नई दिल्ली : 11400 करोड़ रुपए के महाघोटाले से उभरने की कोशिश में जुटे पंजाब नेशनल बैंक के लिए मुसिबत बनता जा रहा है। जानकारी के अनुसार अव बैंक के 10 हजार डेबिट और क्रेडिट कार्ड का डाटा ऑनलाइन बेचे जाने की बात सामने आई है। एक जानकारी के आधार पर इन ग्राहकों की संवेदनशील जानकारी एक वेबसाइट पर बिक रही थीं।
जानकारी के अनुसार हॉन्गकॉन्ग के प्रमुख अखबार एशिया टाइम्स ने कहा है कि पीएनबी को इस डाटा चोरी की जानकारी बुधवार रात डाटा सिक्योरिटी फर्म क्लाउडसेक इंफोर्मेशन सिक्योरिटी की तरफ से दी गई थी। यह फर्म डाटा ट्रांजैक्शन पर नजर रखती है। फर्म ने बताया कि जिन साइटों पर पीएनबी ग्राहकों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड डिटेल बेची जा रही थीं, ये साइटें डीप वेब में हैं। फर्म ने बताया कि ये साइटें गूगल और अन्य प्रमुख सर्च इंजन के इंडेक्स में शामिल नहीं हैं। फर्म के चीफ टेक्निकल ऑफिसर राहुल शशी के कहा कि यह काम गैर कानूनी तरीके से हो रहा था और हमारे क्रॉलर ऐसे डाटा का पता लगाते हैं और उन्हें मशीन लर्निंग सॉफ्टवेयर में भेजते हैं।
पीएनबी के चीफ इंफोर्मेशन ऑफिसर टीडी वीरवाणी ने भी इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बैंक लगातार इस मामले की जांच को लेकर सरकार के साथ बात कर रहा है। डाटा चोरी होने की जांच की जा रही है। इन साइटों पर जो डाटा बिक्री के लिए मौजूद था। उसमें डेबिट और क्रेडिट कार्ड होल्डर का नाम, एक्सपायरी डेट, पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर और कार्ड वेरीफिकेशन वैल्यू भी शामिल थी। शशि ने बताया कि डाटा के दो सेट जारी किए गए थे, इसमें कुछ डाटा सीवीवी के साथ थे, तो कुछ बिना सीवीवी के। उन्होंने बताया कि डाटा पर जो अंतिम तारीख दर्ज है, वह 29 जनवरी, 2018 की है। इस वजह से यह आशंका पैदा हो गई है कि इसमें मौजूदा ग्राहकों का डाटा भी मौजूद था।
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