मोदी सरकार में रिजर्व बैंक ने बढ़ाया रेपो रेट, अब कर्ज लेना होगा महंगा |
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार को 4 साल बाद ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. जिससे कर्ज अब और महंगा हो सकता है. बता दें मोदी सरकार में यह बढ़ोतरी पहली बार है, आरबीआई ने 4 साल बाद रेपो रेट में वृद्धि की है. रिजर्व बैंक ने यह बढ़ोतरी महंगाई बढ़ने की आशंका को देखते हुए किया हैै.
तीन दिन चली एमपीसी बैठक के बाद रेपो रेट में 0.25 फीसदी के इजाफे का फैसला किया है. वही अब रेपो रेट 6 फीसद से बढ़कर 6.25 फीसदी हो गई है. एमपीसी के सभी छह सदस्य दरों में इजाफा करने के पक्ष में थे. वहीं वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को आरबीआई ने 7.4 फीसदी पर ही बरकरार रखा है.
रेपो रेट के साथ-साथ आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट चौथाई फीसदी बढ़कर 6 फीसदी हो गया है. आरबीआई के इस फैसले के बाद आने वाले दिनों में आपके घर, कार और लोन की किस्त बढ़ सकती है. आपको बता दें कि मोदी सरकार में पहली बार रिजर्व बैंक की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई है.
क्या होता है रेपो रेट
रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिस दर से कोई भी बैंक कर्ज लेने के बाद ब्याज के तौर पर रिजर्व बैंक को देती है. दरअसल बैंकों को अपने डेली के कामों के लिए के लिए एक बड़ी रकम की आवश्यकता होती है. इसके लिए बैंक जो विकल्प अपनाते हैं, उनमें सबसे सामान्य है सेंट्रल बैंक (भारत में रिजर्व बैंक) से रात भर के लिए कर्ज लेना है. इस रात भर के लिए कर्ज पर बैंक जो ब्याज रिजर्व बैंक को चुकाती है, वह रिपो रेट कहलाता है.
क्या होता है रिवर्स रेपो रेट
जैसा की नाम से ही पता चलता है कि रिवर्स इस कर्म में बैंक के कामकाज के बाद बची राशी को वह बैंक रिजर्व बैंक को जमा करा देती है. जिस पर उन्हें रिजर्व बैंक से ब्याज भी मिलता है. जिस दर पर यह ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रीपो दर कहते हैं.
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