times of crime
नई दिल्ली : दिल्ली की पूर्व मुख्य मंत्री शीला दीक्षित से सुलह करने के बाद अरविंदर सिंह लवली की कांग्रेस में वापसी से प्रदेश कांग्रेस में गहमा गहमी बढ़ गयी है, लेकिन अभी भी कांग्रेस की गुटबाजी खत्म नहीं हुई है. मुख्य सचिव और आप के विधायकों के बीच विवाद के बाद दिल्ली में उपचुनाव की संभावना बढ़ गयी है.
इसके मद्देनजर कांग्रेस कार्यालय में नेताओं और कार्यकर्ताओं का आना-जाना शुरू हो गया है. विधानसभा में हार के बाद से पार्टी ऑफिस में सन्नाटा पसरा रहता था, लेकिन अब स्थिति अलग है. हालांकि अभी भी जयप्रकाश अग्रवाल, जगदीश टाइटलर, परवेज हाशमी, राजकुमार चौहान जैसे कई बड़े नेताओं में नाराजगी बरकरार है. कांग्रेस छोड़कर गये कई नेता घर वापसी की तैयारी में हैं.
मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ऑफिस में प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई नेता नहीं पहुंचे. इनमें जयप्रकाश अग्रवाल, जगदीश टाइटलर, परवेज हाशमी, राजकुमार चौहान जैसे नाम हैं. शीला के एक्टिव होने और लवली की वापसी के बाद प्रदेश ऑफिस में सोमवार को गोलमेज सम्मेलन किया गया था. इसमें पार्टी को मजबूत करने और उपचुनाव की तैयारियों को लेकर रणनीतियों पर चर्चा की गई. लेकिन एक बार फिर ये चार बड़े नेता मीटिंग से गायब दिखे.
कहा जा रहा है कि अभी भी प्रदेश अध्यक्ष माकन से उनकी सुलह नहीं हुई है. कम्युनिकेशन गैप बना हुआ है. वहीं दूसरी ओर पूर्व यूथ कांग्रेसी नेता अमित मलिक की वापसी की बातें हो रही हैं. मीडिया में आई खबरों के बाद अभी मलिक की वापसी टल गई है. सूत्रों का कहना है कि मलिक की वापसी का द्वार खुला हुआ है. कुछ दिनों में इसकी घोषणा हो सकती है. प्रदेश नेताओं की मानें तो अमित मलिक ने पार्टी छोड़ने से पहले प्रदेश अध्यक्ष पर एमसीडी में टिकट बंटवारे को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे.
अब देखने वाली बात यह है कि क्या माकन, शीला और लवली की तरह मलिक के साथ कम्युनिकेशन गैप के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हैं या फिर इस बार अमित मलिक पार्टी छोड़ने की गलती के लिए खुद को जिम्मेदार मानने की बात स्वीकार करते हुए हाथ मिलाते हैं. बात यह भी उठ रही है कि बरखा सिंह और कृष्णा तीरथ की भी वापसी हो सकती है. लेकिन साथ में यह भी कहा जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस की तरफ से ऐसी कोई पहल नहीं की जा रही है, जो छोड़ कर गए थे अगर वो पार्टी का दरवाजा खटखटाएंगे तो उनपर पार्टी जरूर विचार करेगी.
कांग्रेस की ओर से बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, सीलिंग और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की असफलता को लेकर 4 मार्च को दिल्ली के 280 ब्लॉकों में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है.
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