भारतीय रेलवे ने तय किया है कि वो 13 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देंगे। उन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जाएगा तो बहुत लंबे समय से अनुचित तरीके से काम से अनुपस्थित चल रहे हैं।
इस बारे में रेलमंत्री पीयूष गोयल ने अभियान चलाया और ऐसे कर्मचारियों को चिह्नित किया। उनके ऐसा करते ही रेलवे में हड़कंप मच गया। इस अभियान के बाद 13 लाख में से 13 हजार कर्मचारी चिह्नित किए गए हैं। रेलवे की ओर से आए बयान में कहा गया कि लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है। सभी अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को चिन्हित कर्मचारियों को उचित प्रक्रिया के तहत बाहर करने का निर्देश दिया गया है।
हालांकि रेलवे में स्टाफ की पहले से बहुत कमी है। लेकिन वहां जो भी कर्मचारी हैं वो भी अपनी ड्यूटी पूरी नहीं करते हैं। इस बारे में रेलमंत्री पीयूष गोयल को कई तरह की शिकायतें मिली। शिकायतों में कहा गया कि ज्यादातर कर्मचारी बगैर सक्षम स्तर से अनुमति लिए नौकरी से गैरहाजिर चल रहे थे। यहां तक की कुछ कर्मचारी अपने रसूख के दम पर ड्यूटी नहीं करते थे। लेकिन ये सभी सैलरी नियमित रूप से ले रहे हैं।
कुछ समय पहले ही बतौर रेलमंत्री चार्ज संभालने वाले पीयूष गोयल ने सबसे पहले मानव संसाधन को दुरुस्त करके इसके सौ प्रतिशत उपयोग पर जोर दिया। इसी के चलते उन्होंने सभी जोन को निर्देश दिया कि वो अभियान चलाकर नकारा कर्मचारियों को चिह्नित कर लिस्ट तैयार करें। ऐसे कर्मचारियों के के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर उचित प्रक्रिया का इस्तेमाल कर नौकरी से बाहर करने के निर्देश दिए गए।
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