नई दिल्ली। यूपी की दो लोकसभा सीटों, फूलपुर और गोरखपुर, पर होने वाले उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में हुए गठबंधन के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने खुद या अपने भाई आनंद कुमार के राज्यसभा में जाने की अटकलों को खारिज कर दिया।
मंगलवार को मायावती ने राज्यसभा की एक सीट के लिए बसपा प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया। बहुजन समाज पार्टी की ओर से इटावा से पार्टी के पूर्व विधायक भीमराव अंबेडकर राज्यसभा उम्मीदवार होंगे। राज्यसभा के चुनाव आगामी 23 मार्च को होंगे।
कौन हैं भीमराव अंबेडकर
दलित समुदाय से आने वाले भीमराव अंबेडकर सपा मुखिया अखिलेश यादव के गृह जनपद इटावा के रहने वाले हैं। भीमराव की गिनती पार्टी के वफादार और पुराने नेताओं में होती है। बसपा के संस्थापक काशीराम के समय से ही भीमराव पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं। बसपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक लखनऊ में बसपा विधायकों की बैठक में निर्णय लिया गया कि भीमराव अंबेडकर को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया जाएगा।
कांग्रेस से भी हुई डील
मायावती ने बताया कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस बसपा प्रत्याशी का समर्थन करने के लिए तैयार हो गई है। नाम ना छापने की शर्त पर बसपा के एक नेता ने बताया कि मायावती ने कांग्रेस के सामने शर्त रखी थी कि अगर उनके विधायक यूपी में बसपा के राज्यसभा उम्मीदवार का समर्थन करते हैं तो मध्य प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के विधायक कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। आपको बता दें कि यूपी विधानसभा में कांग्रेस के सात विधायक हैं।
क्या है मायावती का दाव
आपको बता दें कि हाल ही में मायावती ने बयान दिया था कि राज्यसभा चुनाव में अतिरिक्त वोटों के लिए समाजवादी पार्टी अगर बसपा को समर्थन कर रही है तो बदल में बसपा भी फूलपुर और गोरखपुर की सीट पर होने वाले चुनाव में अपने वोट सपा प्रत्याशी को ट्रांसफर करेगी। मायावती ने कहा कि वोटों की अदला-बदली से वो राज्यसभा चुनाव में भाजपा के अतिरिक्त उम्मीदवार को हार का मुंह दिखाएंगे।
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