प्रीति रघुवंशी आत्महत्या प्रकरण में एसडीओपी साहू, श्री रामपालसिंह के ओएसडी के रूप में कर रहें हैं काम
डीजीपी बताएं,आखिरकार आरोपियों के खिलाफ एफआईआर कितने सालों में होगी?
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भोपाल. प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के.मिश्रा ने आज मंत्री श्री रामपालसिंह की पुत्रवधू प्रीति रघुवंशी आत्महत्या प्रकरण के 26 दिन बीत जाने,उसके सगे बड़े भाई दीपक का पुलिस के ही सहयोग से कराये गए अपहरण को लेकर पुलिस महकमे की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए हैं।उन्होंने पुलिस महानिदेशक श्री आर.के.शुक्ला से जानना चाहा है कि आपके ही निर्देश पर पीड़ित परिवार के भोपाल में हुए बयानों ,घटना के 26 दिन बीत जाने के बाद आखिरकार दोषियों के विरुद्ध एफआईआर कब होगी,अब तक दर्ज नहीं होने का कारण क्या है?
मिश्रा ने मृतका के भाई दीपक का भी अपहरण पुलिस के ही एसडीओपी श्री राजाराम साहू के सहयोग से किये जाने का भी दूसरा बड़ा गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के आरोप गलत हैं तो डीजीपी बताएं कि 7 अप्रेल,18 को उदयपुरा जेएमएफसी कोर्ट में पीड़ित परिवार द्वारा न्याय की गुहार लगाये जाने हेतु लगाई गई गुहार के बाद से ही दीपक लापता क्यों हुआ, उदयपुरा टीआई श्री मनोज दुबे,एसडीओपी श्री राजाराम साहू ने दीपक की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखना तो दूर इस बाबद सादा आवेदन भी लेने से भी इंकार क्यों कर दिया, (कांग्रेस के पास इन दोनों पुलिस अधिकारियों से इस विषयक हुई चर्चा के ऑडियो मौजूद हैं)
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अरुण यादव के इस विषयक किए गए ट्वीट के बाद हरकत में आई स्थानीय पुलिस ने अचानक रात 8 बजे दीपक को थाने पर प्रकट कैसे करवाया, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दीपक दो चार पहिया वाहनों से थाने ले जाया गया था,जिसके साथ 4 भाजपा कार्यकर्ता व शेष अपराधियों की शक्ल वाले अपरिचित लोग थे,कुछ देर बाद वह उन्हीं से साथ क्यों -कहाँ पर भेज दिया गया,तब वह शराब का सेवन भी किये हुए था, हवालात के गेट पर उसका वीडीओ बनवाकर उसे सार्वजनिक किससे- क्यों करवाया,यही नहीं पुलिस ने उसके परिजनों को सूचित न करते हुए अपनी अभिरक्षा से क्यों-किसलिए और किसके साथ जाने दिया,जारी वीडीओ में दीपक अपने स्वयं को जब परेशान बता रहा है तो एसडीओपी ने उस हालात में उसके बयान दर्ज कैसे किई?
मिश्रा ने एसडीओपी की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए कहा कि वे इस प्रकरण में मंत्री के ओएसडी बनकर काम कर रहे हैं।मिश्रा ने भाजपा कार्यकर्ता के रूप में चिन्हित ऐसे अधिकारियों को चेतावनी भरे शब्दों में कहा है कि मात्र अपने पदों पर बने रहने और अवैध कमाई करने के लिए पुलिस का आत्मसम्मान बेचने से बचें अन्यथा आने वाले दिनों में सख़्त परिणाम भुगतने के लिए उन्हें तैयार रहना होगा।
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