महकेपार में एक बार फिर शराब दुकान को लेकर हुआ हंगामा, शराब दुकान विस्थापन पर विरोध |
ब्यूरो चीफ बालाघाट ब्यूरो // वीरेंद्र श्रीवास : 83196 08778
बालाघाट। बालाघाट के तिरोड़ी थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम महकेपार में गांव के भीतर संचालित शासकीय देशी शराब दुकान को अब सरकारी अस्पताल से महज 100 मीटर और उचित मूल्य की दुकान से केवल 50 मीटर के सामने पुराने बाजार चौक में विस्थापित करने पर ग्रामीणों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीण काफी लंबे समय से गांव की इस शराब दुकान के विरोध में है.
जिसके चलते इसके पहले भी ग्रामीणों ने शराब दुकान पर हमला बोलकर बड़़ी मात्रा में शराब नष्ट की थी. फिलहाल अब ग्रामीण नये स्थान पर शराब दुकान शुरू करने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे है. दरअसल, कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में सभी शराब दुकानें बंद थी. सरकार ने अभी जब ग्रीन जोन में शराब दुकानों को सशर्त शुरू करने की अनुमति प्रदान की ऐसे में जिले भर की सभी शराब दुकान बुधवार से शुरू हो गई.
लेकिन महकेपार में आज सुबह शराब दुकान शुरू की गई दुकान शुरू होते ही ग्रामीणों ने दुकान के सामने पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. ग्रामीणों ने बताया कि रात करीब 2 बजे शराब ठेकेदार ने दुकान के स्थान का परिवर्तन किया है. इस नये स्थान को लेकर ग्रामीण विरोध कर रहे है. ग्रामीणों के विरोध के बाद महकेपार चौकी पुलिस, तिरोड़ी पुलिस एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सहित आबकारी अमला मौके पर पहुंचा. जिसने ग्रामीणों को समझाने की पूरजोर कोशिश की लेकिन ग्रामीणों ने प्रशासन की एक नहीं सुनी आखिरकार ग्रामीणों की तरह से प्रकाश सोनवाने, युवचंद सोनवाने, खेलचंद सोनवाने, योगेश सोनवाने, नीरू गौपाले, विनोद पंचभाई, संजू डोंगरवार ने सभी ग्रामीणों की मौजूदगी में प्रशासन को ज्ञापन सौंपा.
इसके पूर्व में चौकी प्रभारी ब्रजेश मिश्रा ने शराब दुकान संचालक से दुकान विस्थापन प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज दिखाने को कहा लेकिन दुकानदार कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा पाया. जिसके चलते चौकी प्रभारी ने शराब दुकान का बोर्ड हटवाकर दुकान का शटर लगवा दिया. वहीं शाम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रोहित बम्होरे एवं तिरोड़ी तहसीलदार शोभना ठाकुर ने ग्रामीणों का आश्वस्त किया कि विस्थापन के वैद्यानिक दस्तावेजों के बगैर दुकान का अन्य स्थान पर संचालन नहीं किया जा सकेगा.
उल्लेखनीय है कि महकेपार में शराब दुकान के संचालक का ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे है. ग्रामीण शराब दुकान को बंद कराने की मांग भी कर चुके है जिसके लिए बकायदा ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर के पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज करवाई है. ग्रामीणों की आपत्ति पर कार्रवाई नहीं होने पर बीते दिनों यहां ग्रामीणों ने जमकर हंगामा करते हुए शराब दुकान को क्षति भी पहुंचाई थी किन्तु अब दुकान के विस्थापन को लेकर नये विवाद ने जन्म ले लिया है. ग्रामीण शराब दुकान को हटाने की मांग पर अड़े हुए है. मालूम रहे कि लॉकडाउन के पूर्व ग्रामीणों ने गांव में धरना प्रदर्शन भी शुरू कर दिया.
लॉकडाउन लगने के बाद पुलिस ने ग्रामीणों को धरने से हटाया लेकिन आज जब ग्रामीणों को दुकान का विरोध करने का एक मौका फिर मिल गया है तो ग्रामीण इस मौके का फायदा उठाते हुए दुकान को पूरी तरीके से बंद कराने की मांग कर रहे है. ज्ञात हो कि आज जब नये स्थान पर दुकान शुरू हुई तो गांव की महिलाएं-पुरूष बच्चे भी दुकान के सामने जमा हो गये. जिससे सोशल डिस्टेंसिंग भी तार-तार हुई. बहरहाल, प्रशासन इस शराब दुकान को हटाने या बंद करने का कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है. इधर, शराब की दुकानें खुलने से लॉकडाउन का उद्देश्य विफल हो रहा है.
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