मिर्ची बाबा वैराग्यानंद का ड्रामा शुरू, जलसमाधी के लिए कलेक्टर से अनुमति मांगी |
TOC NEWS @ www.tocnews.org
खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 98932 21036
भोपाल। लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह की जीत के लिए मिर्ची यज्ञ करने वाले बाबा वैराग्यानंद का ड्रामा फिर से शुरू हो गया है। अपने यज्ञ के कारण दिग्विजय सिंह की जीत का दावा करने वाले बाबा वैराग्यानंद ने ऐलान किया था कि यदि दिग्विजय सिंह नहीं जीते तो जल समाधि ले लूंगा। चुनाव के नतीजे आते ही बाबा फरार हो गए। अब जलसमाधि का ऐलान करते हुए कलेक्टर से अनुमति मांगी है।
बाबा वैराग्यानंद ने ऐलान किया है कि 16 जून दोपहर 2 बजकर 11 मिनट पर वो समाधी लेने वाले है, इसके लिए उन्होंने भोपाल कलेक्टर से अनुमति मांगी है। अनुमति के लिए आवेदन भी बाबा ने अपनी वकील के जरिए कलेक्टर को भेजा है। इसमें उन्होनें साफ लिखा है कि दिग्विजय सिंह के लिए उन्होंने कोहेफिजा इलाके में मिर्ची यज्ञ किया था और कहा था कि यदि दिग्विजय सिंह नहीं जीते तो वो जल समाधी लेंगे। पत्र में ये भी लिखा है कि वो अपनी बात पर अटल हैं और जो प्रण लिया है उसे जरूर पूरा करेंगे।
दिग्विजय सिंह साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से तीन लाख से ज्यादा वोटों से हार गए इसके इसके बाद बाबा बैराग्यनंद गायब हो गए थे। उन्हें यूपी में एक रोजा इफ्तार पार्टी में देखा गया था। कुछ लोगो ने बाबा का ढूंढकर लाने वाले को एक लाख रुपए देने का ऐलान भी किया गया था। बाबा का एक आडियो भी वायरल हुआ था जिसमें बाबा ने उनकी जलसमाधी का सवाल पूछने पर युवक को डांट दिया था। संत समाज ने भी बाबा की निंदा की और उनके खिलाफ कार्रवाई की थी।
बाबा वैराग्यानंद ने अपनी खो चुकी प्रतिष्ठा को पाने के लिए यह ड्रामा किया है। उन्होंने कलेक्टर से अनुमति मांगी है जो कभी नही मिल सकती। भारत में आत्महत्या की अनुमति किसी भी स्थिति में नहीं दी जा सकती। संभव है वो ऐसा करने का प्रयास करें। तब पुलिस उन्हे गिरफ्तार कर लेगी और उनके खिलाफ आत्महत्या की कोशिश करने का आपराधिक मामला दर्ज कर लिया जाएगा। इस पत्र के माध्यम से बाबा वैराग्यानंद केवल अपनी प्रतिष्ठा बचाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि बाहर निकलकर कह सकें कि वो तो जल समाधि लेने वाले थे, कलेक्टर ने अनुमति नहीं दी।
बाबा वैराग्यानंद को फर्जी यज्ञ और झूठी भविष्यवाणी करने के लिए प्रायश्चित करना चाहिए। को किसी सार्वजनिक स्थल पर 108 दिन तक जल सत्याग्रह करना चाहिए एवं ध्वनिपूर्वक ना केवल क्षमायाचना उच्चरित करना चाहिए बल्कि यह संकल्प भी दोहराना चाहिए कि आज के बाद वो कभी भी झूठी भविष्यवाणी नहीं करेंगे। हिंदू शास्त्रों में कठोर प्रायश्चित के और भी कई विकल्प उपलब्ध हैं जिनके लिए सरकार की अनुमति की जरूरत नहीं होती।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें