राहुल गांधी की रैली से क्यों डरी है मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ? |
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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के लिए कमर कस ली है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 6 जून को मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में रैली के साथ चुनावी संघर्ष का शंखनाद करने जा रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष यहीं से राज्य की शिवराज सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकेंगे।
मंदसौर में राहुल गांधी की रैली को इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि एक साल पहले यहीं पर किसान गोलीकांड हुआ था जिसमें 5 किसानों की मौत हो गई थी। 6 जून 2017 को किसानों के आंदोलन के दौरान पुलिस ने उनके उग्र प्रदर्शन को रोकने के लिए गोलियां चलाई थी।
उस गोली कांड के बाद राहुल गांधी जब मारे गए किसानों के परिजनों से मिलने मंदसौर जा रहे थे तो उन्हें रास्ते में ही नीमच में प्रशासन ने रोक दिया था। हालांकि इस रैली के लिए जिला प्रशासन ने उनके सामने 19 शर्तें रखी हैं। इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन करने पर रैली के लिए मिली मंजूरी वापस ले ली जाएगी।
शर्तों के मुताबिक, सभास्थल पर सिर्फ 15 फीट का पंडाल लगाया जा सकता है। डीजे साउंड प्रतिबंधित होगा। धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले शब्दों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। लाउड स्पीकर की आवाज 10 डेसिबल से ज्यादा नहीं हो सकती। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करना होगा। लाउड स्पीकर पर रात 10 से सुबह 6 बजे तक प्रतिबंध रहेगा।
रैली में हथियारों के प्रदर्शन पर भी प्रतिबंध रहेगा। पार्किंग, बिजली, पानी आदि का बंदोबस्त खुद करना होगा। कार्यक्रम के संयोजन में लगे कार्यकर्ताओं की सूची थाने में देनी होगी। प्राकृतिक आपदा से बचाव की व्यवस्था भी आयोजकों को खुद करनी होगी।
जिला प्रशासन की शर्तों के अनुसार, आवारा पशुओं के लिए नगर पंचायत या ग्राम पंचायत को सूचना देनी होगी। सभास्थल पर चोरों को लेकर निगरानी की जिम्मेदारी आयोजकों की रहेगी। सभा स्थल पर बैठने की व्यवस्था अलग करनी होगी और आने जाने के लिए जगह छोड़ना होगा। कार्यक्रम में विवाद की स्थिति बनने पर शांतिपूर्वक समाधान करना होगा वरना मंजूरी निरस्त कर दी जाएगी।
यह भी बता दें कि जिला प्रशासन ने रैली की अनुमति सिर्फ 6 जून के लिए दी है। कांग्रेस ने इन शर्तों के बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया है। फिलहाल पूरी पार्टी रैली की तैयारियों में जुटी है।
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