएलए जिग्नेश के प्रवेश पर पाबंदी है। मैं एक जनसभा संबोधित करने जा रहा था, जिसमें भारतीय संविधान और डॉ. आंबेडकर के बारे में संबोधन था। एक अन्य ट्वीट में मेवाणी लिखा कि- 'अब डीसीपी कह रहे हैं कि मैं जयपुर में भी नहीं घूम सकता और वह मुझसे अहमदाबाद वापस जाने के लिए कह रहे हैं। मुझे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की इजाजत भी नहीं मिली है। यह हैरान करने वाला है।'
जिग्नेश ने वसुंधरा राजे पर लगाए गंभीर आरोप
इस घटना का जिक्र करते हुए जिग्नेश मेवाणा ने फेसबुक पर इसे असंवैधानिक बताते हुए लिखा कि यह उनके मूलभूत अधिकारों का हनन है। उन्होंने लिखा कि अगर जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि के साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा तो वसुंधरा राजे सरकार में आम आदमी और दलितों की क्या हालत होगी।
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