बाहर बैठे लोगों का बेशर्म मोहल्ला, अधिकारी के बोल - यह मेरा लहजा है, अधिकारी ने आखिर क्यों बोला बेशर्म मोहल्ला ? |
ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
नागदा । लॉक डाउन में सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन कराने एवम् नगर पालिका द्वारा बनाये गये पास जिनके द्वारा आवश्यक वस्तुओ की होम डिलेवरी करने वालो को सरकार के नियमों अनुसार लागू नगर पालिका क्षेत्र में कुछ व्यापारियों, असमाजिक तत्वों द्वारा बे वजह बाइक से घूमने वालो पर लगाम लगाने के लिए प्रसाशन द्वारा टीम गठित की गई। इस टीम में प्रशानिक अधिकारियों के साथ नगर पालिका की अतिक्रमण कर्मचारियों को भी शामिल किया गया।
नागदा शहर में तहसीलदार ,नायब तहसीलदार एव पटवारीयो की टीम गठित कर यह मुहिम चलाई गई । शहर की जनता को अधिकारियों की सक्रियता को देखते हुए नगर की जनता ने अपने आपको सुरक्षित कर परिवार के साथ घरों में रहना ही उचित समझा। वही कुछ लोगों द्वारा एव कूछ व्यापारियो सहित लापरवाही बरती जा रही है।ऐसे व्यक्तियों को हिदायत देना ओर दूसरी गलती पर कार्यवाही करना समझाईश भी दी गई।
अपने आप को सिंघम समझ रहे अधिकारी अपने पद का रौब झाड़ने के चक्कर मे ज्यादती भी करते नजर आ रहे है। कुछ चुन्नीदा टीमे अपने अमले के साथ सूरज की पहली किरण के साथ अपनी झाकि मंडप जमाने के चक्कर मे किस हद तक गीर रहे है यह मीडिया से छुपा नही है। कोरोना जैसी घातक बीमारी और लॉक डाउन से परेशान जनता के बीच ऐसे अधिकारी मानवता को भुल कर केवल अपने पद की गरिमा को धूमिल कर रहे है।
सिंघम कहलाना और सिंघम बनना दोनो मे अंतर है
अपने अमले के साथ रहवासि क्षेत्र में किसी ग्रहणी या युवति से उठक बैठक लगवाना । छोटे व्यापारियों को पास ना मिलने के कारण दंडित करना। मोहल्ले के रहवासियों को मूलभूत आवश्यकताओं के सामान लेने पर कार्यवाही करना। सूचना मिलने पर बिना कारण जाने क्षेत्र की परेशानी को ना समझते हुए व्यापारी का माल जब्त करना। सिंघम कहलाने वाली महिला अधिकारी की चपेट में फल ,सब्जी वाले छोटे फेरि वाले भी आ जाते है जिनका माल जब्त कर संस्थाओ में देने के नाम पर अपने अमले को भरपूर तरीके से बन्दर बात कर लिया जाता है।
रहवासियों को लॉक डाउन का पालन करवाने में यह अधिकारी पीछे नही हट रहे है। जबकि जनमानस को ऐसी महामारी में राशन के अलावा भी कई मूलभूत सुविधाओं की आवश्यकता रहती है। लेकिन गलती से बाहर निकल जाए तो उन्हें डंडे पड़ना या चालान की कार्यवाही के लपटे में आना पड़ता है।
लॉक डाउन में शहर की सभी दुकाने बंद है सिर्फ नगर पालिका द्वारा जारी किये गये पास जो किराना ,फल , सब्जी वाले ही होम डिलीवरी कर सकता है।
सिंघम बने अधिकारियों की सभी आवश्यकताओ की पूर्ति हो रही है
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इलेक्ट्रॉनिक की दुकान लॉक डाऊन मे बंद है लॉक डाउन के समय मे गर्मी भी अपना रौद्र रुप देखा रही है गर्मी की वजह से टेम्परेचर बढ़ने के कारण फ्रिज ,कूलर ,अन्य सामानों की अपनी आवश्यकताओं के लिये दुकान खुलवाकर लेना। ओर तो और विभाग के वाहन से अपने निवास स्थान तक पहुचना यह भी तो एक गंभीर विषय है जिस पर प्रश्रचिन्ह खड़ा हो रहा है की लॉक डाऊन का पालन करवाने वाले खुद नियमो की धज्जिया उड़ा रहे है यह बात खटक रही है। नगर का जनमानस हर मुलभुत वस्तुओ के लिये तरस रहा है। और सिंघम बने अधिकारीयों के क्या कहने इस लॉक डाउन में जोरदार उड़के लग रही है।
सिंघम बने अधिकारी अपने अमले के साथ शहर में निकल पडते है गरिब जनता को मोहरा बनाने हर रोज। चालानी कार्यवाही भी बड़ी ही सक्रियता से करते है । इनकी इस कार्य शैली से असंतुष्ट है रहवासी ।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार नागदा शहर के एक क्षेत्र मे रहवासियों ने सीधा आरोप लगाया है की यह सिंघम बनी अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर रही है। क्योंकि कार्यवाही करना सही तरीका हो सकता है। लेकिन अपना रुआब झाड़ने के चक्कर में किसी भी व्यक्ति या महिला को अभद्र भाषा का उपयोग करना अशोभनीय है किसी एक व्यक्ति की लापरवाही करने पर पूरे वार्ड मोहल्ले को बेशर्म मोहल्ला बोलना इतना टुच्चा शब्द बोलना महिला अधिकारी को शोभा नही देता।
इस अधिकारी की कार्यवाही में पक्षपात दिखाई देता है। इतना रुबाब की रहवासियों में आक्रोश पैदा कर रहा है। रहवासियों का आक्रोश जताना ओर अधिकारी द्वारा अपनी जरुरत की पूर्ति के लिये और पूरे वार्ड को बेशर्म मोहल्ला बोलना अधिकारी का घमंड सर चढ़ कर बोल रहा है सिंघम का खिताब भी मीडिया ने ही दिया है। अधिकारी की लापारवाही ओर रौब झाड़ने के सभी प्रमाण अग्निसाक्षी संवादाता के पास सुरक्षित है।
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