times of crime
राजधानी जयपुर के एक्सिस बैंक में आधी रात को राष्ट्र की सबसे बड़ी डकैती डालने पहुंचे नौ बदमाश गिरफ्त में आ गए हैं. राजस्थान के जयपुर व जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के स्पेशल ज्वॉइंट आॅपरेशन में इन बदमाशों को पुलिस ने धरदबोचा. वारदात में करीब 16-17 डकैत शामिल होने की जानकारी सामने आई है.
जोधपुर में होने की मिली सूचना- बताया जा रहा है कि जयपुर पुलिस की सूचना पर जोधपुर के महामंदिर थाना पुलिस ने बीते रविवार रात को मदेरणा कॉलोनी व जटिया कॉलोनी में दबिश देकर छह आरोपियों को अरैस्ट कर लिया था. इसके बाद तीन व बदमाशों को आज प्रातः काल तक धरदबोचा.
इनमें एक आरोपी को जैसलमेर से पकड़ा व 8 डकैत जोधपुर में पुलिस गिरफ्त में आए. पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि डकैती में शामिल 12 बदमाश जोधपुर के रहने वाले हैं. इनमें एक लुहार भी शामिल था, जिसे बैंक में रखे 925 करोड़ रुपयों से भरी तिजोरी तोड़ने लाए थे. वह लुहार भी गिरफ्त में है.
वारदात के खुलासे के लिए जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के एसीपी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़, एसीपी आस मोहम्मद, कमिश्नरेट की अपराध ब्रांच टीम के अतिरिक्त जोधपुर के महामंदिर थानाप्रभारी सीताराम खोजा, सब इंस्पेक्टर देवीलाल, हैड कांस्टेबल परमेश्वर, बंशीलाल, कांस्टेबल सुधीर और महिपाल सिंह व अन्य पुलिसवालों ने अहम किरदार निभाई.
महामंदिर थानाप्रभारी सीताराम के मुताबिक अरैस्ट आरोपी प्रमोद विश्नोई जनवरी, 2014 में जोधपुर के राइकाबाग एरिया में रोडवेज बस स्टैण्ड पर रात्रि गश्त पर मौजूद एएसआई राजेश मीना की मर्डर का आरोपी है. वह जमानत पर कारागार से बाहर आया है. महामंदिर थानाप्रभारी सीताराम खोजा को मिली सूचना पर पुलिस ने प्रमोद को हिरासत में लेकर पूछताछ की. जिसमें उसने वारदात करना स्वीकार कर लिया.
बताया जा रहा है कि 5 फरवरी को देर रात करीब 16 डकैत जोधपुर में मदेरणा कॉलोनी से तीन कारों में सवार होकर डकैती डालने जयपुर के लिए रवाना हुए. इनमें दो गाड़ियों को बदमाशों ने अजमेर हाइवे पर दूदू कस्बे में खड़ी कर दी. इसके बाद वे लोग नागौर नम्बर की इनोवा गाड़ी से जयपुर पहुंचे थे. यहां रमेश मार्ग, सी-स्कीम में एक्सिस बैंक की चेस्ट ब्रांच में सेंधमारी कर 13 बदमाश अंदर घुस गए.
एक्सिस बैंक में रात्रि सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा गार्ड प्रमोद को रिवॉल्वर दिखाकर बंधक बना लिया.फिर लूटपाट की प्रयास की. तभी बैंक की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिस कांस्टेबल सीताराम को बदमाशों के बैंक में घुसने की भनक लग गई. उसने हौंसला व सूझबूझ दिखाते हुए खिड़की के सुराख से एक गोली चला दी. इससे घबराकर बदमाश वहां से भाग निकले थे व बैंक में रखा करीब 925 करोड़ रुपया लुटने से बच गया.
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