प्रापर्टी के विवाद को साम्प्रदायिक रंग देकर नागदा को हिंसा कि आग में न झोंके : दिलीप सिंह गुर्जर, विधायक |
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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
नागदा हिंसा कि मैं कठोर शब्दो मे निन्दा करता हूॅ : दिलीप सिंह गुर्जर विधायक नागदा खाचरौद
नागदा : प्रापर्टी के झगड़े को भाजपा के नेताओ ने हिन्दू-मुस्लीम का रंग देकर साम्प्रदायिकता फैलाने का प्रयास किया है। भाजपा के ही सारे नेता हिन्दू जागरण मंच के नाम से मुखौटा बदलकर जनता के सामने आ गये है। हिंसक घटना को लेकर प्रशासन द्वारा प्रकरण दर्ज कर आरोपियो को शीघ्र गिरफ्तार किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। हिंसा कि मैं कठोर शब्दो मे निन्दा करता हूॅ।
भाजपा से ही जुडे हुए लोग है शामिल
यह बात विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने शुक्रवार को जारी प्रेस बयान के माध्यम से कही। श्री गुर्जर ने कहा कि घटना कि जानकारी लेने पर पता चला कि भाजपा से ही जड़े कार्यकर्ताओ का प्रापर्टी विवाद था। सौदे कि राशि लेकर रजिस्ट्री नही कराई जा रही थी। राकेश परमार और प्रेम राजावत के बीच का विवाद भाजपा नेता आसानी से सुलझा सकते थे। राकेश तथा इसका भाई दिनेश परमार जो भाजपा नेताओं व युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष सीएम अतुल व अशोक मालवीय से जुडे हुए है। प्रेम भी भाजपा नेताओं से जुडा हुआ व्यक्ति है। राकेश ही अपने प्रापर्टी के विवाद के लिए आरोपीयों के पास पहुॅंचा था। इनके प्रापर्टी के आपसी विवाद में अपनी राजनैतिक उद्देश्यो की पुर्ति हेतू कांग्रेस को बदनाम करने के उद्देश्य से नागदा थाने में हमारे विरूद्ध नारे लगाये गये जबकि हमारा इन सब बातों से कोई लेना देना ही नहीं था।
पूर्व विधायक ने थाना चलाया घर से, अवैध धंधों के संरक्षणदाता तथा अवैध वसुली में लिप्त भी यही थे
पूर्व विधायक शेखावत तथा भाजपा नेता आरोपियो के पकड़ने कि मांग से ज्यादा मुझे बदनाम करने के उद्देश्य से अनर्गल आरोप लगा रहे है जैसे अपराध मैंने किया हो। जबसे नागदा जिला की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है तबसे ही सम्पूर्ण भाजपा विशेषकर पूर्व विधायक शेखावत बोखलाए है तभी से मुझे बदनाम करने के एक सूत्रीय एजेन्डे पर चल रही है। भाजपा नेता के कार्यकाल मे थाने उनके घर से चलते थे। नगर में चोरियाॅं व अवैध धंधे खुले चलते थे और जनता से करोड़ो वसूले गये। हिन्दू जागरण मंच भी जबाब देगा कि नीतेश हत्याकांड का क्या हुआ। हिन्दू नेता भेरूलाल टांक कि माता पत्नी और पुत्र पर किसके इशारे पर प्रकरण दर्ज हुए। उस समय नागदा बंद क्यों नहीं हुआ ?
आंदोलन से पूर्व आरोपीयों को पकडने हेतु प्रशासन को देना था समय
भाजपा को आंदोलन का निर्णय लेने से पहले पुलिस प्रशासन को आरोपीयों को पकडने के लिए कम से कम समय देना था लेकिन सुनियोजित षडयंत्र के तहत भाजपा द्वारा सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस को बदनाम करने का प्रयास था बंद को लेकर प्रशासन आरोपियों को पकडने की बजाए पुरा प्रशासन नगर की शांति व्यवस्था बनाए रखने में लग गया। शांति बनाए रखने के लिए नागरिकों को दिया धन्यवाद भाजपा नेताओ से अनुरोध करता हू कि प्रापर्टी के विवाद को साम्प्रदायिक रंग देकर नागदा को हिंसा कि आग में नही झोंके। साथ ही मैं नगर की जनता का धन्यवाद प्रकट करना चाहता हूॅं जिन्होंने इतने गंभीर मामले में धैर्य का परिचय देकर शांति व्यवस्था कायम रखी।
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