ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा : 8305895567
अचानक हुई शिक्षकों की तबियत खराब
नागदा, शासन द्वारा 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच किल कोरोना अभियान चलाया जा रहा है जिसमे आगन वाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ स्कूली शिक्षकों को घर घर जा कर सर्वे करना है जिससे कोरोना की चेन को तोड़ने में मदद मिल सके।
सर्वे में सभी बिमारियों की जानकारी जुटाई जा रही है किन्तु अचानक जानकारी मिली की 30 जुन से 2 जुलाई के बीच शिक्षक अचानक कई बिमारियों से ग्रसित हो गये। शिक्षकों ने विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी सनत कुमार व्यास को मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ आवेदन दे दिये जिसमे बीमारी का बहाना बनाया गया है जो साफ साफ दिखाई दे रहा है। जिनकी संख्या को देखते हुवे अधिकारी भी अचंभित हो गये।
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आवेदन देने वाले शिक्षकों में जगदीश लोहार ग्राम भिलसुडा जो घर बैठे है। अब्दुल रज्जाक उर्दू प्राथमिक विद्यालय किल्किपुर को कमर में दर्द हो गया। वन्दना तलगावकर को हार्ट की प्राब्लम है। दिनेश जैन उन्हेल को डायबटीज, संध्या जैन कन्या स्कुल को वेरिकोज वेन्स की परेशानी है, अनिता निगम के जोड़ो के दर्द का इलाज हो रहा है, राधेश्याम चौहान बरखेडा को इंजरी है, सुमन पोरवाल के पति बिमार है, मीना गहलोत बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के आत मे सूजन हो गई है,
इन्दु लोन्खेदे को वेश्टीगो है तो रितु राय रत्नया खेड़ि को अल्सेरिटिव क्लोटाईस हो गया है, अवन्ती कुसवाहा का बेटा बिमार है, सुनीता जामगडे हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित है, जीवन लाल सोलंकी, नसरत जाफरी को दमा है तो शिवनारायण खाचरौद को कमर में दर्द है। ये सभी शिक्षक किल कोरोना के सर्वे से बीमारी का बहाना बना कर भागते दिखाई दे रहे है। शिक्षक तो भारत के भविष्य निर्माता कहलाते है । जो खुद झूठे मेडिकल लगा कर भाग रहे है वह बच्चों को क्या शिक्षा देते होंगे सोचने वाली बात है यह तो केवल स्कूलो मे आ कर अपनी नौकरी बजाने का काम करते है । इनकी जांच कर इन सभी पर कार्यवाही की जानी चाहिये।
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