TIMES OF CRIME // BETUL
भोपाल (मध्यप्रदेश)। सतपुड़ा की पहाडिय़ों में बसे बेतूल जिले की यूं तो सैकड़ो खुबियां होगी लेकिन इस समय राजनैतिक गलियारो में वह मध्यप्रदेश पुलिस के लिए एक माडल जिला घोषित होने जा रहा है। इस जिले जहां एक ओर इमानदार पुलिस अधिकारियों को जुआघरो पर दबिश देने के लिए स्ट्रींग आपरेशन करके झूठे प्रकरण में फंसाने का काम राजनैतिक एवं पुलिस संरक्षण में अपराधियों की अप्रत्यक्ष भूमिका में किया जा रहा है, वही दुसरी ओर बैतूल जिले में बार - बार न्यायालय की अवमानना की आड़ में एक ऐसे अपराधी को जिला बदर करने से पुलिस और प्रशासन नतमस्तक हो गया है जिसकी जिसके जुआघर से पुलिस / प्रशासन / प्रेस और राजनैतिक दलों के लोगो को मोटी रकम बाटी रही है।
जिले में लगभग दो दर्जन से अधिक थानो एवं पुलिस चौकियों के क्षेत्रो में मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जुआड़ी बेखौफ आकर जुआ खेलने आ रहे है। पुलिस विभाग की नाक के नीचे जुआ जैसी समाजिक बुराई के चलते मध्यप्रदेश पुलिस के आला अफसरो ने भी एक प्रकार से मौन स्वीकृति प्रदान कर पूरे जिले को जुआघर संचालन के लिए फ्री जोन घोषित कर दिया है। बैतूल जिले में यूं तो पुलिस ने अपने कारनामो को लेकर पुलिस विभाग की जो छबि बनाई है आज वहीं पुलिस उस छबि के सार्वजनिक हो जाने के डर से आरटीआई एक्टीविस्ट पवन मालवीय के सामने नतमस्तक हो गई है।
जानकार सूत्रो ने बताया कि पवन मालवीय ने जिला पुलिस अधिक्षक कार्यालय में एक आरटीआई आवेदन लगा कि जानकारी मांगी है कि पुलिस नगर निरीक्षक सीताराम झा के समय पुलिस द्वारा पारधी ढाने से जप्त किए गए रजिस्ट्रर / डायरी एवं कुछ महत्वपूर्ण कागजो को सार्वजनिक कर उसे सत्याप्रित प्रति में उपलब्ध करवाये। फेसबुक एवं सोशल मीडिया पर इस समय पारधी ढाने से बरामद किए गए उस रजिस्ट्रर जिसे खैराती रजिस्ट्रर से लेकर न जाने किन - किन नामो से महीमा मंडित किया गया है उसके सार्वजनिक हो जाने से बे चहरे बेनकाब हो जाएगें जो कि अप्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष रूप से बैतूल जिला मुख्यालय पर बीते चार वर्षो से बेखौफ चल रहे जुआघर से मासिक / साप्ताहिक / दैनिक खैरात पाते है।
बैतूल कोतवाली के पूर्व नगर निरीक्षक जो वर्तमान में सेवानिवृत हो चुके है श्री सीताराम झा द्वारा पारधी ढाने से जप्त रजिस्ट्रर एवं अन्य दस्तोवजो में करोड़ो की बेनामी संपत्ति की जानकारी है जो पारधी ढाने के एक व्यक्ति के परिजनो के नाम पर बैतूल / अमरावति/ वरूड/ नागपुर / सहित अन्य स्थानो पर बैंक लाकर्स एवं बैंक खातो में जप्त है। जानकार सूत्रो की माने तो बीते चार साल में प्रदेश के मुख्यमंत्री के बैतूल जिले में चालिस अधिक दौरो के समय से लेकर पारधी ढाने के मुखिया के नवासे की असमय मृत्यु के बाद भी शोक मनाने के बदले बेधड़क जुआ चलते रहा। बैतूल कोतवाली में पुलिस अधिक्षक बैतूल द्वारा चालिस से अधिक हत्या से लेकर अन्य संगीन मामलो के दस्तावेजो के साथ पेश किए गए 110 (जिला बदर ) के तक के मामले में बैतूल जिला प्रशासन खास कर जिला कार्यपालक दण्डाधिकारी तक राजनैतिक दबाव में उस कार्रवाई को ठण्डे बस्ते में डाल रखे है। अभी हाल ही में गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीने वाले पारधी ढाने में ऐसी भव्य शादी हुई की लोगो की आंखे फटी की फटी रह गई।
दो सैकड़ा वाहनो का काफिलो की वीडियों रिकाडिंग आयकर विभाग को भेजते हुए शिकायत करता ने जिले में सामाजिक बुराई की आड़ में कमाई गई अवैध संपित्त की जांच की भी मांग कर डाली है। जिले की पुलिस की नाक के नीचे बीते चार साल से चल रहे जिले के सबसे बड़े जुआघर के संचालन के बाद अब जिले में दो दर्जन से अधिक जुआघरो ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिये है। बैतूल जिले की पुलिस के लिए शर्मसार बने जुआघरो के चलते अब इमानादार पुलिस कर्मचारियों एवं अधिकारियों को कई प्रकार की यातनाओं से जुझना पड़ रहा है। बैतूल जिला मुख्यालय पर चल रहे जुआघर की जानकारी ऐसा नहीं कि जिले की आदिवासी सासंद को नहीं है जिले के प्रभारी मंत्री लाल सिंह आर्य के समक्ष एक नही दर्जनो बार जुआ एवं सटट को लेकर सवालो के दाग पुलिस पर दागे गए लेकिन जिले के जनप्रतिनिधियों की मौन स्वीकृति के चलते जिले में सामाजिक बुराई कहे जाने वाला जुआ अब कुटीर उद्योग का रूप लेने लगा है।
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जिला मुख्यालय पर चल रहे जुआघर के संचालको ने पारधी ढानो में निवास रत उन महिलाओं को मोहरा बना रखा है जो अवैध धंधो का संचालन करती है। बैतूल जिले में भले ही जंगलो से तीतर - बटेर गायब हो रहे है लेकिन इस समय संरक्षित वन्य प्राणियों एवं पक्षियों के गर्म गोश का भी केन्द्र के रूप में चर्चित हो चुका है। लोगो के खिलाफ झूठी शिकायतो करने के लिए दो चार सौ लोगो की भीड़ लाकर बैतूल जिले की पुलिस को बार - बार हाईकोर्ट की धमकियों देकर अपनी मनमानी करने को आमदा धुमुन्तु जनजाति की इस कौम ने एक बार बैतूल जिले के ग्राम चौथिया में नफरत एवं उन्माद की ऐसी आग लगाई थी कि बैतूल जिला आज भी उसी आग में जल रहा है।
बैतूल जिला मुख्यालय पर संचालित जुआघर के चलते जिले में अपराधो का ग्राफ भी तेजी से बढऩे लगा है। सोशल मीडिया पर तो अब पारधी ढाने की बहुचर्चित शादी के आमंत्रण कार्ड बाटने वाले कुछ प्त्रकारो की तस्वीरो एवं उनके कार्यो की चर्चा लोगो के बीच तीखी - नोक झोंक का कारण बनी हुई है। इधर पवन मानवील अपने द्वारा लगाई गई आटीआई के तीस दिनो के भीतर जवाब न मिलने की स्थिति मे बैतूल जिले की पुलिस के विरूद्ध अपील आवेदन डीआईजी होशंगाबाद एवं राज्य सूचना आयोग तक ले जाने की बात कह रहे है।
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