नगर निगम कमिश्नर प्रियंका दास |
times of crime
भोपाल| नगर निगम में बिल्डिंग कंप्लीशन सर्टिफिकेट फर्जीवाड़े मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है| आधे अधूरे प्रोजेक्ट्स को बिल्डिंग कंप्लीशन सर्टिफिकेट जाने के मामले की जांच रिपोर्ट आज पेश की गई| जिसमे भवन अनुज्ञा शाखा के कई अधिकारी कर्मचारी शामिल है| कई बड़े अधिकारियों पर गाज गिरी है उन्हें निलबित कर दिया है| उपयंत्री बीएस त्रिपाडी,प्रभारी सहायक यंत्री संजय तिवारी ,सहायक यंत्री अनिल शाहानी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया | लेकिन मामले में नगर निगम कमिश्नर प्रियंका दास की नीयत पर भी सवाल उठ रहे हैं|
मामले में अधिकारियों कर्मचारियों को बिल्डरों के साथ दोषी पाया गया है, यह सामने आया है कि मिलीभगत करके बिल्डिंग कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं| बावजूद उसके सिर्फ निलंबन की कार्यवाही की गई| अब सवाल खड़ा होता है कि आखिर नगर निगम कमिश्नर दोषियों पर FIR दर्ज कराने से क्यों बच रही हैं| आला अधिकारियों के मामले में संलिप्त होने का अंदेशा जताया जा रहा है|
कंप्लीशन सर्टिफिकेट मामले में 38 प्रकरण में जांच हुई है| 21 मामलों में आंशिक रूप से काम बाकी पाया गया, एक महीने का समय बिल्डर्स को दिया गया| वहीं 17 प्रकरण में धारा 25 के तहत कार्रवाई की सिफारिश जांच समिति ने की है| पी एस त्रिपाठी उपयंत्री, संजय तिवारी प्रभारी उपयंत्री और ए के साहनी सहायक यंत्री को निलंबित किया गया है| तात्कालीन नगर निदेशक जी एस सलूजा और एडिशनल कमिश्नर वी के चतुर्वेदी ओर मालिक निगम नगर को मूल विभाग में वापस भेजने की सिफारिश की गई है|
फर्जी कम्प्लीशन सर्टिफिकेट की जांच के लिए गठित समिति ने जोन- 18 और जोन-19 के जिन 38 प्रोजेक्ट की जांच की थी| समिति ने दोनों जोन के 38 प्रोजेक्ट की मौके पर जांच की। फोटो लिए, तय फार्मेट में जानकारी भर दी। इसमें स्ट्रक्चर के साथ फ्लोरिंग, प्लास्टर, बिजली फिटिंग, सीवर लाइन फिटिंग, फायर एनओसी, लिफ्ट की सुविधा सहित तमाम जानकारियां हैं जिनसे यह पता किया जा सके कि भवन रेडी टू पजेशन है या नहीं।
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