नई दिल्ली : प्राइवेट सेक्टर के दूसरे सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई की सीईओ चंदा कोचर की मुश्किलें बढ़ गयी है। बैंक के बोर्ड में शामिल कुछ निदेशक जल्द ही मिलकर कोचर के भविष्य का फैसला करेंगे। संभावना यह व्यक्त की जा रही हे कि कोचर को बैंक छोडऩा पड़ेगा। हालांकि निदेशकों के समूह ने इस बात की पुष्टि अभी नहीं की है।
चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह में बिजनेस डील हुई थी। इस डील के बाद बैंक से वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया गया है। इस केस में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने प्राथमिक जांच शुरू कर दी है। इस जांच के बाद से अब साफ हो गया है कि चंदा कोचर के खिलाफ कार्रवाई तय है।
सीबीआई इस मामले को लेकर के चंदा कोचर के देवर से भी लागातार तीन दिन तक पूछताछ कर चुकी है। हालांकि बोर्ड ने कहा है कि वो इस मामले में पूरी तरह से कोचर के साथ है और यह उन पर निर्भर करेगा कि वो इस पद पर बनी रहेंगी या नहीं। बैंक का बोर्ड इस हफ्ते मीटिंग करेगा। इस मीटिंग में स्वतंत्र और नॉमिनेट निदेशक भी शामिल होंगे। इस मीटिंग को इसलिए बुलाया जाएगा, ताकि स्टॉफ और निवेशकों का बैंक में विश्वास बना रहे। 28 मार्च और 2 अप्रैल को जो मीटिंग हुई थी, उसमें कई निदेशक शामिल नहीं हुए थे और न ही इसकी जानकारी पहले से स्टॉक एक्सचेंज को दी गई थी।
सीबीआई ने रविवार को आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स के निदेशक उमानाथ वैकुंठ नायक से पूछताछ की। नायक से सीबीआई ने यह पूछताछ आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए 3250 करोड़ रुपये के सिलसिले में की है। सीबीआई इस मामले में पहले ही चंदा कोचर के देवर राजीव कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के करीबी महेश चंद्र पुंगलिया से पूछताछ कर चुकी है। लेकिन न्यू पावर रिन्यूएबल्स के किसी वरिष्ठ अधिकारी को पूछताछ के लिए पहली बार बुलाया गया है।
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