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बैतूल संवाददाता // अशोक झरबड़े : 9424554933
- दो साल पहले बनकर तैयार हुई मिट्टी परीक्षण केंद्र की इमारत।
- मिट्टी में पाए जाघने वाले इन तत्वों की होती हैं जांच
- पौधों की समुचित वृद्धि एवं विकास के लिए सर्व
एक तरफ सरकार खेती को लाभ के व्यापार में बदलने की बात कर रही है। वहीं दूसरी ओर स्टाफ व मशीन न लगने के कारण प्रयोग शाला चालू नहीं हो पा रही है। जबकि लाखों रुपए खर्च कर प्रयोगशाला बनाई गई। लेकिन इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। किसानों को खेती की मिट्टी परीक्षण के लिए 35 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
बैतूल मुख्यालय के बैतूल बाजार जाने में किसान कतराते हैं, क्योंकि उन्हें धन एवं समय दोनों की हानि होती है, इसके अलावा एक दिन में मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट किसानों को नहीं मिल पाती है। इसके चलते आठनेर ब्लॉक के किसानों ने कई बार मिट्टी परीक्षण केंद्र पर कर्मचारी व मशीन लगाकर चालू कराने की मांग की। लेकिन इस ओर कृषि अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
बता दें कि प्रदेशभर में ब्लॉक स्तर पर मिट्टी परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं की इमारत का निर्माण कराकर परीक्षण किया जा रहा है। लेकिन आठनेर ब्लॉक के बैतूल मुख्यालय मार्ग पर गुणखेडं पर इमारत तैयार होने के दो साल बाद भी परीक्षण केंद्र शुरू नहीं हो पाया है। इसकी वजह से किसान मिट्टी परीक्षण के लिए परेशान हो रहे हैं। बता दें कि किसानों को अच्छी पैदावार मिले, इसके लिए मिट्टी का परीक्षण बहुत जरूरी है। मिट्टी परीक्षण के बाद अनुकूल फसल का उत्पादन किसान कर सकता है। लेकिन क्षेत्र के हजारों किसान मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला शुरू न होने के कारण इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
मिट्टी की जांच के लिए किसानों को 45 किमी दूर जिला मुख्यालय बैतूल के बैतूल बाजार पर जाना पड़ता है
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