प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यक्रम में सांसद, विधायक ने मंच से बांटे से आवास योजना के अधिकार पत्र, देकर छीन लिया अधिकार, अब.... |
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गाडरवारा // अरूण श्रीवास्तव
- मंच के माध्यम से हितग्राही को दिया था प्रमाण-पत्र।
- देकर छीन लिया अधिकार, अब काट रहे चक्कर
गाडरवारा। नगर पालिका द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंर्तगत प्रथम किस्त की राषि देने और पात्र हितग्राहियों के लिए मंच के माध्यम से जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में अधिकार पत्रों को वितरण किया गया था। लेकिन बिडम्बना की बात है कि पहले चरण में ही पात्र हो चुके हितग्राही अधिकार पत्र लेकर नपा के चक्कर काटकर परेषान हो रहे हैं।
जब कार्यक्रम हुआ था तो वहां क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि मंच पर मौजूद थे, और उनके हाथों से पात्र हितग्राहियों को आवास योजना में शामिल होने का अधिकार पत्र दिया गया था। उस समय तो अधिकार पत्र पाकर हितग्राही खुष हो गए थे। लेकिन उन्हें आज तक आवास योजना की राषि नहीं मिली है जिसे पाने के लिए वे नगर पालिका के चक्कर काट रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला राधावल्लभ वार्ड में प्रकाष में आया है, यहां के निवासी मदन सोनी पिता बद्री प्रसाद सोनी को आवास योजना का पात्र हितग्राही घोषित किया गया था, उन्हें मंच के माध्यम से 2.50 लाख रूप्ये की राषि की स्वीकृति प्रदान की गई थी। प्रमाण-पत्र पर नपा अध्यक्ष एवं सीएमओ के हस्ताक्षर भी हैं। बाबजूद इसके ऐसा क्या हुआ कि उसे अभी तक राषि प्रदान नहीं की गई। पीड़ित मदन सोनी का कहना है कि कई बार नपा के चक्कर काटकर हैरान हो गए हैं।
अधिकारी कहते हैं कि स्वामित्व के आवष्यक दस्तावेज प्रस्तुत कीजिए। जबकि पूर्व में आवेदन के साथ ही स्वामित्व के दस्तावेज पेष कर दिए थे, तब ही तो पात्रता की सूची में नाम आया था। इसके बाद भी बेवजह नगर पालिका द्वारा भटकाया जा रहा है। मदन सोनी कहते हैं कि हमारे पूर्वजों के नाम पर मकान है और उनका स्वर्गवास हो चुका है।
लेकिन उक्त मकान में मेरा निवास है, यह नपा के अधिकारी आकर सर्वे कर चुके हैं। प्रदेष के मुख्यमंत्री मंच से कहते हैं कि जहां जो व्यक्ति रह रहा है उसे उस जमीन का मालिक बनाएंगे, उसे पक्का मकान बनाकर देंगे। और हम अपने पूर्वजों के मकान में वर्षों से रह रहे हैं, वहां हमें पीएम आवास योजना का लाभ तक नहीं दिया जा रहा है।
जिस व्यक्ति को आवास योजना का लाभ दिया जाता है, उसके पास जमीन या मकान के स्वामित्व के दस्तावेज होना अनिवार्य है। पूर्व में सर्वे के आधार पर नाम सूची में दर्ज किया होगा। नामांतरण कराने के बाद योजना का लाभ दिया जाएगा।
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