जनपद पंचायत मालथौन कार्यालय में नहीं बैठते मुख्य कार्यपालन अधिकारी, दर दर भटकते हितग्राही |
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ब्यूरो चीफ मालथौन, जिला सागर // अनिल तिवारी : 7693931564
मालथौन। मध्य प्रदेश के सागर जिला की तहसील मालथौन जनपद पंचायत कार्यालय में चपरासी से लेकर अधिकारी अपनी मनमर्जी के अनुसार काम करते हैं। हितग्राही पंचायत से जनपद से पंचायत के चक्कर लागाते दर दर भटकते फिरते हैं।
सागर जिले में सबसे भ्रष्ट जनपद पंचायत है तो वह है मालथौन जनपद पंचायत जो हमेशा सुर्ख़ियों में बनी रहती हैं यहाँ पर पदस्थ कर्मचारी जो बीसो साल से एक ही सीट पर जमे हुऐ है। जनपद पंचायत की 62 ग्राम पंचायत में इनकी पकड़ अच्छी है। यह कर्मचारी फोर व्हीलर गाड़ियों से डेली अप डाउन करते हैं 20 साल से जमे होने के कारण लाखों करोड़ों रुपए इन्होंने एकत्र कर रखे हुए हैं।
आय से अधिक से अधिक संपत्ति इन कर्मचारियों के पास है इनके हाथ नेताओं से मिले हुए होते हैं सरकार किसी भी पार्टी की आ जाए इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता लाखों रुपए नेताओं को खर्चे की बतौर यह कर्मचारी देते रहते हैं ग्राम पंचायतों से लाखो करोड़ो रुपए घूसखोरी कर इकट्ठा करते रहते हैं इन कर्मचारियों की शिकायतें प्रदेश से लेकर केंद्र सरकार तक की जा चुकी हैं लेकिन इनका बाल बांका नहीं होता है.
हिंदी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी देवेंद्र जैन जोकि जनपद पंचायत मानसून में पदस्थ है कार्यालय के पीछे ही इनका बंगला है क्या महोदय कभी कबार जनपद पंचायत कार्यालय में आकर बैठते हैं अधिकारी तो अधिकारी कर्मचारी में डेली अप डाउन करते हुए कोई 2:00 बजे कोई 1:00 बजे जनपद पंचायत कार्यालय में आता है हितग्राही बैठे-बैठे निराश होकर अपनी समस्याएं ले करके तो आते हैं लेकिन वापस चले जाते हितग्राही को ग्राम पंचायत है जनपद में देती है.
जनपद वाले ग्राम पंचायत वापस भेज देते हैं सालों से हितग्राहियों के कार्य अधूरे पड़े हुए हैं इस कार्यालय में केवल घूसखोरी के अलावा कोई कार्य नहीं किया जाता है प्रदेश एवं जिला स्तर के अधिकारी कभी कबार आते हैं अपनी आवभगत करवा कर जेवन गर्म करते हुए वापस प्रस्थान कर जाते हैं क्षेत्र में हजारों शिकायतें लंबित हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.
ऐसा ही आज जनपद पंचायत में हमारे संवाददाता अनिल तिवारी 11:00 बजे से 2:00 बजे तक बैठे रहे सीईओ को लगातार फोन लगाते रहे लेकिन शिव महोदय फोन पर करते रहे 10 मिनट में आ रहा हूं यही बार-बार दोहराते रहे लेकिन आखिरकार महोदय नहीं आए ऐसा प्रतिदिन होता है
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