गाडरवारा अस्पताल की व्यवस्थाएं लचर, नहीं मिल पा रही मरीजों को बेहतर उपचार, पीने के लिए पानी तक नहीं |
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गाडरवारा व्यूरो चीफ // अरूण श्रीवास्तव
गाडरवारा। शहर की इकलौती 100 बिस्तरों की अस्पताल में यह आलम है कि यहां पर आए मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं हैं। न तो इलाज के लिए भर्ती मरीजों को पलंग पर बेड नसीब हो रहा है और न ही पीने के लिए पानी की कोई व्यवस्था है। जिसके कारण भर्ती मरीज और उनके परिजनों को बेहद समस्याएं उठानी पड़ती हैं।
बिडम्बना की बात है कि सरकार गरीबों के इलाज के लिए करोड़ों रूप्यों की राषि खर्च कर रहीं है, लेकिन स्थानीय प्रबंधन की घोर लापरवाही का उदाहरण है कि बिना बेड के ही खाली पलंग पर मरीजों को भर्ती कर दिया जाता है। यहां तक कि अस्पताल की मोटर पानी नहीं फेंक रही है, जिसके कारण मरीजों को निस्तार तो दूर की बात, पीने के लिए पानी के लिए दो चार होना पड़ रहा है।
मरीजों की बढ़ रही भीड़
वर्तमान गर्मी के मौसम में लोग संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। जिसके कारण अस्तपाल की ओपीडी में प्रतिदिन 200 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। कई पेटजन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जाता है। लेकिन इलाज के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिलने से मरीज परेषान हैं। इसके साथ ही अस्पताल प्रबंधन की मनमानी देखिए कि अस्पताल में बढ़ी भीड़ के कारण मरीजों को जमीन पर ही भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
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