times of crime
इंदौर। उज्जैन लोकायुक्त ने शनिवार दोपहर करीब 1 बजे नामली यूनियन बैंक के मैनेजर और एक रिश्वतखोर एजेंट को रंगेहाथ गिरफ्तार किया। बैंक मैनेजर ने एजेंट के जरिए फरियादी से लोन की किश्त निकलवाने के लिए 25 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी।
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के नामली में लोकायुक्त पुलिस ने यूनियन बैंक से लोन की किस्त निकालने एवज में 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते मैनेजर और उसके दलाल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया.
उज्जैन लोकायुक्त पुलिस के निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव के अनुसार हिम्मत सिंह नाम के किसान की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई. हिम्मत सिंह ने अपनी शिकायत में कहा था कि यूनियन बैंक की नामली शाखा से पशुपालन के लिए सवा लाख रुपए के लोन की किस्त निकालने के लिए उससे रिश्वत मांगी जा रही है.
शिकायत की तस्दीक के बाद एसपी गीतेश गर्ग ने एक विशेष टीम का गठन किया. इस टीम ने शनिवार को कार्रवाई करते हुए नामली के यूनियन बैंक मैनेजर महेंद्र देहरिया और उसके निजी दलाल दिलीप शर्मा को 25 हजार कि रिश्वत लेते रंगे हाथों धर दबोचा.
हिम्मत सिंह ने बताया कि उसे लोन की राशि लेने के एवज में रिश्वत के लिए काफी दबाव डाला जा रहा था. इस बात से परेशान होकर उसने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत कर दी. बताया जा रहा है कि बैंक मैनेजर द्वारा निजी दलाल के जरिए रिश्वत मांगी जा रही थी. लोकायुक्त पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है.
उज्जैन लोकायुक्त पुलिस के निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव के अनुसार हिम्मत सिंह नाम के किसान की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई. हिम्मत सिंह ने अपनी शिकायत में कहा था कि यूनियन बैंक की नामली शाखा से पशुपालन के लिए सवा लाख रुपए के लोन की किस्त निकालने के लिए उससे रिश्वत मांगी जा रही है.
शिकायत की तस्दीक के बाद एसपी गीतेश गर्ग ने एक विशेष टीम का गठन किया. इस टीम ने शनिवार को कार्रवाई करते हुए नामली के यूनियन बैंक मैनेजर महेंद्र देहरिया और उसके निजी दलाल दिलीप शर्मा को 25 हजार कि रिश्वत लेते रंगे हाथों धर दबोचा.
हिम्मत सिंह ने बताया कि उसे लोन की राशि लेने के एवज में रिश्वत के लिए काफी दबाव डाला जा रहा था. इस बात से परेशान होकर उसने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत कर दी. बताया जा रहा है कि बैंक मैनेजर द्वारा निजी दलाल के जरिए रिश्वत मांगी जा रही थी. लोकायुक्त पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है.
बैंक मैनेजर और उसके साथी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. कार्रवाई पूरी होने के बाद दोनों को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें