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शिवपुरी. खेल एवं युवा कल्याण, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि सिंधिया रियासतकाल में जिले में पेयजल की समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए प्रत्येक ग्राम में एक-एक तालाब का निर्माण किया गया था, लेकिन बढ़ती आबादी तथा इन पर किए गए अतिक्रमण के कारण इन तालाबो के जलसंग्रहण में कमी आई है। कई तालाब क्षतिग्रस्त एवं नष्ट भी हो गए है। हमारी जिम्मेदारी है कि इन तालाबों को चिहिंत कर उनपर किए गए अतिक्रमण हटाकर गहरीकरण एवं जीर्णोद्वार कर उन्हें पुनर्जीवित करें। जिससे वर्षा ऋतु का अधिक से अधिक पानी संग्रहण हो सके और जलस्तर बढ़ सके।
श्रीमती सिंधिया ने उक्त आशय के विचार आज जिला पंचायत की साधारण सभा की बैठक में व्यक्त किए। जिला पंचायत कार्यालय पोहरी रोड़ के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती कमला-बैजनाथ यादव, उपाध्यक्ष श्री खेमराज आदिवासी, विधायक कोलारस श्री महेन्द्र यादव, सांसद प्रतिनिधि श्री बैजनाथ यादव, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजेश जैन, वनमण्डलाधिकारी श्री लवित भारती, जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री ब्रम्हेन्द्र गुप्ता सहित जिला पंचायत सदस्य, जनपद अध्यक्ष सहित विभिन्न विभागों के जिला अधिकारीगण आदि उपस्थित थे। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष एवं विधायक तथा जिला पंचायत सदस्यों द्वारा क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया एवं उनके निराकरण हेतु सुझाव दिए। बैठक के शुरू में गत बैठक में लिए गए निर्णयों पर विभागों द्वारा दिए गए पालन प्रतिवेदन की समीक्षा की गई।
श्रीमती सिंधिया ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण असंतुलन के कारण भू-जल स्तर निरंतर नीचे जा रहा है। आज कई क्षेत्रों में हेण्डपंप एवं नलकूप खनन काफी गहराई तक करने के बावजूद भी पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति में हमें जल संरक्षण एवं संग्रहण की संरचनाओं का निर्माण के साथ-साथ जिले में सिंधिया रियासतकाल में प्रत्येक गांव में जल संग्रहण हेतु बनाए गए तालाबों को चिहिंत कर गहरीकरण एवं जीर्णोद्वार कर पुनः जीवित करना होगा। जिससे अधिक से अधिक पानी का संग्रहण हो सके और जिले का जलस्तर भी बढ़ सकेगा। श्रीमती सिंधिया ने कहा कि उनकी स्वर्गीय माँ राजमाता सिंधिया द्वारा भी सांसद क्षेत्र विकास निधि की राशि से तालाबों के गहरीकरण एवं मरम्मत का कार्य भी कराया गया था।
श्रीमती सिंधिया ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समीक्षा करते हुए कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी को निर्देश दिए कि प्रत्येक जिला पंचायत सदस्य के कार्य क्षेत्र में इस वर्ष एक-एक हैण्डपंप खनन करें। साथ ही दिसम्बर माह में जिन सदस्यों के क्षेत्र में हेण्डपंप खनन नहीं हुए है। उनके क्षेत्रों में एक अतिरिक्त हेण्डपंप खनन की कार्यवाही दो माह के अंदर करें। इसके लिए सदस्यगण भी खनन हेतु गांव का नाम एवं पंचायत का नाम भी दें।
श्रीमती सिंधिया ने वाटर सेड के कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले का समुचित विकास हो, इसके लिए सभी विकासखण्डों में बराबर-बराबर कार्य स्वीकृत किए जाए। जिससे सभी क्षेत्रों में कार्य हो सकें। उन्होंने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के द्वारा किए गए स्कूलों के निर्माण कार्य एवं मंदिरों के जीर्णोद्वार कार्यों की गुणवत्ता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि विभाग द्वारा जिन स्कूलों का निर्माण किया गया है, उनकी गुणवत्ता की जांच की जाए। मापदण्डों के अनुरूप गुणवत्ता न पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को पूरी दक्षता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री जैन द्वारा जिले में जलसंरक्षण एवं संग्रहण हेतु लिए जाने वाले कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि जलाभिषेक अभियान के माध्यम से नालों, तालाबों एवं स्टॉप डेमों के जीर्णोद्वार का कार्य लिया गया है। जिले में लगभग 100 खेत तालाबों का निर्माण भी किया जाएगा, जिसका निर्माण किसानों द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को मिलने वाली गणवेश इस वर्ष महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से निर्मित कर तैयार कराई जाएगी। 400 रूपए प्रति गणवेश की दर से राशि महिला स्वसहायता समूहों के खाते में सीधे जमा भी की जाएगी। बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जलसंसाधन, आदिम जाति कल्याण, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, पशुपालन, शिक्षा, ग्रामीण विकास आदि विभागों की योजनाओं एवं कार्यों की समीक्षा की गई।
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