जबलपुर कलेक्टर श्रीमती छवि भारद्वाज |
प्रशांत वैश्य // ब्यूरो चीफ जबलपुर
TIMES OF CRIME // जबलपुर | 14-अप्रैल-2018
कलेक्टर श्रीमती छवि भारद्वाज ने आज जिले के तीन तहसीलों के आठ खरीदी केन्द्रों का औचक निरीक्षण कर गेहूं, चना, सरसों और मसूर की खरीदी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने किसानों से कहा कि वे एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता का अनाज ही खरीदी केन्द्र में लायें। जिससे उन्हें कोई असुविधा न हो। इस दौरान कलेक्टर ने किसानों की समस्यायें सुनीं और निराकरण के निर्देश दिए। कलेक्टर ने किसानों को अपना मोबाइल नम्बर भी दिया ताकि वे खरीदी से संबंधित किसी भी प्रकार की परेशानी या असुविधा की जानकारी उन्हें सीधे दे सकें।
कलेक्टर ने अपने भ्रमण के दौरान समिति प्रबंधकों और खरीदी केन्द्र प्रभारियों को दो टूक शब्दों में कहा कि गेहूं की तुलाई और फिर बारदानें में भरकर सिलाई तथा परिवहन कार्य तक किसी भी स्तर पर कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। कलेक्टर के औचक निरीक्षण के दौरान पाटन के शिवशिवा वेयर हाउस खरीदी केन्द्र में किसानों से गेहूं की अधिक तौल लेने की जानकारी मिली। यहां किसानों ने बताया कि उनसे 51 किलो 700 ग्राम तथा किसी-किसी किसान से 52-53 किलो तक गेहूं की तुलाई की गई है।
साथ ही यहीं के स्थानीय व्यापारी रामजी अग्रवाल द्वारा एकमुश्त 3 हजार 500 Ïक्वटल गेहूं बिक्री किये जाने की सूचना भी किसानों ने कलेक्टर को दी। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि जिन किसानों से 50 किलो 700 ग्राम से अधिक गेहूं की तुलाई की गई है उनकी पुन: तुलाई की जाय। इसमें 50 किलो गेहूं व 700 ग्राम बारदाना का वजन शामिल है। कलेक्टर ने मौके पर मौजूद पाटन एस.डी.एम. पी.के. सेनगुप्ता को निर्देशित किया कि वे इस उपार्जन का पूरा पंचनामा तैयार कर दोषी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने की कार्रवाई करें।
कलेक्टर ने इस खरीदी केन्द्र में व्याप्त अव्यवस्थाओं की निगरानी के लिए नायब तहसीलदार पाटन रमेश किरार की ड¬ूटी लगाते हुए ताकीद किया कि वे पूरी खरीदी केन्द्र की समूची व्यवस्था पर कड़ी नजर रखें। कलेक्टर ने किसानों से चर्चा के दौरान कहा कि खरीदी केन्द्र में लाने वाला अनाज एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता का होना चाहिए। उन्होंने चना, सरसों और मसूर की बिक्री हेतु पहुंचे किसानों से खासतौर पर कहा कि केन्द्र सरकार के नाफेड संस्था द्वारा खरीदी की जाने की वजह से गुणवत्तायुक्त व साफ-सुथरा चना, मसूर और सरसों ही लेकर आयें। जिससे गुणवत्ता परीक्षण हेतु नियुक्त सर्वेयर उनके उपज को खरीदने योग्य मान सकें। अन्यथा किसानों को उपज लाने-ले-जाने में असुविधा होगी।
उन्होंने कहा कि चना, मसूर व सरसों की बिक्री हेतु खरीदी केन्द्र पहुंचने वाले किसानों का अनाज उतारने का खर्च किसानों को नहीं देना है यह पैसा नाफेड वहन करेगा। पाटन में चना विक्रेता किसानों ने उन्हें एस.एम.एस. नहीं मिलने की जानकारी दी वहीं कुछ किसानों ने कहा कि कुछ के मोबाइल नम्बर बदल गये हैं। इस पर कलेक्टर ने पाटन एस.डी.एम. को निर्देशित किया कि वे पंजीकृत किसानों का पटवारी के द्वारा मोबाइल नम्बर का सत्यापन करायें। कलेक्टर ने सिहोरा के घाट सिमरिया, सिहोरा, कुर्रे और मझौली के बरगी और तलाड़, मझौली मार्केटिंग, मझौली विपणन व खांड खरीदी केन्द्रों का भी निरीक्षण किया।
उन्होंने किसानों से कहा कि वे मण्डी में तुलाई, सिलाई व परिवहन आदि का किसी के द्वारा पैसा मांगने पर बिल्कुल न दें। इसकी जानकारी सीधे उन्हें दें। कलेक्टर ने खरीदी केन्द्र प्रभारियों को निर्देशित किया कि वे पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर खरीदी करें। सबसे पहले लघु व सीमान्त किसानों से खरीदी करें। उन्होंने कहा कि खरीदी केन्द्रों से गेहूं का गोदामों में तत्काल परिवहन करायें जिससे बारिश की स्थिति में गेहूं खराब न होने पाये।
उन्होंने डी.एम.ओ. से चर्चा कर परिवहन हेतु पर्याप्त ट्रकों की व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी संबंधित राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों को सौंपी। किसानों की सुविधा के लिए कम्प्यूटर आपरेटर खरीदी केन्द्रों में ही मौजूद रहें और तुलाई के बाद किसानों को पर्ची दें। सिहोरा के केन्द्रों के निरीक्षण के दौरान एस.डी.एम. उमा माहेश्वरी, तहसीलदार नीता कोरी, मझौली तहसीलदार संदीप जायसवाल मौजूद थे।
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