मां ताप्ती के चरण पखारने मंदिर के अंदर पहुंचा सरोवर का जल, ताप्ती सरोवर ओवरफ्लो होने में मात्र एक बार बारिश की जरूरत |
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ब्यूरो चीफ मुलताई, जिला बैतूल
मुलताई। इस वर्ष श्रावण मास के मध्य में ताप्ती सरोवर पूरी तरह लबालब भर गया है तथा एक बार की हल्की बारिश से सरोवर ओवरफ्लो हो जाएगा। फिलहाल सरोवर की सबसे उपर की सीढिय़ां भी पानी में डूब गई है जिससे सरोवर की छटा देखते ही बन रही है। सरोवर का जल मां ताप्ती की प्रतिमा के पांव पखारने मंदिर के अंदर पहुंच चुका है जिससे मंदिर की शोभा भी दर्शनीय बन पड़ी है।
फिलहाल नगर में लाक डाऊन होने से श्रद्धालु मां ताप्ती सरोवर के विहंगम नजारे का लुत्फ नही उठा पा रहे हैं। इस वर्ष मानसून के प्रारंभ से ही नगर सहित क्षेत्र में खासी बारिश होने से सरोवर समय पर भर गया वहीं विगत वर्ष श्रावण मास में सरोवर नही भर पाया था जिसके बाद बारिश के अंत में जोरदार बारिश के बाद सरोवर ओवरफ्लो हुआ था। इसलिए इस वर्ष ग्रीष्मकाल में भी सरोवर का पानी का लेवल उतना कम नही हुआ जितना की प्रतिवर्ष ताप्ती का जलस्तर नीचे चला जाता था।
इस वर्ष तीन से चार बार की मूसलाधार बारिश से ही सरोवर पूरी तरह लबालब हो गया है जबकि अभी बारिश के ढाई माह और बाकि है। ताप्ती सरोवर के लबालब होते ही अब नगर सहित पूरे क्षेत्रवासियों को सरोवर के ओवरफ्लो होने का इंतजार है जो अब कभी भी हो सकता है।
ओवरफ्लो उत्सव पर भारी पड़ सकता है लाक डाऊन
नगर के प्रमुख उत्सवों में ताप्ती सरोवर का ओवरफ्लो होना भी एक है जिसमें पूरे नगरवासी ताप्ती सरोवर ओवरफ्लो होने पर जश्र मनाते हुए भीगते हैं। जब तक ताप्ती सरोवर में ओवरफ्लो बना रहता है दिन रात लोग ताप्ती सरोवर में उत्सव मनाने एवं पूजन करने पहुंचते हैं जिसमें बच्चों के लिए यह महोत्सव की तरह होता है जब उन्हे ताप्ती सरोवर से मार्ग क्रास कर सीढिय़ों से गिरते हुए पानी में नहाने का मौका मिलता है। लेकिन इस वर्ष बार-बार लाक डाऊन के कारण इस वर्ष ताप्ती सरोवर ओवरफ्लो उत्सव पर भी ग्रहण लग सकता है और लोग पूजन तो कर सकते हैं लेकिन भीड़ नही कर सकते इसलिए यह अपेक्षित जश्र नही मना पाएगें। इसके लिए प्रशासन द्वारा ओवर फ्लो के दौरान लोगों को ताप्ती तट पर उत्सव मनाने से रोकना कठिन कार्य होगा।
ताप्ती मंदिर में पहुंचा पानी
सरोवर पूरा भर जाने के बाद सबसे पहले ताप्ती मंदिर में पानी पहुंचता है। ताप्ती मंदिर में पानी पहुंचना मतलब सरोवर पूरी तरह भर जाना होता है। इस दौरान लोगों को पानी में खड़े रहकर ही मां ताप्ती की प्रतिमा का पूजन करना पड़ता है। हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण के कारण श्रद्धालुओं को मंदिर में जाने की अनुमति नही है इसलिए बाहर से ही मां का पूजन करना होगा। इधर फिलहाल लाक डाऊन के कारण ताप्ती का पूरा प्रदक्षिणा मार्ग सूना पड़ा हुआ है तथा किसी को भी प्रशासन द्वारा वहां से गुजरने भी नही दिया जा रहा है।
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