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कानपुर। यूपी के कानपुर में भी हजारों करोड़ का बैंकिंग घोटाला सामने आया है। इसमें 5 बैंकों का हजारों करोड़ रुपया कानपुर में डूबता नजर आ रहा है।
कानपुर के उद्योगपति विक्रम कोठारी ने कई बैंको से लोन लिया था। लोन को बिना जरूरी दस्तावेज के खैरातों की तरह बांटा गया था। बता दें कि रोटोमैक ग्लोबल कंपनी के मालिक हैं विक्रम कोठारी।
5 बैंकों से लिया है करोड़ों का लोन, बैंक ने NPA करार दिया
विक्रम कोठारी ने 5 बैंकों से हजारों करोड़ रूपये लोन के तौर पर बिना किसा जरूरी दस्तावेजों के लिए थे। कई साल होने के बावजूद लोन के रकम की कोई वापसी नहीं हुई है जिससे मामला पेंचीदा होता दिख रहा है। विक्रम मोदी ने कानपुर में इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, से हजारों करोड़ का लोन लिया है। अब इतने सालों बाद ये हजारों करोड़ रूपया डूबता नजर आ रहा है।
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बैंक अब NPA की कार्रवाई कर रहा है
सरल शब्दों में कहें तो जब बैंक किसी व्यक्ति को लोन देती है तो कभी-कभी ऐसा होता है कि लोन लेने वाला इंसान बैंक को रेगुलर पेमेंट नहीं कर पाता है। फिर बैंक उसे एक नोटिस भेजती है लोन की रकम वापस करिए नहीं तो आपके आपके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाएगा। फिर भी वह आदमी payment नहीं करता है तो बैंक उस लोन को Non-Performing Asset (NPA) (=Bad Loan) करार देती है। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि भारत में आज की तारीख में एक लाख करोड़ से भी ज्यादा NPA है।
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कर्जदार विक्रम कोठारी के खिलाफ Court से NBW जारी
छह करोड़ की चेक बाउंस होने के मामले में छत्तीसगढ़ की रायपुर कोर्ट ने कानपुर के उद्योगपति और रोटोमैक ग्रुप के मालिक विक्रम और उनकी पत्नी समेत तीन लोगों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट का आदेश लेकर कानपुर पहुंची रायपुर पुलिस को विक्रम कोठारी नहीं मिले। फिलहाल पुलिस का डेरा अभी भी कानपुर में ही है।
सूत्रों की मानें तो विक्रम कोठारी पर यह मुकदमा काफी पहले रायपुर (छत्तीसगढ़) में दर्ज हुआ था। गैर हाजिर होने की वजह से अदालत ने विक्रम कोठारी और उनकी पत्नी साधना के खिलाफ पहले (BW) किया। इसके बाद भी जब विक्रम और उनकी पत्नी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो कोर्ट ने (NBW) जारी कर दिया। इतना ही नही कोर्ट ने लोकल पुलिस को सख्त ताकीद दी कि विक्रम की गिरफ्तारी कर कोर्ट में पेश किया जाए।
कोर्ट के सख्त तेवर को देख रायपुर पुलिस ने विक्रम कोठारी के आवास पर छापा मारा लेकिन वह नहीं मिले। सूत्रों की मानें तो रायपुर पुलिस के पहुंचने की भनक लगते ही विक्रम पत्नी के साथ भाग निकले। गौरतलब है कि उद्योगपति और रोटोमैक ग्रुप के मालिक विक्रम कोठारी पर कई बैंकों का सैकड़ों करोड़ रुपए का कर्ज पहले से ही है। विक्रम पर बैंक आफ इंडिया का भी करीब 1390 करोड़ रुपए का कर्ज है।
विक्रम कोठारी की चार कंपनियों के नाम से शहर की बिरहाना रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच में चार अलग-अलग खाते हैं। सभी खाते करीब डेढ़ साल पहले साल 2015 में एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेट) हो चुके हैं। बैंक ने विक्रम कोठारी और उनकी फर्म के डायरेक्टरों से कई बार पत्राचार भी किया लेकिन कर्ज की रकम नहीं चुकाई गई।
इतना ही नहीं बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से भेजे गए नोटिसों का भी कोई जवाब नहीं दिया गया। सामान्य नोटिसों का निर्धारित समय पूरा होने के बाद खातों में सुधार न होने पर बैंक के सेंट्रल ऑफिस ने आपत्ति भी जता दी।
अब तक करीब 1500 करोड़
विक्रम कोठारी पर दो बैंकों में अब तक करीब 1500 करोड़ की कर्जदारी मिल चुकी है। मजे की बात है कि कि सभी खाते एनपीए हैं।
विक्रम कोठारी पर दो बैंकों में अब तक करीब 1500 करोड़ की कर्जदारी मिल चुकी है। मजे की बात है कि कि सभी खाते एनपीए हैं।
बैंक में कंपनियों के खाते कर्ज
रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड 830 करोड़
कोठारी फूड एंड फ्रेगरेंस 155 करोड़
रोटोमैक एक्सपोर्ट 245 करोड़
क्राउन एल्वा 165 करोड़
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