अख़बार की पीडीएफ कॉपी व्हाट्सएप ग्रुप में भेजना गैर कानूनी,अब केवल व्यक्तिगत (पर्सनल) या ब्रॉडकास्ट ग्रुप में ही भेजी जा सकती है
अख़बार की पीडीएफ कॉपी व्हाट्सएप ग्रुप में भेजना गैर कानूनी, अब केवल व्यक्तिगत ( पर्सनल ) ही भेजी जा सकती है।
कोरोना लॉक डाउन के चलते देश भर के अखबार मंडी से गुजर रहे है। जिसके चलते इंडियन न्यूज़ पेपर सोसायटी (INS) ने निर्णय लिया कि अब अखबारों यानी समाचार पत्र के ई पेपर से पेज डाउनलोड कर उसकी पीडीएफ फाइल व्हाट्सएप इत्यादि ग्रुप में प्रसारित करना गैर कानूनी है। ईपेपर या उसके अंश की कॉपी करके सोशल मीडिया पर अवैध रूप से प्रसारित करने वाले व्यक्ति के खिलाफ अखबार कड़ी कार्रवाई कर भारी जुर्माने की कार्रवाई कर सकते हैं।
इस तरह से अखबार की पीडीएफ कॉपी अवैध रूप से सर्कुलेट करने वाले उस व्हाट्सएप या टेलीग्राम एडमिन को जिम्मेदार माना जाएगा। ज्यादा पीडीएफ डाउनलोड करने वाले यूजर्स को ब्लॉक किया जाएगा। आईएनएस की सलाह पर समाचार पत्र समूह ऐसी तकनीक का प्रयोग करेंगे जिससे की अखबार की पीडीएफ फाइल डाउनलोड कर उसे सोशल मीडिया में प्रसारित करने वाले व्यक्ति का पता चल सकेगा। हर सप्ताह में एक निर्धारित संख्या से ज्यादा पीडीएफ डाउनलोड करने वाले यूजर को ब्लॉक किया जाएगा।
वही व्यक्तिगत व्हाट्सएप नंबर पीडीएफ फाईल भेजी जा सकता है। जिसके चलते ब्रॉडकास्ट ग्रुप में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। कानूनी कार्रवाई केवल में शेयरिंग पर की जाएगी। जिसके चलते व्यक्तिगत तौर न्यूज पेपर की पीडीएफ फाइल को भेजने का अधिकार यूजर को है। इस नीति से अखबारों के बिक्री में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस समय छोटे अख़बारों की पीडीएफ फाइल जोरो से शेयर की जा रही है।
जिसके चलते छोटे अखबारों की लोकप्रियता दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती जा रही है। अब छोटे अखबार पीडीएफ कॉपी के मार्फत तकड़ी लोकप्रियता अर्जित कर सकते है। वही बड़े अखबार वाले व्हाट्सएप ग्रुप में पीडीएफ कॉपी शेयर करने वाले को ढूढने में लग चुकी है।
अख़बार की पीडीएफ कॉपी व्हाट्सएप ग्रुप में भेजना गैर कानूनी, अब केवल व्यक्तिगत ( पर्सनल ) ही भेजी जा सकती है।
कोरोना लॉक डाउन के चलते देश भर के अखबार मंडी से गुजर रहे है। जिसके चलते इंडियन न्यूज़ पेपर सोसायटी (INS) ने निर्णय लिया कि अब अखबारों यानी समाचार पत्र के ई पेपर से पेज डाउनलोड कर उसकी पीडीएफ फाइल व्हाट्सएप इत्यादि ग्रुप में प्रसारित करना गैर कानूनी है। ईपेपर या उसके अंश की कॉपी करके सोशल मीडिया पर अवैध रूप से प्रसारित करने वाले व्यक्ति के खिलाफ अखबार कड़ी कार्रवाई कर भारी जुर्माने की कार्रवाई कर सकते हैं।
इस तरह से अखबार की पीडीएफ कॉपी अवैध रूप से सर्कुलेट करने वाले उस व्हाट्सएप या टेलीग्राम एडमिन को जिम्मेदार माना जाएगा। ज्यादा पीडीएफ डाउनलोड करने वाले यूजर्स को ब्लॉक किया जाएगा। आईएनएस की सलाह पर समाचार पत्र समूह ऐसी तकनीक का प्रयोग करेंगे जिससे की अखबार की पीडीएफ फाइल डाउनलोड कर उसे सोशल मीडिया में प्रसारित करने वाले व्यक्ति का पता चल सकेगा। हर सप्ताह में एक निर्धारित संख्या से ज्यादा पीडीएफ डाउनलोड करने वाले यूजर को ब्लॉक किया जाएगा।
वही व्यक्तिगत व्हाट्सएप नंबर पीडीएफ फाईल भेजी जा सकता है। जिसके चलते ब्रॉडकास्ट ग्रुप में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। कानूनी कार्रवाई केवल में शेयरिंग पर की जाएगी। जिसके चलते व्यक्तिगत तौर न्यूज पेपर की पीडीएफ फाइल को भेजने का अधिकार यूजर को है। इस नीति से अखबारों के बिक्री में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस समय छोटे अख़बारों की पीडीएफ फाइल जोरो से शेयर की जा रही है।
जिसके चलते छोटे अखबारों की लोकप्रियता दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती जा रही है। अब छोटे अखबार पीडीएफ कॉपी के मार्फत तकड़ी लोकप्रियता अर्जित कर सकते है। वही बड़े अखबार वाले व्हाट्सएप ग्रुप में पीडीएफ कॉपी शेयर करने वाले को ढूढने में लग चुकी है।
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